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अनमोल चिटफंड कंपनी: 'आरोप सही हुआ तो दे दूंगा इस्तीफा'

महापौर मधुसूदन यादव का कहना है कि मामले में उन्होंने अंबिकापुर एसपी की बात को संज्ञान में लिया है. मधुसूदन यादव ने कहा कि अनमोल इंडिया चिटफंड कंपनी के किसी भी कार्यक्रम में वे कभी नहीं गये हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि वे किसी भी निवेशक को कंपनी में निवेश करने के लिए भी नहीं कहा है.

'आरोप सही हुआ तो दे दूंगा इस्तीफा'
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Published : Jun 21, 2019, 10:51 PM IST

Updated : Jun 21, 2019, 10:58 PM IST

राजनांदगांव: अनमोल इंडिया चिटफंड कंपनी को लेकर एक बार फिर सियासत तेज हो गई है. मामले में अंबिकापुर पुलिस ने पूर्व सांसद अभिषेक सिंह और वर्तमान महापौर मधुसूदन यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. जिसके बाद से विपक्ष हमलावर है और महापौर मधुसूदन यादव से इस्तीफे की मांग कर रहा है.

'आरोप सही हुआ तो दे दूंगा इस्तीफा'

इधर, महापौर मधुसूदन यादव का कहना है कि मामले में उन्होंने अंबिकापुर एसपी की बात को संज्ञान में लिया है. मधुसूदन यादव ने कहा कि अनमोल इंडिया चिटफंड कंपनी के किसी भी कार्यक्रम में वे कभी नहीं गये हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि वे किसी भी निवेशक को कंपनी में निवेश करने के लिए भी नहीं कहा है.

सही तथ्य सामने आने पर दे देंगे इस्तीफा
मधुसूदन यादव ने इस्तीफे की मांग पर कहा कि विपक्ष अगर चिटफंड कंपनी के मामले में एक भी तथ्य सामने ला देता है, जिसमें उन्होंने किसी से कंपनी में निवेश करने की बात कही है. तो वे स्वयं इस्तीफा दे देंगे. यादव ने कहा कि इस मामले में अगर राजनीति न हो तो तुरंत दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.

अभिषेक सिंह के खिलाफ केस दर्ज
दरअसल, राजनांदगांव में चिटफंड कंपनी के हितग्राहियों के पैसे न मिलने पर अदालत में एक परिवाद दायर किया गया था. जिसमें अभिषेक सिंह, मधुसूदन यादव, नरेश डाकलिया समेत 20 लोगों के नाम शामिल हैं. सभी के खिलाफ धारा 420, 34 तथा छत्तीसगढ़ के निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा 10 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है.

अभिकर्ता को भी नहीं मिली रकम
सुमेरपुर का रहने वाला ज्ञान दास एक चिंटफंड कंपनी अनमोल इंडिया में अभिकर्ता के तौर पर काम करता था. इसी कंपनी में उसने अपना पैसा भी जमा कराया था, लेकिन समय पूरा होने के बाद ज्ञान दास को रकम नहीं मिली और कंपनी अपना कारोबार समेट कर फरार हो गई. जिसके बाद ज्ञान दास ने वकील के माध्यम से जिला एवं सत्र न्यायालय में एक परिवाद दायर किया. जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के बेटे और पूर्व सांसद अभिषेक सिंह समेत 20 अन्य लोगों को कंपनी के संचालक सदस्य बताया गया है.

राजनांदगांव: अनमोल इंडिया चिटफंड कंपनी को लेकर एक बार फिर सियासत तेज हो गई है. मामले में अंबिकापुर पुलिस ने पूर्व सांसद अभिषेक सिंह और वर्तमान महापौर मधुसूदन यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. जिसके बाद से विपक्ष हमलावर है और महापौर मधुसूदन यादव से इस्तीफे की मांग कर रहा है.

'आरोप सही हुआ तो दे दूंगा इस्तीफा'

इधर, महापौर मधुसूदन यादव का कहना है कि मामले में उन्होंने अंबिकापुर एसपी की बात को संज्ञान में लिया है. मधुसूदन यादव ने कहा कि अनमोल इंडिया चिटफंड कंपनी के किसी भी कार्यक्रम में वे कभी नहीं गये हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि वे किसी भी निवेशक को कंपनी में निवेश करने के लिए भी नहीं कहा है.

सही तथ्य सामने आने पर दे देंगे इस्तीफा
मधुसूदन यादव ने इस्तीफे की मांग पर कहा कि विपक्ष अगर चिटफंड कंपनी के मामले में एक भी तथ्य सामने ला देता है, जिसमें उन्होंने किसी से कंपनी में निवेश करने की बात कही है. तो वे स्वयं इस्तीफा दे देंगे. यादव ने कहा कि इस मामले में अगर राजनीति न हो तो तुरंत दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.

