राजनांदगांव: जिले में RTE (शिक्षा का अधिकार) के तहत निजी स्कूलों में तमाम कोशिशों के बाद भी गरीब बच्चों को दाखिला नहीं मिल पा रहा है. आरटीई एक्ट कानून का पालन कराने के लिए निजी स्कूलों को आदेश भी जारी किए गए हैं. लेकिन आदेश का पालन निजी स्कूल प्रबंधन नहीं कर रहे हैं. ऐसे में जिले के 500 से ज्यादा बच्चों को आरक्षित सीटों में एडमिशन नहीं मिला है. बच्चों को साल बर्बाद होने का डर सता रहा है. डीईओ (जिला शिक्षा अधिकारी) एच आर सोम का कहना है कि आरटीई के तहत बच्चों को दाखिला दिलाने के लिए स्कूलों को नोटिस जारी किया गया है. समय रहते बच्चों का दाखिला नहीं मिला तो निजी स्कूलों पर कार्रवाई की जाएगी.
जानकारी के अनुसार डीईओ की ओर से नोडल अफसरों और स्कूल प्रबंधकों को नोटिस जारी किया गया है. लेकिन इसके बाद भी निजी स्कूलों ने आरटीई के तहत छूटे हुए छात्रों को प्रवेश देने में कोई रुचि नहीं दिखाई है. ऐसे नियमों का उल्लंघन होने पर सीधे मान्यता रद्द करने की कार्रवाई होती है. डीईओ के नोटिस के बावजूद निजी स्कूलों ने अब तक छात्रों को दाखिला नहीं दिया है.पहले चरण की लॉटरी के तहत चयनित बच्चों का एडमिशन नहीं होने की वजह से दूसरे चरण की लॉटरी की प्रक्रिया अब तक अटकी हुई है.
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डीपीआई ने भेजा था पत्र
महीने भर पहले कलेक्टर की मौजूदगी में हुई बैठक के दौरान निजी स्कूलों ने RTE की सभी सीटों पर एडमिशन देने की बात कही थी. फिलहाल रिकॉर्ड ही अपडेट नहीं किए गए हैं. निजी स्कूल डीपीआई की ओर से दूसरे चरण की जो लॉटरी निकाली जानी है उसे लेकर पत्र भी जारी किया गया. इसके बाद भी अब तक प्रक्रिया पूरी नहीं की गई है. डीईओ एचआर सोम का कहना है कि निजी स्कूलों को नियमों का पालन करना चाहिए. लेकिन आदेश जारी करने के बाद भी निजी स्कूल प्रबंधक अपनी मनमानी कर रहे हैं.
जिम्मेदारी नहीं निभा रहे नोडल अफसर
लॉटरी की प्रक्रिया अगस्त महीने में ही पूरी हो जानी थी. डीईओ ने नोडल अफसरों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी थी. इसके बाद भी यह काम पूरा नहीं हो पाया. डीईओ ने इस संबंध में नोडल अफसरों को नोटिस भी जारी किया है. समय पर बच्चों का दाखिला सुनिश्चित करने के लिए नोटिस जारी करते हुए जवाब भी मांगा गया है. फिर भी नोडल अफसरों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया.