राजनांदगांव: कोतवाली पुलिस ने बाइक चोरी करने वाले 2 आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. साथ ही उनके पास से तकरीबन 20 लाख रुपए लागत की बाइक भी जब्त की हैं. पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि चोरी करने के बाद वे बाइक को अपने रिश्तेदारों को बेच दिया करते थे. कीमत कम होने के कारण गाड़ियां आसानी से बिक जाती थी, जिसके कारण यह काम धड़ल्ले से चल रहा था.
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक खैरागढ़ के रहने वाले 21 वर्षीय सीताराम वर्मा और उसका भांजा मनीष वर्मा मिलकर लगातार चोरी की घटना को अंजाम दे रहे थे. नई गाड़ियों को टारगेट बनाकर वे लगातार चोरी कर रहे थे. आरोपियों ने शहर के अलावा डोंगरगढ़, दुर्ग-भिलाई में भी कई चोरी की घटना को अंजाम दिया है. पुलिस ने दोनों आरोपी के पास से 26 नई बाइक जब्त की है, जिनकी कीमत तकरीबन 20 लाख बताई जा रही है.
ऑटो डील के काम का झांसा
सीताराम और मनीष नई गाड़ियों को टारगेट कर चोरी करते थे और उन्हें रिश्तेदारों को भेज देते थे. अपने रिश्तेदारों को वह ऑटो डील में काम करने का झांसा देकर चोरी की गई गाड़ियों को बेचा करते थे.
बना कर रखी थी मास्टर 'की'
दोनों ही आरोपी टारगेट बनाकर नई बाइकों पर नजर रखते थे और इसके बाद सुबह-सुबह उन बाइकों को चोरी कर लेते थे. इसके लिए आरोपियों ने मास्टर 'की' बनाकर रखी हुई थी. लगातार जनवरी से अब तक हर दूसरे दिन आरोपी बाइक चोरी की घटना को अंजाम दे रहे थे. लेकिन पुलिस के पास कोई सुराग नहीं होने की वजह से आरोपी अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर थे.
बिना कागज न खरीदें वाहन
एसपी बीएस ध्रुव ने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि 'वह कम कीमत में वाहन मिलने पर लालच में न आएं. गाड़ियों की आवश्यक दस्तावेज की जांच करने के बाद ही कोई गाड़ी खरीदें, बिना दस्तावेज के गाड़ी बिल्कुल न खरीदें.' उन्होंने आगे बताया कि 'बिना कागजात के गाड़ियां चोर अक्सर ग्रामीण क्षेत्र में खपाते हैं. ग्रामीणों को इससे सावधान रहने की जरूरत है.'