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कोरोना फैलने का खतरा ! बिना मेडिकल जांच के छत्तीसगढ़ में आ रहे प्रवासी मजदूर

बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर महाराष्ट्र से छत्तीसगढ़ की सीमा में दाखिल हो रहे हैं. हैरान करने वाली बात है कि छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा में भी मेडिकल हेल्थ कैंप लगाया गया है,लेकिन महाराष्ट्र से छत्तीसगढ़ में प्रवेश करने वाले मजदूरों का यहां भी मेडिकल चेकअप नहीं किया जा रहा है.

EXCLUSIVE REPORT from Chhattisgarh-Maharashtra border
छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र सीमा से EXCLUSIVE REPORT
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Published : Apr 26, 2020, 6:45 PM IST

Updated : Apr 26, 2020, 10:05 PM IST

राजनांदगांव : कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए देशभर में लागू किए गए लॉकडाउन में राज्यों की सीमा सील किए जाने के दावों की पोल अंतर्राज्यीय सीमा पर खुल रही है. लॉकडाउन के दौरान एक राज्य से दूसरे राज्य बिना मेडिकल चेकअप के जाने की छूट नहीं है. फिर भी राजनांदगांव में प्रशासन राज्य की सीमा सील करने में नाकाम दिखाई दे रहा है. इसके चलते देश भर में सबसे ज्यादा संक्रमित मरीजों की संख्या वाले राज्य महाराष्ट्र से पैदल चलकर मजदूर राज्य की सीमा में दाखिल हो रहे हैं और उन्हें बिना चेकअप के ही आने दिया जा रहा है.

छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र सीमा से EXCLUSIVE रिपोर्ट

यहां तक की इन मजदूरों को रोककर कोई यह भी पूछने को तैयार नहीं है कि वह किस इलाके से आ रहे हैं और उनका मेडिकल चेकअप हुआ भी या नहीं. सबसे गंभीर बात तो यह है कि छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा में भी मेडिकल हेल्थ कैंप लगाया गया है,लेकिन महाराष्ट्र से छत्तीसगढ़ में प्रवेश करने वाले मजदूरों का यहां भी मेडिकल चेकअप नहीं किया जा रहा है.

EXCLUSIVE REPORT from Chhattisgarh-Maharashtra border
प्रवासी मजदूर

छत्तीसगढ़ के मजदूर पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में मजदूरी के लिए जाते हैं केवल राजनांदगांव जिले की बात करें तो तकरीबन 15000 के करीब मजदूर महाराष्ट्र के अलग-अलग जिलों में मजदूरी के लिए जाते हैं. देशभर में लागू किए गए लॉकडाउन के बाद अब वे अपने घर लौटने लगे हैं. लेकिन लौटने वाले इन मजदूरों का मेडिकल चेकअप नहीं किया जा रहा है. इस बात की खबर मिलते ही ETV भारत की टीम छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सीमा बाघ नदी पर पहुंची. जहां मौके पर टीम ने पाया कि राजनांदगांव जिला प्रशासन के दावे केवल दावे हैं.

EXCLUSIVE REPORT from Chhattisgarh-Maharashtra border
छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र सीमा पर तैनात अधिकारी

सिर्फ की जा रही गाड़ियों की एंट्री

ग्राम पंचायत ने बाघ नदी में 2 कैंप लगाए गए हैं. एक बाहर से आने वाले लोगों के लिए कोरोना वायरस के संक्रमण को चेक करने के लिए तो दूसरा एक राज्य से दूसरे राज्य जाने वाली गाड़ियों के चालक के नाम और नंबर व्यवस्थित रखने के लिए. यहां पर पहुंचते ही टीम ने जब जायजा लिया तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए. सबसे पहले हम संक्रमित मरीजों के जांच के लिए लगाए गए हेल्थ कैंप में पहुंचे जहां पर प्रभारी अधिकारी के रूप में डॉ कैलाश चौधरी मौजूद थे.

छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र सीमा से EXCLUSIVE REPORT
हेल्थ कैंप के प्रभारी अधिकारी

टीम ने जब डॉक्टर से सवाल पूछा कि महाराष्ट्र से आने वाले मजदूरों का हेल्थ चेकअप क्यों नहीं किया जा रहा है तो उन्होंने जवाब दिया कि 'जो मजदूर महाराष्ट्र से आ रहे हैं राजस्व विभाग के कैंप प्रभारी जब उन्हें हेल्थ कैंप भेजेंगे तब ही हम चेक कर सकते हैं'

टीम ने फिर डॉक्टर से सवाल किया कि मजदूर बिना चेकअप के राज्य की सीमा में दाखिल हो रहे हैं इन्हें रोकने के लिए आप क्या कर रहे हैं तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि 'इस पर हम कुछ नहीं कर सकते'. ऐसी स्थिति में बड़ी आसानी से संक्रमित मजदूर राज्य की सीमा में दाखिल हो रहे हैं.

बिना मेडिकल चेकअप के छत्तीसगढ़ में प्रवेश

दूसरी ओर जब टीम ने राजस्व विभाग के कैंप प्रभारी डोंगरगढ़ तहसीलदार से संपर्क करने की कोशिश की तो पता चला वह ड्यूटी से नदारद हैं. इसके बाद टीम कैंप में तैनात कर्मचारी ऐश्वर्या कुमार राव से सवाल किया कि आखिर जो मजदूर पैदल चलकर छत्तीसगढ़ की सीमा में दाखिल हो रहे हैं, उन्हें बिना मेडिकल चेकअप के क्यों प्रवेश दिया जा रहा है. विभाग के कर्मचारियों का साफ तौर पर कहना था कि 'उन्हें निर्देश है कि वाहन चालकों के नाम और नंबर रजिस्टर में एंट्री किए जाएं मजदूरों के आने-जाने पर कोई भी रोक लगाने के लिए नहीं कहा गया है'

पढ़ें-पत्तागोभी से कोरोना फैलने की अफवाह, किसान भुगत रहे खामियाजा

प्रभारी एक दूसरे पर लगा रहे आरोप

टीम ने जब सबसे महत्वपूर्ण सवाल राजस्व कैंप के कर्मचारी से पूछा कि 'आखिर जो मजदूर पैदल चलकर महाराष्ट्र की सीमा से छत्तीसगढ़ में दाखिल हो रहे हैं उन्हें हेल्थ कैंप में क्यों नहीं भेजा जा रहा है' तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि 'इसकी जवाबदारी उनकी नहीं है, जबकि हेल्थ कैंप के प्रभारी राजस्व विभाग के आइडेंटिफाई होने के बाद ही मजदूरों के चेकअप होने की बात कही. इस तरीके से दोनों ही कैंप के प्रभारी एक दूसरे पर आरोप मढ़ रहे हैं. दूसरी ओर बड़ी संख्या में महाराष्ट्र और हैदराबाद से पैदल चलकर मजदूर आसानी से छत्तीसगढ़ की सीमा में प्रवेश कर रहे हैं.

पढ़ें-अब कोरोना अस्पतालों में होंगे 'HOSPITAL BUDDY', इस तरह करेंगे मदद

संक्रमित हुए तो खड़ी होगी छत्तीसगढ़ के लिए नई मुश्किल

देशभर में महाराष्ट्र ऐसा राज्य है जहां संक्रमित मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है और यहां राजनांदगांव जिले के तकरीबन 15000 मजदूर हैं, जो मजदूरी करने के लिए जाते हैं और वे लगातार पैदल चलकर छत्तीसगढ़ वापस लौट रहे हैं. ETV भारत ने पैदल आ रहे ऐसे मजदूर परिवारों से चर्चा की तो पता चला कि उन्हें 'किसी ने राज्य में प्रवेश से नहीं रोका है और वे अब अपने निवास स्थान की ओर पैदल चलकर जा रहे हैं'. अब ऐसी स्थिति में बिना मेडिकल चेकअप के राज्य में प्रवेश करने वाले मजदूर कभी भी राज्य के लिए खतरा बन सकते हैं, वे सीधे अलग-अलग गांव में प्रवेश कर रहे हैं. लेकिन प्रशासन का इस ओर ध्यान ही नहीं है.

