राजनांदगांव: कृषि कानून को रद्द करने की मांग को लेकर राजनांदगांव में आदिवासी अंचल से आए किसान रेल रोकने के लिए पहुंचे, लेकिन पुलिस प्रशासन की तगड़ी व्यवस्था के चलते वे स्टेशन के भीतर भी नहीं घुस पाए. किसानों की संख्या बेहद कम थी. इसके साथ ही कांग्रेस नेताओं के समर्थन के बावजूद भी आंदोलन करने वाले किसानों की संख्या महज सौ से डेढ़ सौ के आसपास रही.
कृषि कानून के खिलाफ देशव्यापी रेल रोको आंदोलन में राजनांदगांव जिला किसान संगठन ने अपनी ताकत दिखाने की कोशिश तो की, लेकिन पूरी तरीके से नाकाम रहे. पुलिस प्रशासन ने स्टेशन पर पहले से ही बैरिकेड लगा रखे थे. किसान नेता स्टेशन के अंदर घुसते इसके पहले पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. ऐसे में भीड़ में बचे हुए किसान असहाय हो गए और गिनती के किसानों की संख्या होने के कारण रेल रोको आंदोलन पूरी तरीके से फ्लॉप हो गया.
आरंग में रेल रोको आंदोलन: कृषि कानून वापस लेने की मांग
महापौर भी हुई शामिल
रेल रोको आंदोलन में किसान संगठन के ज्यादातर पदाधिकारी शामिल हुए. लेकिन कांग्रेस नेताओं के समर्थन के बाद भी रेल रोको आंदोलन सफल नहीं हो पाया. नगर निगम की महापौर हेमा देशमुख सहित कांग्रेस के कई पदाधिकारी भी मौके पर पहुंचे, लेकिन इनकी भी संख्या नाम मात्र थी. इसके चलते आंदोलन को सफलता नहीं मिल पाई.
155 किसानों की गिरफ्तारी
रेल रोको आंदोलन में पहुंचे किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने किसान संगठन के नेता सुदेश टीकम, महापौर हेमा देशमुख, मोतीलाल सिन्हा को मौके पर बैरिकेड तोड़ने के ठीक बाद गिरफ्तार कर लिया. सीएसपी मणिशंकर चंद्रा ने बताया कि किसान आंदोलन के तहत करीब 155 किसानों की गिरफ्तारियां की गई है.