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राजनांदगांव: धान प्रबंधकों ने भूपेश सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

राजनांदगांव में जिला सहकारी समिति कर्मचारी संघ के बैनर तले धान खरीदी प्रबंधकों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. जिले के 139 धान उपार्जन केंद्रों में 75 प्रतिशत धान का उठाव नहीं होने के एवज में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.

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धान प्रबंधकों ने भूपेश सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
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Published : Feb 8, 2021, 11:06 PM IST

Updated : Feb 9, 2021, 3:54 PM IST

राजनांदगांव: जिला सहकारी समिति कर्मचारी संघ के बैनर तले धान खरीदी प्रबंधकों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. जिले के 139 धान उपार्जन केंद्रों में 75 प्रतिशत धान का उठाव नहीं होने के एवज में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. धान खरीदी प्रबंधकों ने राज्यपाल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.

धान प्रबंधकों ने भूपेश सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

खरीदी प्रबंधक संघ की चार मुख्य मांगे हैं, जिसे लेकर कलेक्टर परिसर के ठीक सामने काफी देर तक नारेबाजी की गई. अपनी मांगों को लेकर संघ ने कहा कि शासन की मंशा अनुसार हमने धान खरीदी का टारगेट 2 दिन पहले ही कर दिया था. उसके बावजूद धान उठाव नहीं हो रहा है. इसकी भरपाई कौन करेगा. हम छोटे कर्मचारी हैं. इसलिए धान खरीदी पर हम पर ज्यादा दबाव रहता है. मांगे पूरी नहींम हुई, तो वे अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाएंगे.

संघ की चार मुख्य मांगे

  • धान का शतप्रतिशत उठाव किया जाये
  • धान में सूखात 1 प्रतिशत दिया जाए
  • प्रासंगिक एवं सुरक्षा व्यवस्था में 25 रूपये किया जाए
  • धान परिवहन की हमाली ट्रांसपोर्ट द्वारा वहन किया जाए

राजनांदगांव जिले के 139 धान उपार्जन केन्द्रों ने समर्थन मूल्य में धान खरीदारी संपन्न कर लिया गया है. धान परिवहन के लिए टीओ और डीओ बहुत ही धीमी गति से जारी किया जा रहा है. जिले के लगभग सभी उपार्जन केन्द्रों में धान जाम पड़ा हुआ है.

ज्यादा हो रहा नुकसान
धान खरीदी से समितियां समय पर परिवहन नहीं होने से फायदे के बजाय घाटा हो रहा है. समितियों ने अपने स्तर पर धान परिवहन कराना असंभव मान रहे हैं. धान परिवहन नीति अनुसार बफर लिमिट से अधिक और 72 घण्टे से भी अधिक हो गया है. 17 प्रतिशत नमी तक धान किसानों से क्रय किया गया है. वर्तमान में धान का उठाव नहीं होने के कारण धान सूखने लगा है.

नियमों का नहीं हो रहा पालन

खरीदी प्रबंधकों ने कहा कि धान सूखने की वजह से कर्मचारियों के पर अनावश्यक रूप से कानूनी कार्रवाई की जाती है. जबकि धान खरीदी अनुबंध विपणन वर्ष 2020-21 त्रिस्तरीय अनुबंध अनुसार मार्कफेड द्वारा नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है. वर्तमान महंगाई में हमाली - रंग - सुतली - डेनेज में अब वृद्धि होने के कारण शासन द्वारा प्रदाय सुरक्षा व्यय काफी कम है। संग्रहण केन्द्र की तरह जिले के समितियों को सुखत प्रदाय की जावें और तत्काल धान का परिवहन डीओ टीओ जारी कर एवं प्रासंगिक व सुरक्षा तथा कमीशन में वृद्धि कराने हेतु छ.ग. सहकारी समिति कर्मचारी संघ के आवहन पर जिले के समस्त सहकारी समितियों के कर्मचारियों द्वारा सामूहिक अवकाश लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन ज्ञापन रैली के माध्यम से आज महामहिम राज्यपाल सहित मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।

राजनांदगांव: जिला सहकारी समिति कर्मचारी संघ के बैनर तले धान खरीदी प्रबंधकों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. जिले के 139 धान उपार्जन केंद्रों में 75 प्रतिशत धान का उठाव नहीं होने के एवज में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. धान खरीदी प्रबंधकों ने राज्यपाल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.

धान प्रबंधकों ने भूपेश सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

खरीदी प्रबंधक संघ की चार मुख्य मांगे हैं, जिसे लेकर कलेक्टर परिसर के ठीक सामने काफी देर तक नारेबाजी की गई. अपनी मांगों को लेकर संघ ने कहा कि शासन की मंशा अनुसार हमने धान खरीदी का टारगेट 2 दिन पहले ही कर दिया था. उसके बावजूद धान उठाव नहीं हो रहा है. इसकी भरपाई कौन करेगा. हम छोटे कर्मचारी हैं. इसलिए धान खरीदी पर हम पर ज्यादा दबाव रहता है. मांगे पूरी नहींम हुई, तो वे अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाएंगे.

संघ की चार मुख्य मांगे

  • धान का शतप्रतिशत उठाव किया जाये
  • धान में सूखात 1 प्रतिशत दिया जाए
  • प्रासंगिक एवं सुरक्षा व्यवस्था में 25 रूपये किया जाए
  • धान परिवहन की हमाली ट्रांसपोर्ट द्वारा वहन किया जाए

राजनांदगांव जिले के 139 धान उपार्जन केन्द्रों ने समर्थन मूल्य में धान खरीदारी संपन्न कर लिया गया है. धान परिवहन के लिए टीओ और डीओ बहुत ही धीमी गति से जारी किया जा रहा है. जिले के लगभग सभी उपार्जन केन्द्रों में धान जाम पड़ा हुआ है.

ज्यादा हो रहा नुकसान
धान खरीदी से समितियां समय पर परिवहन नहीं होने से फायदे के बजाय घाटा हो रहा है. समितियों ने अपने स्तर पर धान परिवहन कराना असंभव मान रहे हैं. धान परिवहन नीति अनुसार बफर लिमिट से अधिक और 72 घण्टे से भी अधिक हो गया है. 17 प्रतिशत नमी तक धान किसानों से क्रय किया गया है. वर्तमान में धान का उठाव नहीं होने के कारण धान सूखने लगा है.

नियमों का नहीं हो रहा पालन

खरीदी प्रबंधकों ने कहा कि धान सूखने की वजह से कर्मचारियों के पर अनावश्यक रूप से कानूनी कार्रवाई की जाती है. जबकि धान खरीदी अनुबंध विपणन वर्ष 2020-21 त्रिस्तरीय अनुबंध अनुसार मार्कफेड द्वारा नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है. वर्तमान महंगाई में हमाली - रंग - सुतली - डेनेज में अब वृद्धि होने के कारण शासन द्वारा प्रदाय सुरक्षा व्यय काफी कम है। संग्रहण केन्द्र की तरह जिले के समितियों को सुखत प्रदाय की जावें और तत्काल धान का परिवहन डीओ टीओ जारी कर एवं प्रासंगिक व सुरक्षा तथा कमीशन में वृद्धि कराने हेतु छ.ग. सहकारी समिति कर्मचारी संघ के आवहन पर जिले के समस्त सहकारी समितियों के कर्मचारियों द्वारा सामूहिक अवकाश लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन ज्ञापन रैली के माध्यम से आज महामहिम राज्यपाल सहित मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।

Last Updated : Feb 9, 2021, 3:54 PM IST
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