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राजनांदगांव: क्वॉरेंटाइन को लेकर अलग-अलग नियम पर लोगों में नाराजगी - is quarantine center safe

राजनांदगांव में क्वॉरेंटाइन करने को लेकर दो लोगों के साथ अलग-अलग नियम लागू करने पर लोगों ने नाराजगी जाहिर की है. एक युवक को होम आइसोलेशन और दूसरे को सुविधा से दूर स्कूल में क्वॉरेंटाइन किया गया है.

People angry over different rules regarding quarantine in Rajnandgaon
क्वॉरेंटाइन को लेकर अलग-अलग नियम
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Published : May 22, 2020, 10:24 AM IST

राजनांदगांव: डोंगरगांव में लॉकडाउन के दौरान बाहर से आने वाले प्रवासियों के लिए बनाए गए नियमों में असमानता दिखाई देने लगी है. इसे लेकर क्षेत्र में तनाव और दहशत दोनों ही बढ़ने लगा है. क्वॉरेंटाइन नियमों में भेदभाव की वजह से लोगों का प्रशासन पर भरोसा भी कम हो रहा है.

शासन के नियम के अनुसार और स्वास्थ्य विभाग की गाइड लाइन में संक्रमित राज्य और प्रभावित क्षेत्रों से आने वाले प्रवासियों को क्वॉरेंटाइन सेंटरों में रखा जाना है. इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल, सामुदायिक भवन और आंगनबाड़ी केन्द्रों को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है. इसके साथ ही नगर के पुराने नगर पंचायत और कन्याा छात्रावास में भी क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है.

एक को क्वॉरेंटाइन सेंटर दूसरे को होम आइसोलेशन

ग्राम मोहड़ में रेड जोन हैदराबाद से लौटे मैकेनिकल इंजीनियर जो ई पास के जरिए आए है. उन्हें ग्रामीणों की मांग पर प्रशासन और जनपद के अधिकारियों ने स्कूल में बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर भेज दिया है जबकि नगर के वार्ड 9 में मध्य प्रदेश के कोरोना हॉट स्पॉट बने इंदौर से लौटने वाले युवक को घर पर ही रहने की इजाजत दे दी गई है. इसे लेकर वार्ड वासियों में आक्रोश और डर के हालात है.

सुविधा के अभाव वाले स्कूल में क्वॉरेंटाइन

इधर ग्राम मोहड़ में क्वॉरेंटाइन में रहने वाले युवक के माता-पिता ने बताया कि उनके पुत्र को जारी किए गए ई-पास में गृहग्राम लौटने पर होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई थी, लेकिन ग्रामीणों के दबाव में उनके बेटे को सुविधा के अभाव वाले स्कूल में चौदह दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन कर दिया गया है, जबकि डोंगरगांव नगर में आने वाले अनेक प्रवासियों को घरों पर ही आइसोलेट रहने की सलाह देकर औपचारिकता पूरी की जा रही है.

पढ़ें-हाल-ए-क्वॉरेंटाइन सेंटर: घर से लाना पड़ रहा बिस्तर और बर्तन, प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान

कितने सुरक्षित हैं क्वॉरेंटाइन सेंटर ?

प्रशासन सरगुजा लौटने वाले प्रवासियों को ग्राम में बने स्कूलों में क्वॉरेंटाइन सेंटरों में रख रहा है. जहां साधन सुविधा और सुरक्षा के उपाय अपर्याप्त बताए जाते हैं. इन सेंटरों में क्वॉरेंटाइन में रह रहे ग्रामीणों के लिए भोजन और अन्य व्यवस्थाएं उनके परिजनों की तरफ से उपलब्ध कराया जा रहा है. जिसके चलते उनके परिजन क्वॉरेंटाइन सेंटर में कई बार आवाजाही कर रहे हैं और कई लोगों के संपर्क में आ रहे हैं, जबिक क्वॉरेंटाइन का उद्देश्य संपर्क में आने से रोकना है.ऐसे में लोगों ने क्वॉरेंटाइन सेंटर को लेकर असुरक्षा और नाराजगी जाहिर की है.

राजनांदगांव: डोंगरगांव में लॉकडाउन के दौरान बाहर से आने वाले प्रवासियों के लिए बनाए गए नियमों में असमानता दिखाई देने लगी है. इसे लेकर क्षेत्र में तनाव और दहशत दोनों ही बढ़ने लगा है. क्वॉरेंटाइन नियमों में भेदभाव की वजह से लोगों का प्रशासन पर भरोसा भी कम हो रहा है.

शासन के नियम के अनुसार और स्वास्थ्य विभाग की गाइड लाइन में संक्रमित राज्य और प्रभावित क्षेत्रों से आने वाले प्रवासियों को क्वॉरेंटाइन सेंटरों में रखा जाना है. इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल, सामुदायिक भवन और आंगनबाड़ी केन्द्रों को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है. इसके साथ ही नगर के पुराने नगर पंचायत और कन्याा छात्रावास में भी क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है.

एक को क्वॉरेंटाइन सेंटर दूसरे को होम आइसोलेशन

ग्राम मोहड़ में रेड जोन हैदराबाद से लौटे मैकेनिकल इंजीनियर जो ई पास के जरिए आए है. उन्हें ग्रामीणों की मांग पर प्रशासन और जनपद के अधिकारियों ने स्कूल में बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर भेज दिया है जबकि नगर के वार्ड 9 में मध्य प्रदेश के कोरोना हॉट स्पॉट बने इंदौर से लौटने वाले युवक को घर पर ही रहने की इजाजत दे दी गई है. इसे लेकर वार्ड वासियों में आक्रोश और डर के हालात है.

सुविधा के अभाव वाले स्कूल में क्वॉरेंटाइन

इधर ग्राम मोहड़ में क्वॉरेंटाइन में रहने वाले युवक के माता-पिता ने बताया कि उनके पुत्र को जारी किए गए ई-पास में गृहग्राम लौटने पर होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई थी, लेकिन ग्रामीणों के दबाव में उनके बेटे को सुविधा के अभाव वाले स्कूल में चौदह दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन कर दिया गया है, जबकि डोंगरगांव नगर में आने वाले अनेक प्रवासियों को घरों पर ही आइसोलेट रहने की सलाह देकर औपचारिकता पूरी की जा रही है.

पढ़ें-हाल-ए-क्वॉरेंटाइन सेंटर: घर से लाना पड़ रहा बिस्तर और बर्तन, प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान

कितने सुरक्षित हैं क्वॉरेंटाइन सेंटर ?

प्रशासन सरगुजा लौटने वाले प्रवासियों को ग्राम में बने स्कूलों में क्वॉरेंटाइन सेंटरों में रख रहा है. जहां साधन सुविधा और सुरक्षा के उपाय अपर्याप्त बताए जाते हैं. इन सेंटरों में क्वॉरेंटाइन में रह रहे ग्रामीणों के लिए भोजन और अन्य व्यवस्थाएं उनके परिजनों की तरफ से उपलब्ध कराया जा रहा है. जिसके चलते उनके परिजन क्वॉरेंटाइन सेंटर में कई बार आवाजाही कर रहे हैं और कई लोगों के संपर्क में आ रहे हैं, जबिक क्वॉरेंटाइन का उद्देश्य संपर्क में आने से रोकना है.ऐसे में लोगों ने क्वॉरेंटाइन सेंटर को लेकर असुरक्षा और नाराजगी जाहिर की है.

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