प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान

बहरहाल, लगातार पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश से मजदूरों का पैदल चलकर छत्तीसगढ़ की सीमा में दाखिल होने का क्रम जारी है. ना तो जिला प्रशासन इस ओर ध्यान दे रहा है और ना ही पुलिस की इनपर निगरानी है.

राजनांदगांव : कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए देशभर में लागू किए गए लॉकडाउन में राज्यों की सीमा सील किए जाने के दावों की पोल अंतर्राज्यीय सीमा पर खुल रही है. लॉकडाउन के दौरान एक राज्य से दूसरे राज्य बिना मेडिकल चेकअप के जाने की छूट नहीं है. फिर भी राजनांदगांव में प्रशासन राज्य की सीमा सील करने में नाकाम दिखाई दे रहा है. इसके चलते देश भर में सबसे ज्यादा संक्रमित मरीजों की संख्या वाले राज्य महाराष्ट्र से पैदल चलकर मजदूर राज्य की सीमा में दाखिल हो रहे हैं और उन्हें बिना चेकअप के ही आने दिया जा रहा है.

छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र सीमा से EXCLUSIVE रिपोर्ट

यहां तक की इन मजदूरों को रोककर कोई यह भी पूछने को तैयार नहीं है कि वह किस इलाके से आ रहे हैं और उनका मेडिकल चेकअप हुआ भी या नहीं. सबसे गंभीर बात तो यह है कि छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा में भी मेडिकल हेल्थ कैंप लगाया गया है,लेकिन महाराष्ट्र से छत्तीसगढ़ में प्रवेश करने वाले मजदूरों का यहां भी मेडिकल चेकअप नहीं किया जा रहा है.

EXCLUSIVE REPORT from Chhattisgarh-Maharashtra border
प्रवासी मजदूर

छत्तीसगढ़ के मजदूर पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में मजदूरी के लिए जाते हैं केवल राजनांदगांव जिले की बात करें तो तकरीबन 15000 के करीब मजदूर महाराष्ट्र के अलग-अलग जिलों में मजदूरी के लिए जाते हैं. देशभर में लागू किए गए लॉकडाउन के बाद अब वे अपने घर लौटने लगे हैं. लेकिन लौटने वाले इन मजदूरों का मेडिकल चेकअप नहीं किया जा रहा है. इस बात की खबर मिलते ही ETV भारत की टीम छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सीमा बाघ नदी पर पहुंची. जहां मौके पर टीम ने पाया कि राजनांदगांव जिला प्रशासन के दावे केवल दावे हैं.

EXCLUSIVE REPORT from Chhattisgarh-Maharashtra border
छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र सीमा पर तैनात अधिकारी

सिर्फ की जा रही गाड़ियों की एंट्री

ग्राम पंचायत ने बाघ नदी में 2 कैंप लगाए गए हैं. एक बाहर से आने वाले लोगों के लिए कोरोना वायरस के संक्रमण को चेक करने के लिए तो दूसरा एक राज्य से दूसरे राज्य जाने वाली गाड़ियों के चालक के नाम और नंबर व्यवस्थित रखने के लिए. यहां पर पहुंचते ही टीम ने जब जायजा लिया तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए. सबसे पहले हम संक्रमित मरीजों के जांच के लिए लगाए गए हेल्थ कैंप में पहुंचे जहां पर प्रभारी अधिकारी के रूप में डॉ कैलाश चौधरी मौजूद थे.

छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र सीमा से EXCLUSIVE REPORT
हेल्थ कैंप के प्रभारी अधिकारी

टीम ने जब डॉक्टर से सवाल पूछा कि महाराष्ट्र से आने वाले मजदूरों का हेल्थ चेकअप क्यों नहीं किया जा रहा है तो उन्होंने जवाब दिया कि 'जो मजदूर महाराष्ट्र से आ रहे हैं राजस्व विभाग के कैंप प्रभारी जब उन्हें हेल्थ कैंप भेजेंगे तब ही हम चेक कर सकते हैं'

टीम ने फिर डॉक्टर से सवाल किया कि मजदूर बिना चेकअप के राज्य की सीमा में दाखिल हो रहे हैं इन्हें रोकने के लिए आप क्या कर रहे हैं तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि 'इस पर हम कुछ नहीं कर सकते'. ऐसी स्थिति में बड़ी आसानी से संक्रमित मजदूर राज्य की सीमा में दाखिल हो रहे हैं.

बिना मेडिकल चेकअप के छत्तीसगढ़ में प्रवेश

दूसरी ओर जब टीम ने राजस्व विभाग के कैंप प्रभारी डोंगरगढ़ तहसीलदार से संपर्क करने की कोशिश की तो पता चला वह ड्यूटी से नदारद हैं. इसके बाद टीम कैंप में तैनात कर्मचारी ऐश्वर्या कुमार राव से सवाल किया कि आखिर जो मजदूर पैदल चलकर छत्तीसगढ़ की सीमा में दाखिल हो रहे हैं, उन्हें बिना मेडिकल चेकअप के क्यों प्रवेश दिया जा रहा है. विभाग के कर्मचारियों का साफ तौर पर कहना था कि 'उन्हें निर्देश है कि वाहन चालकों के नाम और नंबर रजिस्टर में एंट्री किए जाएं मजदूरों के आने-जाने पर कोई भी रोक लगाने के लिए नहीं कहा गया है'

पढ़ें-पत्तागोभी से कोरोना फैलने की अफवाह, किसान भुगत रहे खामियाजा

प्रभारी एक दूसरे पर लगा रहे आरोप

टीम ने जब सबसे महत्वपूर्ण सवाल राजस्व कैंप के कर्मचारी से पूछा कि 'आखिर जो मजदूर पैदल चलकर महाराष्ट्र की सीमा से छत्तीसगढ़ में दाखिल हो रहे हैं उन्हें हेल्थ कैंप में क्यों नहीं भेजा जा रहा है' तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि 'इसकी जवाबदारी उनकी नहीं है, जबकि हेल्थ कैंप के प्रभारी राजस्व विभाग के आइडेंटिफाई होने के बाद ही मजदूरों के चेकअप होने की बात कही. इस तरीके से दोनों ही कैंप के प्रभारी एक दूसरे पर आरोप मढ़ रहे हैं. दूसरी ओर बड़ी संख्या में महाराष्ट्र और हैदराबाद से पैदल चलकर मजदूर आसानी से छत्तीसगढ़ की सीमा में प्रवेश कर रहे हैं.

पढ़ें-अब कोरोना अस्पतालों में होंगे 'HOSPITAL BUDDY', इस तरह करेंगे मदद

संक्रमित हुए तो खड़ी होगी छत्तीसगढ़ के लिए नई मुश्किल

देशभर में महाराष्ट्र ऐसा राज्य है जहां संक्रमित मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है और यहां राजनांदगांव जिले के तकरीबन 15000 मजदूर हैं, जो मजदूरी करने के लिए जाते हैं और वे लगातार पैदल चलकर छत्तीसगढ़ वापस लौट रहे हैं. ETV भारत ने पैदल आ रहे ऐसे मजदूर परिवारों से चर्चा की तो पता चला कि उन्हें 'किसी ने राज्य में प्रवेश से नहीं रोका है और वे अब अपने निवास स्थान की ओर पैदल चलकर जा रहे हैं'. अब ऐसी स्थिति में बिना मेडिकल चेकअप के राज्य में प्रवेश करने वाले मजदूर कभी भी राज्य के लिए खतरा बन सकते हैं, वे सीधे अलग-अलग गांव में प्रवेश कर रहे हैं. लेकिन प्रशासन का इस ओर ध्यान ही नहीं है.

प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान

बहरहाल, लगातार पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश से मजदूरों का पैदल चलकर छत्तीसगढ़ की सीमा में दाखिल होने का क्रम जारी है. ना तो जिला प्रशासन इस ओर ध्यान दे रहा है और ना ही पुलिस की इनपर निगरानी है.

Last Updated : Apr 26, 2020, 10:05 PM IST
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