राजनांदगांव : 1 नवंबर को छत्तीसगढ़ राज्य अपने 19 साल पूरे करने जा रहा है. लेकिन आज भी राज्य नक्सल समस्या से लगातार जूझ रहा है. 19 साल में नक्सल समस्या लगातार बढ़ती रही.
छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की सीमा पर नक्सलियों ने अपना दायरा बढ़ाते हुए नया KB डिवीजन बना लिया है. इस बात का खुलासा कवर्धा जिले में नक्सलियों के बरामद डंप में मिले दस्तावेजों से हुआ है. कवर्धा जिले के तेरे गांव जंगल और चिल्फी घाटी के बीच 29 सितंबर को पुलिस ने नए डिवीजन के गठन से संबंधित दस्तावेज बरामद किए थे.
छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र सीमा पर लगातार चल रहे पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन से नक्सलियों ने अपनी रणनीति बदल ली है. बैकफुट पर आते हुए नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सीमा से अपना ध्यान हटाकर छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की सीमा पर लगा दिया है.
यह है नए केबी डिवीजन का मतलब
3 साल के अंदर माओवादियों ने इस दूसरे डिवीजन को तैयार किया है. जिसका नाम मध्य प्रदेश के कान्हा और छत्तीसगढ़ के भोरमदेव के नाम पर KB डिवीजन रखा है. केबी डिवीजन में दो प्लाटून चल रहे हैं.
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MMC जोन को बांटकर बनाया
नक्सलियों ने नए मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ (MMC) जोन को तैयार किया था. इस पर एक डिवीजन GRB (गोंदिया-राजनांदगांव-बालाघाट) डिवीजन था. यह पुलिस के लिए भी अब चुनौती का विषय बन गया है लगातार जॉइंट ऑपरेशन के बाद भी नक्सलियों ने नए डिवीजन को तैयार किया है.
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नक्सलियों को जिले में हुआ नुकसान
राजनांदगांव जिले में नक्सलियों को पिछले कुछ साल में लगातार नुकसान उठाना पड़ा है. तकरीबन आठ माओवादी पुलिस ने इसी साल मार गिराए हैं. इसके चलते नक्सलियों की कमर लगभग जिले में टूट चुकी है. इसलिए नक्सली अब बैकफुट पर काम करते हुए नए डिवीजन को तैयार कर अपनी पैठ बनाने में लगे हैं.
'बैकफुट पर है नक्सली'
इस मामले में ASP गोरखनाथ बघेल का कहना है कि नक्सली लगातार बैकफुट पर हैं, नक्सलियों ने कुछ समय पहले MMC जोन तैयार किया था जिस पर दो डिवीजन बनाए गए थे. GRB डिवीजन में उनके प्लाटून चल रहे थे अब नया KB डिवीजन तैयार किया गया है. जिस पर दो प्लाटून चल रहे हैं.