राजनांदगांव: जिले के डोंगरगांव में तालाबों की स्थिति बेहद खराब है. इन तालाबों में गंदगी पसरी हुई है. 17 हजार की आबादी वाले इस शहर में 4 से 5 तालाब थे जिसका इस्तेमाल पहले पीने के पानी, नहाने सहित दूसरे कामों के लिए किया जाता था. लेकिन आज इन तालाबों की स्थिति बद से बदतर हो गई है. अब इन तालाबों का इस्तेमाल बहुत कम लोग ही करते हैं.
तालाबों की ऐसी हालत पर जनप्रतिनिधि भी ध्यान न देते हुए सिर्फ जुबानी चर्चाओं तक ही सीमित हैं. पिछले 4 से 5 कार्यकाल से इस समस्या पर मंथन होता रहा है. लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं रहा. शहर के लगभग सभी तालाबों की यही स्थिति है.
तालाबों के गंदे पानी से बदबू
छोटी-छोटी नालियां मुख्य नालों में आकर मिलती है. जिसका डिस्पोजल तालाब या नदी में किया जाता है. इतना ही नहीं कई घरों के गंदे पानी और छोटे नालियों का डिस्पोजल सीधे तालाबों में किया जा रहा है. जिससे पूरा तालाब बर्बाद हो गया है. तालाब की स्थिति यह है कि इसके पानी से दूर से ही बदबू आती है.
शहर के नागरिकों को बना होगा जागरूक
शहर के लगभग हर मोहल्ले में छोटी बड़ी नालियां हैं. लेकिन शहर के नागरिक इन नालियों में प्लास्टिक, कचरा डिस्पोजल ग्लास, पानी पाउच जैसे अन्य चीजों को डाल देते हैं. जो बरसात या पानी के तेज बहाव से तालाब तक पहुंच जाते हैं और पूरा तालाब गंदगी से पट जाता है.
नगर पंचायत के पास नहीं है कोई एक्शन प्लान
डोंगरगांव नगर पंचायत के पास तालाब में गंदगी की शिकायत तो की गई है, लेकिन इस समस्या से निपटने के लिए कोई ठोस एक्शन प्लान नहीं है. वर्तमान में मेन ड्रेनेज सिस्टम और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की जरुरत है. वहीं नगर पंचायत के पास यह आंकड़ें भी नहीं है की कौन-कौन से वार्डों से कितना क्यूसेक पानी, कहां-कहां डिस्पोज होता है. पंचायत के पास लेबलिंग की जानकारी भी नहीं है. हालांकि वर्तमान परिषद इस पर विचार कर इस समस्या को खत्म करने का प्रयास कर रहा है.
तालाबों को लेकर हुए कई वादे
पिछले नगर पंचायत बॉडी ने इस मामले में काफी वादे किए थे. जिसमें मेन ड्रेन नाली का निर्माण कर तालाबों को स्वच्छ बनाने की बात कही गई थी. लेकिन वर्तमान में ऐसा कुछ नहीं हो पाया है. पिछले कार्यकाल में भी कांग्रेस की नगर सत्ता थी और इस बार भी कांग्रेस के पास शहर की कमान है. अब देखना होगा कि यह बॉडी तालाबों की स्वच्छता और सुंदरता के साथ साथ नगर विकास को लेकर कितनी संजीदा है. वहीं यह सवाल भी है कि सीवरेज की समस्या को क्या नगर पंचायत सर्वसम्मति से सुलझा पाएगा.