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राजनांदगांव: पूर्व CM रमन सिंह के रिश्तेदार को नोटिस, मचा हड़कंप

राजनांदगांव के अध्यक्ष सचिन बघेल को नोटिस जारी किया गया है. सरकार ने बघेल को 31 जुलाई तक नोटिस का जवाब देने को कहा है. नोटिस जारी किए जाने के बाद संचालक मंडल में हड़कंप मच गया है.

सहकारी केंद्रीय बैंक
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Published : Jul 12, 2019, 10:20 AM IST

Updated : Jul 12, 2019, 12:45 PM IST

राजनांदगांव: राज्य शासन की कर्ज माफी योजना में किसानों को लाभ न दिए जाने और आर्थिक अनियमितता के मामले में सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित राजनांदगांव के अध्यक्ष सचिन बघेल को नोटिस जारी किया गया है.

अध्यक्ष सचिन बघेल को नोटिस जारी

सरकार ने बघेल को 31 जुलाई तक नोटिस का जवाब देने को कहा है. नोटिस जारी किए जाने के बाद संचालक मंडल में हड़कंप मच गया है. संचालक मंडल बैंक से संबंधित किसी भी मामले पर कोई भी फैसला नहीं ले पाएगा. बताया जा रहा है कि 'पंजीयक ने छत्तीसगढ़ सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 53 की उप धारा 10 के तहत मिली शक्तियों का उपयोग करते हुए आदेश जारी किया है.

ये है पूरा मामला
सचिन बघेल पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के रिश्तेदार हैं. इनपर आरोप है कि संचालक मंडल ने बैंक के हितों की अनदेखी करते हुए गलत फैसले लिए हैं. इसकी वजह से बैंक को तकरीबन 3 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. वहीं संचालक मंडल ने अपनी मनमानी करते हुए 18000 किसानों को सही समय पर कर्ज माफी का लाभ नहीं दिया है, जिससे वह समय से नया ऋण हासिल नहीं कर पाए हैं. पंजीयक ने संचालक मंडल के खिलाफ तकरीबन 7 पेज का आरोप पत्र बनाया है जिसमें चार प्रमुख आरोप लगाए गए हैं.

ये है आरोप

  • संचालक मंडल पर सबसे पहला आरोप यह है कि उसने सन 2014-15 में नियम के खिलाफ तरल संसाधन में चूक की है, इसकी वजह से बैंक पर पहले एक करोड़ डेढ़ लाख रुपए दंडात्मक ब्याज लगाया गया और बाद में इसे कम करते हुए 85 लाख कर दिया गया है.
  • दूसरा आरोप है कि बैंक ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर काम करते हुए आदिम जाति सहकारी समिति मर्यादित गेंदाटोला के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप किया है.
  • तीसरा आरोप है कि बैंक ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी की नियुक्ति में रिजर्व बैंक के निर्देशों के खिलाफ जाकर अपात्र व्यक्ति को कार्यपालन अधिकारी बनाए रखा और बैंक में आर्थिक गड़बड़ियां की गई हैं.
  • चौथा आरोप है कि 'राज्य शासन के निर्देश के बाद भी किसानों के अल्पकालीन कृषि ऋण माफी योजना का संचालन ठीक से नहीं किया गया और किसानों को इस योजना का लाभ नहीं दिया गया. इससे किसानों को आर्थिक नुकसान हुआ है.

अभी पत्र प्राप्त नहीं हुआ
इस मामले में कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य का कहना है कि 'मामले की जानकारी मुझे सोशल मीडिया के माध्यम से मिली है. अब तक इस संबंध में राज्य शासन से कोई पत्र नहीं मिला है. इस मामले में जैसे ही राज्य शासन से पत्र आता है कार्रवाई की जाएगी'.

जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष सचिन बघेल का कहना है कि 'पंजीयक ने संचालक मंडल को भंग करने का नोटिस जारी किया है. यह नोटिस अभी उन्हें नहीं मिला है.

राजनांदगांव: राज्य शासन की कर्ज माफी योजना में किसानों को लाभ न दिए जाने और आर्थिक अनियमितता के मामले में सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित राजनांदगांव के अध्यक्ष सचिन बघेल को नोटिस जारी किया गया है.

अध्यक्ष सचिन बघेल को नोटिस जारी

सरकार ने बघेल को 31 जुलाई तक नोटिस का जवाब देने को कहा है. नोटिस जारी किए जाने के बाद संचालक मंडल में हड़कंप मच गया है. संचालक मंडल बैंक से संबंधित किसी भी मामले पर कोई भी फैसला नहीं ले पाएगा. बताया जा रहा है कि 'पंजीयक ने छत्तीसगढ़ सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 53 की उप धारा 10 के तहत मिली शक्तियों का उपयोग करते हुए आदेश जारी किया है.

ये है पूरा मामला
सचिन बघेल पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के रिश्तेदार हैं. इनपर आरोप है कि संचालक मंडल ने बैंक के हितों की अनदेखी करते हुए गलत फैसले लिए हैं. इसकी वजह से बैंक को तकरीबन 3 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. वहीं संचालक मंडल ने अपनी मनमानी करते हुए 18000 किसानों को सही समय पर कर्ज माफी का लाभ नहीं दिया है, जिससे वह समय से नया ऋण हासिल नहीं कर पाए हैं. पंजीयक ने संचालक मंडल के खिलाफ तकरीबन 7 पेज का आरोप पत्र बनाया है जिसमें चार प्रमुख आरोप लगाए गए हैं.

