राजनांदगांवः खैरागढ़ में एक सूत्रीय मांग को लेकर पंचायत सचिवों के क्रमिक भूख हड़ताल का तीसरा दिन चल रहा है. आंदोलन के करीब 20 दिन गुजरने के बाद भी सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी कोई ध्यान नहीं दे रही है. वहीं पंचायत सचिव भी अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं. आंदोलन के 20वें दिन जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह धरना स्थल पर पहुंचे.
पंचायत सचिव को बीजेपी का मिल रहा समर्थन
बीजेपी ने सचिव और रोजगार सहायक संघ को पूर्ण समर्थन देने की बात कही है. विक्रांत सिंह ने कहा कि जिस तरह पंचायती राज को लागू करने में जनप्रतिनिधियों का योगदान रहता है, उससे कहीं ज्यादा योगदान पंचायत सचिवों का रहता है. पंचायत सचिव सरकार की योजनाओं को जमीनी स्तर पर उतार कर अमल करते हैं. साथ ही सभी योजनाओं का क्रियान्वयन करते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि पंचायत सचिवों के इस योगदान को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को उनकी मांगें मान लेनी चाहिए. साथ ही दो साल पूरा कर चुके पंचायत सचिवों को नियमित सरकारी कर्मचारी बनाने की घोषणा करनी चाहिए.
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सत्ता में आने के बाद सरकार कर रही वादा खिलाफी
जिला पंचायत सभापति घम्मन साहू ने कहा कि पंचायत सचिव सरकार की सभी योजनओं को जमीनी स्तर पर अमल में लाते हैं. फिर भी उनके बात को नहीं सुनी जा रही है. उन्होंने कहा कि राज्य की भूपेश सरकार ने अपने चुनावी घोषण पत्र में अनियमित कर्मचारियों को सरकारी करने की बात कही थी. लेकिन सत्ता में आने के बाद सरकार अपनी बात पर अमल नहीं कर रही है.
बीजेपी का खुला समर्थन
विक्रांत सिंह ने कहा कि पंचायत सचिव संघ की मांग एक सूत्रीय है. जिसका बीजेपी खुला समर्थन करती है. उन्होंने कहा कि पांच साल जनपद के बतौर अध्यक्ष काम करने का मौका मिला था. पंचायत राज को बहुत गहराई तक समझने का अवसर मिला. एक जन प्रतिनिधि होने के नाते इस बात को मैं मंच के माध्यम से स्वीकार कर सकता हूं कि पंचायत राज को सफल बनाने के लिए जितना योगदान जनप्रतिनिधियों का है उससे बड़ा पंचायत सचिवों का है.
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पंचायत सचिवों से मिलने पहुंचे कांग्रेसी
हड़ताल पर बैठे पंचायत सचिवों से कांग्रेसी नेताओं ने भी मुलाकात की थी. जहां बुधवार को ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष यशोदा निलांबर वर्मा भी पहुंची थीं. उन्होंने सचिव संघ के पदाधिकारियों और सचिवों से मुलाकात की. साथ ही हड़ताली सचिवों का नैतिक समर्थन देने की बात कही.