अभिषेक सिंह के खिलाफ केस दर्ज
दरअसल, राजनांदगांव में चिटफंड कंपनी के हितग्राहियों के पैसे न मिलने पर अदालत में एक परिवाद दायर किया गया था. जिसमें अभिषेक सिंह, मधुसूदन यादव, नरेश डाकलिया समेत 20 लोगों के नाम शामिल हैं. सभी के खिलाफ धारा 420, 34 तथा छत्तीसगढ़ के निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा 10 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है.

अभिकर्ता को भी नहीं मिली रकम
सुमेरपुर का रहने वाला ज्ञान दास एक चिंटफंड कंपनी अनमोल इंडिया में अभिकर्ता के तौर पर काम करता था. इसी कंपनी में उसने अपना पैसा भी जमा कराया था, लेकिन समय पूरा होने के बाद ज्ञान दास को रकम नहीं मिली और कंपनी अपना कारोबार समेट कर फरार हो गई. जिसके बाद ज्ञान दास ने वकील के माध्यम से जिला एवं सत्र न्यायालय में एक परिवाद दायर किया. जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के बेटे और पूर्व सांसद अभिषेक सिंह समेत 20 अन्य लोगों को कंपनी के संचालक सदस्य बताया गया है.

Intro:
राजनांदगांव अनमोल इंडिया चिटफंड कंपनी में निवेशकों का पैसा वापस नहीं किए जाने के मामले में अंबिकापुर पुलिस ने जो एफ आई आर पूर्व सांसद अभिषेक सिंह और वर्तमान महापौर मधुसूदन यादव के खिलाफ दर्ज की है इसके बाद सियासी माहौल गरमा गया है एक ओर जहां विपक्ष महापौर मधुसूदन यादव से इस्तीफे की मांग कर रहा है तो दूसरी ओर महापौर मधुसूदन यादव ने कहां है कि उन्होंने अंबिकापुर एसपी के कथन को संज्ञान में लिया है उनका कहना है कि मामले में एफ आई आर दर्ज कर तथ्यों की जांच की जा रही है अगर जांच में तथ्य सही पाए गए तो f.i.r. यथावत रहेगी अन्यथा f.i.r. रद्द की जाएगी उन्होंने कहा कि अनमोल इंडिया चिटफंड कंपनी के किसी भी कार्यक्रम में मैं कभी नहीं गया और ना ही किसी भी निवेशक को कंपनी में निवेश करने के लिए कहा कुछ लोग इस मामले में मेरे इस्तीफे की मांग कर रहे हैं उनसे मैं स्पष्ट कहना चाहूंगा कि वे एक भी तथ्य सामने ला दे जिनमें मैंने स्वयं कंपनी में निवेश करने की बात कही है तो वे स्वयं इस्तीफा दे देंगे बशर्ते आरोप लगाने वाले स्वयं तथ्य सामने लाकर दें. उन्होंने कहा कि इस मामले में अगर राजनीति ना हो तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा और अगर राजनीति होती है तो भी कोर्ट में दूध का दूध और पानी का पानी होना तय है.


Body:ऐसा है पूरा मामला
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे और पूर्व सांसद अभिषेक सिंह, पूर्व सांसद मधुसूदन यादव समेत 20 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। दरअसल चिटफंड कंपनी अनमोल इंडिया में निवेशकों के पैसे वापस नहीं किए जाने के मामले में पुलिस ने केस दर्ज किया है।
जानकारी के मुताबिक हितग्राहियों के पैसे ना मिलने पर अदालत में परिवाद दायर किया गया था। मियाद अवधि पूरी हो जाने के बावजूद उन्हें मूलधन तक वापस नहीं किया गया। जिसके एवज में यह कार्रवाई की गई है। अभिषेक सिंह, मधुसूदन यादव, नरेश डाकलिया आदि के खिलाफ धारा 420 , 34 तथा छत्तीसगढ़ के निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा दस के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है।
अभिकर्ता को नहीं मिली रकम वापस
दरअसल, सुमेरपुर के रहने वाले ज्ञान दास एक चिंटफंड कंपनी अनमोल इंडिया में अभिकर्ता के तौर पर काम करता था। उसने अपना पैसा भी कंपनी में जमा कराया था लेकिन समय पूरा होने के बाद भी कंपनी से उसे रकम वापस नहीं मिली। कंपनी में रकम जमा कराने वाले लोग दफ्तर के चक्कर लगाते रहे लेकिन वह अपना कारोबार समेट कर रफू चक्कर हो गई।Conclusion:अदालत में परिवाद दायर
मामले में ज्ञान दास ने वकील के माध्यम से जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश बीपी वर्मा की अदालत में परिवाद दायर किया। बताया जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के पुत्र और पूर्व सांसद अभिषेक सिंह समेत 20 अन्य लोग भी कंपनी के संचालक सदस्यों में शामिल हैं। मामले में सुनवाई के बाद कार्ट ने पुलिस को जल्द जांच कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दे दिए हैं।

Bite मधुसूदन यादव महापौर
Last Updated : Jun 21, 2019, 10:58 PM IST
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