ये है आरोप

  • संचालक मंडल पर सबसे पहला आरोप यह है कि उसने सन 2014-15 में नियम के खिलाफ तरल संसाधन में चूक की है, इसकी वजह से बैंक पर पहले एक करोड़ डेढ़ लाख रुपए दंडात्मक ब्याज लगाया गया और बाद में इसे कम करते हुए 85 लाख कर दिया गया है.
  • दूसरा आरोप है कि बैंक ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर काम करते हुए आदिम जाति सहकारी समिति मर्यादित गेंदाटोला के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप किया है.
  • तीसरा आरोप है कि बैंक ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी की नियुक्ति में रिजर्व बैंक के निर्देशों के खिलाफ जाकर अपात्र व्यक्ति को कार्यपालन अधिकारी बनाए रखा और बैंक में आर्थिक गड़बड़ियां की गई हैं.
  • चौथा आरोप है कि 'राज्य शासन के निर्देश के बाद भी किसानों के अल्पकालीन कृषि ऋण माफी योजना का संचालन ठीक से नहीं किया गया और किसानों को इस योजना का लाभ नहीं दिया गया. इससे किसानों को आर्थिक नुकसान हुआ है.

अभी पत्र प्राप्त नहीं हुआ
इस मामले में कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य का कहना है कि 'मामले की जानकारी मुझे सोशल मीडिया के माध्यम से मिली है. अब तक इस संबंध में राज्य शासन से कोई पत्र नहीं मिला है. इस मामले में जैसे ही राज्य शासन से पत्र आता है कार्रवाई की जाएगी'.

जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष सचिन बघेल का कहना है कि 'पंजीयक ने संचालक मंडल को भंग करने का नोटिस जारी किया है. यह नोटिस अभी उन्हें नहीं मिला है.

Intro:राजनांदगांव राज्य शासन की कर्ज माफी योजना में किसानों को लाभ ना दिए जाने और आर्थिक अनियमितता के मामले सामने आने के बाद पंजीयक सहकारी संस्थाएं छत्तीसगढ़ में राजनांदगांव के जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित के संचालक मंडल को भंग करने का नोटिस जारी कर दिया है नोटिस जारी किए जाने के बाद संचालक मंडल में हड़कंप मच गया है. इस मामले में संचालक मंडल को 31 जुलाई तक जवाब देना है.


Body:राज्य शासन ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित को लेकर बड़ा फैसला लिया है इस फैसले के तहत बैंक को संचालित करने वाले मंडल पर बड़ा आरोप लगा है तकरीबन तीन करोड़ रुपए की आर्थिक अनियमितता के आरोप लगने के बाद राज्य शासन ने संचालक मंडल को नोटिस जारी किया है जारी नोटिस का जवाब संचालक मंडल को 31 जुलाई तक देना है इस दौरान संचालक मंडल बैंक से संबंधित किसी भी मामले पर कोई भी फैसला नहीं ले पाएगा बताया गया है कि पंजीयक ने छत्तीसगढ़ सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 53 की उप धारा 10 के तहत मिली शक्तियों का उपयोग करते हुए आदेश जारी किया गया है.
ऐसा है पूरा मामला
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित राजनांदगांव के अध्यक्ष सचिन बघेल है जो पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के रिश्तेदार हैं इनके खिलाफ आरोप है कि संचालक मंडल ने बैंक के हितों की अनदेखी करते हुए गलत फैसले लिए हैं इसके चलते बैंक को तकरीबन 3 करोड रुपए का नुकसान हुआ है वही संचालक मंडल ने अपनी मनमानी करते हुए 18000 किसानों को सही समय पर कर्ज माफी का लाभ नहीं दिया है जिससे वह समय से नया ऋण हासिल नहीं कर पाए हैं पंजीयक ने संचालक मंडल के खिलाफ तकरीबन 7 पेज का आरोपपत्र बनाया है जिसमें चार प्रमुख आरोप लगाए गए हैं.
यह 4 आरोप लगे
संचालक मंडल पर सबसे पहला आरोप यह है कि संचालक मंडल ने सन 2014 15 में नियम के विरुद्ध तरल संसाधन में चूक की है इसके चलते बैंक पर पहले एक करोड़ डेढ़ लाख रुपए दंडात्मक ब्याज लगाया गया बाद में इसे कम करते हुए 85 लाख कर दिया गया है दूसरा आरोप है कि बैंक ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर काम किया है जिसमें आदिम जाति सहकारी समिति मर्यादित गेंदाटोला के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप किया है तीसरा आरोप है कि बैंक ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी की नियुक्ति में रिजर्व बैंक के निर्देशों के खिलाफ जाकर अपात्र व्यक्ति को कार्यपालन अधिकारी बनाए रखा और बैंक में आर्थिक गड़बड़ियां की गई चौथा आरोप यह है कि राज्य शासन के निर्देश के बाद भी किसानों के अल्पकालीन कृषि ऋण माफी योजना का संचालन ठीक से नहीं किया गया और किसानों को इस योजना का लाभ नहीं दिया गया किसानों को आर्थिक नुकसान हुआ है.


Conclusion:अभी पत्र प्राप्त नहीं हुआ
इस मामले में कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य का कहना है कि मामले की जानकारी मुझे व्हाट्सएप के माध्यम से मिली है अब तक इस संबंध में राज्य शासन से कोई पत्र नहीं मिला है. इस मामले में जैसे ही राज्य शासन से पत्र आता है कार्रवाई की जाएगी.
नोटिस नहीं मिला
इस मामले में जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष सचिन बघेल का कहना है कि पंजीयक ने संचालक मंडल को भंग करने का नोटिस जारी किया है यह नोटिस अभी उन्हें नहीं मिला है पंजीयक ने संचालक मंडल को कोई भी फैसले नहीं ले पाए ऐसा नोटिस में कहा है.

बाइट कलेक्टर जय प्रकाश मौर्य
Last Updated : Jul 12, 2019, 12:45 PM IST
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