राजनांदगांव: कोरोना संकट के समय में हर ओर से मदद के हाथ उठ रहे हैं. इसी कड़ी में शहर के दो छोटे स्कूली बच्चों ने इस विपदा की घड़ी में मदद का हाथ बढ़ाते हुए एक नई मिसाल कायम की है. शहर के चिखली में रहने वाली निधि और तन्मय पाल ने अपने गुल्लक को तोड़कर निकली रकम को मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कराया है.
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कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण पूरे देश में आपातकाल जैसे हालात पैदा हो गए हैं. शहर और गांव के मजदूर वर्ग की हालत खस्ता हो चुकी है. ऐसे में लोगों को सबसे ज्यादा जरूरत दो वक्त के खाने की है. इसके लिए लगातार सरकार और प्रशासन लोगों से मदद की अपील कर रहा है. ऐसी ही अपील का बड़ा असर बच्चों पर भी दिखाई दे रहा है, जिसके कारण अब उनके मन में भी लोगों की सहायता करने की इच्छा जागृत हो रही है.
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गुल्लक लेकर महापौर हेमा देशमुख के कार्यालय पहुंचे बच्चे
राजनांदगांव शहर के चिखली क्षेत्र की रहने वाली कक्षा आठवीं की छात्रा निधि पाल और कक्षा तीसरी में पढ़ने वाले तन्मय पाल ने जरूरतमंदों की सहायता के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में अपने गुल्लक में जमा रुपयों को दान किया है. गुरुवार की सुबह दोनों बच्चे महापौर हेमा देशमुख के कार्यालय अपनी गुल्लक लेकर पहुंचे. यहां बच्चों ने महापौर से मुख्यमंत्री राहत कोष में रुपए दान करने की इच्छा जताई, जिसके बाद बच्चों ने मेयर हेमा देशमुख के सामने ही अपनी गुल्लक तोड़ी और रुपए मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए सौंप दिए.
निधि और तन्मय का कहना है कि कुछ बच्चों द्वारा अपनी गुल्लक के रुपए दान करने की खबरें उन्होंने देखी थी, जिससे प्रेरित होकर उन्होंने भी ऐसा किया है. वे चाहते हैं कि उनके रुपए जरूरतमंदों के काम आए और कोरोना वायरस से निपटने में कहीं दिक्कत न हो.
गुल्लक से निकले 1100 रुपए
बच्चों की इस सोच की सराहना करते हुए महापौर ने कहा कि वे गौरवान्वित हैं कि ऐसे बच्चे राजनांदगांव में हैं, जो असहाय लोगों की मदद के लिए आगे आए हैं. बच्चों के पालकों का कहना है कि उन्हें काफी गर्व हो रहा है कि उनके बच्चे इस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए अपने गुल्लक में जमा रुपए का दान कर रहे हैं.
बता दें कि तन्मय और निधि लगभग 2 वर्षों से गुल्लक में रुपए जमा कर रहे थे. सिक्के और नोट मिलाकर लगभग 1100 रुपए का दान उन्होंने मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए किया है. इन बच्चों की सेवा भावना देखकर हर कोई इनकी तारीफ कर रहा है.