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डोंगरगढ़ : बाइपास निर्माण के प्रपोजल को नहीं मिली केंद्र सरकार की सहमति

भर्रीटोला से कलकसा तक होने वाले बाइपास निर्माण के प्रपोजल पर केंद्र सरकार ने सहमति नहीं दी है.

Proposal for bypass construction rejected in central government
बाइपास निर्माण के प्रपोजल को ना
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Published : Mar 1, 2020, 4:59 PM IST

Updated : Mar 1, 2020, 6:21 PM IST

राजनांदगांव : डोंगरगढ़ शहर से भारी वाहनों की आवाजाही से सड़क में ट्रैफिक का दबाव बढ़ गया है. सड़क की क्षमता से ज्यादा हैवी गाड़ियां शहरी सीमा से रोजाना गुजर रही हैं. लिहाजा शहर को एक बाइपास की जरूरत है और इसके लिए कवायद भी शुरू हुई. लोक निर्माण विभाग ने 2 साल पहले बाइपास के लिए प्रपोजल भेजा था, लेकिन केंद्र से इसके लिए स्वीकृति ही नहीं मिल पाई. वजह बताई गई कि प्रस्तावित स्थल में निजी जमीन अधिक है.

बाइपास निर्माण के प्रपोजल को केंद्र की ना

डोंगरगढ़ छेत्र को केंद्र और राज्य सरकार ने पर्यटन स्थल घोषित किया है. इस तरीके से शहर का विकास महत्वपूर्ण हो जाता है. बाइपास निर्माण का कार्य शुरू न होने के पीछे एक कारण यह भी बताया जा रहा है कि बायपास निर्माण की लागत से ज्यादा मुआवजा लोगों को देना पड़ेगा.

बीजेपी सरकार ने भेजा था प्रपोजल

बायपास के लिए प्रपोजल बीजेपी सरकार के कार्यकाल के दौरान राज्य सरकार ने केंद्र को भेजा था. निर्माण से ज्यादा मुआवजे के प्रकरण बनने से राज्य सरकार की ओर से भेजे गए बायपास निर्माण के प्रपोजल को सिरे से खारिज कर दिया गया.

शहर में बढ़ते ट्रैफिक के दबाव को कम करने और भारी वाहनों की आवाजाही शहरी सीमा से बाहर करने के लिए चौथना भर्रीटोला होकर कलकसा तक बाइपास बनाने का प्रपोजल भेजा गया था.

साल भर आते हैं पर्यटक

धार्मिक नगरी होने से दर्शनार्थियों की आवाजाही साल भर यहां बनी रही रहती है. बायपास नहीं होने से सैकड़ों लोगों को सड़क हादसे में जान गंवानी पड़ रही . इसके बाद भी यहां के जनप्रतिनिधियों में इस प्रपोजल को लेकर किसी प्रकार की सक्रियता नहीं दिखाई दे रही है.

दिखावे के लिए लगाया नोटिस बोर्ड

नगर में बायपास रोड नहीं होने से नगर पालिका के शहरी सीमा में भारी वाहनों की एंट्री को लेकर दिखावे के लिए नोटिस बोर्ड तो लगा दिया गया है लेकिन इसका पालन बिल्कुल नहीं हो रहा है.

राजनांदगांव : डोंगरगढ़ शहर से भारी वाहनों की आवाजाही से सड़क में ट्रैफिक का दबाव बढ़ गया है. सड़क की क्षमता से ज्यादा हैवी गाड़ियां शहरी सीमा से रोजाना गुजर रही हैं. लिहाजा शहर को एक बाइपास की जरूरत है और इसके लिए कवायद भी शुरू हुई. लोक निर्माण विभाग ने 2 साल पहले बाइपास के लिए प्रपोजल भेजा था, लेकिन केंद्र से इसके लिए स्वीकृति ही नहीं मिल पाई. वजह बताई गई कि प्रस्तावित स्थल में निजी जमीन अधिक है.

बाइपास निर्माण के प्रपोजल को केंद्र की ना

डोंगरगढ़ छेत्र को केंद्र और राज्य सरकार ने पर्यटन स्थल घोषित किया है. इस तरीके से शहर का विकास महत्वपूर्ण हो जाता है. बाइपास निर्माण का कार्य शुरू न होने के पीछे एक कारण यह भी बताया जा रहा है कि बायपास निर्माण की लागत से ज्यादा मुआवजा लोगों को देना पड़ेगा.

बीजेपी सरकार ने भेजा था प्रपोजल

बायपास के लिए प्रपोजल बीजेपी सरकार के कार्यकाल के दौरान राज्य सरकार ने केंद्र को भेजा था. निर्माण से ज्यादा मुआवजे के प्रकरण बनने से राज्य सरकार की ओर से भेजे गए बायपास निर्माण के प्रपोजल को सिरे से खारिज कर दिया गया.

शहर में बढ़ते ट्रैफिक के दबाव को कम करने और भारी वाहनों की आवाजाही शहरी सीमा से बाहर करने के लिए चौथना भर्रीटोला होकर कलकसा तक बाइपास बनाने का प्रपोजल भेजा गया था.

साल भर आते हैं पर्यटक

धार्मिक नगरी होने से दर्शनार्थियों की आवाजाही साल भर यहां बनी रही रहती है. बायपास नहीं होने से सैकड़ों लोगों को सड़क हादसे में जान गंवानी पड़ रही . इसके बाद भी यहां के जनप्रतिनिधियों में इस प्रपोजल को लेकर किसी प्रकार की सक्रियता नहीं दिखाई दे रही है.

दिखावे के लिए लगाया नोटिस बोर्ड

नगर में बायपास रोड नहीं होने से नगर पालिका के शहरी सीमा में भारी वाहनों की एंट्री को लेकर दिखावे के लिए नोटिस बोर्ड तो लगा दिया गया है लेकिन इसका पालन बिल्कुल नहीं हो रहा है.

Last Updated : Mar 1, 2020, 6:21 PM IST
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