राजनांदगांव: केंद्र सरकार के नए कृषि कानून के विरोध में दिल्ली में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. इसे लकर देशभर में सियासत जहां गर्म है, वहीं राजनांदगांव से लोकसभा सांसद संतोष पांडेय ने बुधवार को विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में किसानों का प्रदर्शन चल रहा है. प्रदर्शन में कम्युनिस्ट, कांग्रेसी और वामपंथी सहित नक्सली शामिल हैं. अब इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में माहौल गरमा गया है.
दरअसल, राजनांदगांव जिले में किसानों की मौत के मामले में जिला भाजपा कार्यालय में बीजेपी ने पत्रकार वार्ता किया. इस दौरान सांसद संतोष पांडेय ने कहा कि जो चेहरे शाहीन बाग में दिख रहे थे, वही चेहरे दिल्ली के किसानों के आंदोलन के दौरान देखने को मिल रहे हैं. उन्होंने योगेंद्र यादव का नाम गिनाया, साथ ही कहा कि योगेंद्र यादव सोनिया गांधी की टीम में थे. मनमोहन सिंह के कार्यों की मॉनिटरिंग किया करते थे, जिन्हें सुरजेवाला ने आंदोलन से बाहर का रास्ता दिखाया है.
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हड़ताल में अर्बन नक्सली, कांग्रेसी और कम्युनिस्ट शामिल
सांसद संतोष पांडेय ने कहा कि जिस तरह से शाहीन बाग में 60 लोगों की मौत होती है, ठीक उसी तरीके से किसानों का प्रदर्शन खड़ा किया गया है. उन्होंने कहा कि असामाजिक तत्व और देश के विरोध में काम करने वाले लोग दिल्ली के प्रदर्शन में दिखाई दे रहे थे. उन्होंने कहा कि इनकी मंशा किसानों के हितों के लिए नहीं है. यह अपने एजेंडे के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं.
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सवालों के घेरे में नजर आ रहे संतोष पांडेय
सांसद संतोष पांडेय के इस बयान ने सियासी गलियारे में भूचाल ला दिया है. सत्ता के गलियारे में उनके इस बयान की लगातार चर्चा हो रही है. कहा जा रहा है कि सांसद के इस बयान से दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसान सीधे तौर पर अर्बन नक्सली कहे जा रहे हैं. एक चुने हुए नेता के द्वारा अपने ही देश के नागरिकों को इस तरीके से संबोधित करने से कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं.