राजनांदगांवः खुज्जी विधानसभा के ग्राम कलडबरी के प्रवासी मजदूर मुम्बई से शनिवार को डोंगरगांव पहुंचे. प्रवासी मजदूर क्षेत्र के विधायक छन्नी साहू के पड़ोसी गांव के बताए जा रहे हैं. मजदूरों ने बताया कि मुम्बई से छत्तीसगढ़ आने के लिए उन्हें शासन की ओर से किसी प्रकार की सुविधा नहीं मिली. जिसकी वजह से उन्हें मोटी रकम देकर मालवाहक गाड़ी में सफर तय करना पड़ा.
यहीं स्थिति ग्राम आयबांधा के मजदूरों की है, जो हैदराबाद से डोंगरगांव पहुंचे थे. इसके लिए उन्हें प्रति व्यक्ति पांच-पांच हजार रुपए किराया देना पड़ा. डोंगरगांव पहुंचने के बाद भी उन्हें पैदल ही अपने गंतव्य स्थानों पर पहुंच पड़ा.
सफर में खत्म हुई जमा पूंजी
कलडबरी के प्रवासी मजदूर दंपति ने बताया कि उन्होंने घर वापस लौटने के लिए दो फार्म भरे थे, लेकिन शासन- प्रशासन ने उनकी कोई सुध नहीं ली. उन्होंने बताया कि जो कमाई उन्होंने एक साल में की थी उसे दो माह के लॉकडाउन के दौरान खाने-पीने और वापसी के लिए खर्च करने पड़ी.
मजदूरों की मदद करने की अपील
डोंगरगांव के अस्पताल में स्क्रीनिंग के लिए पहुंचे मजदूरों ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सरकार ने खाने पीने की पूरी व्यवस्था की है, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने कोई सुविधा नहीं दी. वहीं खुज्जी विधानसभा क्षेत्र के एक मजदूर ने अपनी आपबीती बताते हुए राज्य शासन से फंसे हुए मजदूरों की मदद करने की अपील की है.
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कोरोना वायरस जैसे वैश्विक माहामरी के दौरान मजदूरों का दर्द देश के सभी राज्यों में देखने को मिल रहा है. वहीं शासन- प्रशासन की ओर से इन मजदूरों को सुविधा मुहैया कराने के लिए कई योजना लागू करने की बात कही जा रही है. लेकिन शासन की योजनाएं जमीनी हकीकत में कुछ और है.