राजनांदगांव : कोरोना महामारी ने अब लोगों के स्वास्थ्य के अलावा अब उनकी आर्थिक स्थिति पर असर डालना शुरू कर दिया है. जरूरतमंद और गरीब तबके के लोगों को दो वक्त की रोटी की चिंता लगातार सता रही है. शहर के तकरीबन तीन हजार ऐसे परिवार हैं जिनको दो वक्त की रोटी नहीं मिल पा रही है. लॉकडाउन की वजह से हालात काफी खराब हो चुके हैं. ऐसी परिस्थिति को देखते हुए नगर निगम राजनांदगांव में महापौर परिषद ने अब शहर के ढाई हजार परिवारों को सूखा राशन देने का फैसला लिया है.
महापौर परिषद की बैठक में शहर के गरीब तबके के लोगों की दिक्कतों को लेकर के चर्चा की गई .इस दौरान महापौर हेमा देशमुख ने कहा कि जो लोग जरूरतमंद हैं और बेहद गरीब तबके से ताल्लुक रखते हैं, ऐसे लोगों को महापौर और पार्षद निधि से सूखा राशन देने की व्यवस्था की जा सकती है. इसके लिए उन्होंने एमआईसी में प्रस्ताव पास कर राज्य शासन को भेजा गया है.
गरीबों को होगा सीधा फायदा
एमआईसी के इस फैसले से शहर के तकरीबन ढाई हजार गरीब परिवारों को सीधे फायदा होगा. राज्य शासन अगर एमआईसी के इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लेती है तो शहर के ढाई हजार परिवारों को सुखे राशन की व्यवस्था महापौर और पार्षद निधि से होगी.
राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया होगी शुरू
राशन कार्ड बनाने के लिए हर पार्षद को 50 आवेदन फॉर्म दिए जा रहे हैं. लेकिन बीपीएल राशन कार्ड बनाने के लिए सबसे पहले इन परिवारों के पास श्रम कार्ड की अनिवार्यता रखी गई है. कई परिवारों को राशन कार्ड बनवाने में दिक्कतों का सामना अभी भी करना पड़ रहा है. इस बात को लेकर के महापौर हेमा देशमुख ने कलेक्टर को पत्र लिखकर श्रम विभाग को गरीब परिवारों का श्रम कार्ड जल्द बनाने के काम में तेजी लाने को कहा है जिससे गरीब परिवारों का राशन कार्ड जल्द से जल्द बन सके और उन्हें सूखा राशन इसी आधार पर मुहैया कराया जा सके.
कोई भूखा न रहे यह पहली प्राथमिकता
एमआईसी की बैठक में महापौर हेमा देशमुख ने कहा कि, शहर में कोई भी गरीब परिवार भूखा नहीं सोना चाहिए. इसलिए यह एमआईसी में प्रस्ताव रखा गया है और राज्य शासन को भेजा जा रहा है, जल्द ही इस पर मुहर लगने की संभावना है.