राजनांदगांव: राजनांदगांव की बेटी ज्ञानेश्वरी यादव ने दिल्ली में आयोजित एशियन यूथ और जूनियर वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में रजत पदक जीता है. ज्ञानेश्वरी ने एशियन यूथ और जूनियर वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में महिलाओं के 49 भारवर्ग में रजत पदक जीता है. ज्ञानेश्वरी ने एशियन यूथ एन्ड जूनियर वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में दूसरा स्थान हासिल किया. जीत के बाद जब ज्ञानेश्वरी सोमवार को राजनांदगांव पहुंची तो शहरवासियों ने भव्य स्वागत किया.
शहरवासियों ने किया भव्य स्वागत: ज्ञानेश्वरी ने 28 जुलाई से 5 अगस्त तक आयोजित होने वाले एशियन यूथ एंड जूनियर वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में 175 भार (78 +97) भार उठाया. ज्ञानेश्वरी यादव सिल्वर मेडल जीतकर शहर पहुंची. राजनांगदांव में ज्ञानेश्वरी का भव्य स्वागत किया गया. इस दौरान रथ में बिठाकर शोभायात्रा निकाली गई. डीजे बजाया गया. लोग फूल-माला लेकर स्वागत किए.शहर वासियों के साथ व्यायाम शाला के लोगों ने भी जमकर स्वागत किया.
वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतने की ख्वाहिश: मीडिया से बातचीत करते हुए ज्ञानेश्वरी यादव ने बताया कि इस जीत का श्रेय वो अपने परिवार और मेरे कोच को देती है. उन्होंने कहा कि "मेरी इच्छा है कि मैं वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतूं. इसके लिए मुझे तैयारी करनी है.एशियन गेम्स में 1-2 केजी से मैं चूक गई.मुझे अपना बेस्ट परफॉर्मेंस देना था. मेरे कोच ने मेरा हौसला बढ़ाया. अगली बार मैं पूरी कोशिश करूंगी कि मैं वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत का नाम रोशन करूं और गोल्ड मेडल लेकर आऊ. इसके लिए मैंने 3 घंटा सुबह, 3 घंटा शाम मेहनत की थी. यह मेरी पूरी साल भर की मेहनत थी.
पहले भी जीत चुकी है पदक: ज्ञानेश्वरी यादव ने कई पदक अपने नाम किए हैं. कई गोल्ड मेडल और सिल्वर मेडल अपने नाम किए हैं. हिमाचल प्रदेश के नगरोटा में जून में हुए नेशनल वेटलिफ्टिंग रैंकिंग चैंपियनशिप में ज्ञानेश्वरी यादव ने 49 किलोग्राम भार वर्ग में देश की नंबर वन वेटलिफ्टर बन गई थी. ज्ञानेश्वरी सीनियर वर्ग में भी मैदान में उतरी थी. वहां उन्होंने टोक्यो ओलंपिक की सिल्वर मेडलिस्ट मीराबाई चानू को टक्कर दी थी. ज्ञानेश्वरी यादव ने इस प्रतियोगिता में रजत पदक पर कब्जा किया था. इसके साथ ही इसी भार वर्ग में जूनियर वर्ग की स्पर्धा में ज्ञानेश्वरी ने स्वर्ण पदक अपने नाम किया था.