डोंगरगांव/राजनांदगांव: गर्मी का मौसम आते ही क्षेत्र में पानी की समस्या शुरू हो जाती है. ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की समस्या सामने आने लगती है. लोगों को पानी के लिए मीलों दूर चलना पड़ता है. मई का महीना शुरू हो गया है. एक तरफ कोरोना संक्रमण से लोग परेशान हैं, तो दूसरी तरफ पेयजल का संकट गहराता जा रहा है. डोंगरगांव के बगदई में हेंडपंप सूखने लगे हैं. नलजल योजना के तहत लगाए गए बोर से भी पानी कम आने लगा है. गांव के लोग पेयजल के संकट से बचने के लिए बोर को दुरुस्त करने में जुट गए हैं.
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बगदई में फसलों और खेतों में पानी की पूर्ति के लिए रिसायकल सिस्टम बनाया गया है.खेतों के लिए तो पानी की पर्याप्त व्यवस्था है लेकिन ग्रामीणों के लिए पेयजल की पूर्ति कर पाना बड़ी समस्या बन गया है. ग्रामीण घंटों बोर से पानी निकालने के जद्दोजहद करते हैं तब कही जाकर उन्हें पानी मिल पाता है. मई की शुरुआत में ही गांव का वाटर लेवल नीचे जा चुका है. आगे पानी की समस्या और न बढ़ जाए इसे देखते हुए गांव के सरपंच सभी बोर की मरम्मत का काम करवा रहे हैं.
गर्मी में अक्सर होती है पानी की समस्या
बगदई समेत जिले के कई गांव में गर्मी के समय पानी की समस्या होने लगती है. तापमान बढ़ने के साथ ही जलाशय सूखने लगते हैं. नदी-नालों में पानी नाम मात्र ही रह जाता है. जिस तालाब में पानी बच जाता है वह भी पीने लायक नहीं बचता है. इस पानी का उपयोग ग्रामीण सिंचाई और पशुओं के लिए करते हैं. ऐसे में पेयजल का स्त्रोत लगभग खत्म हो जाता है.गांव के लोग पानी के लिए दूसरें गांव तक चले जाते हैं. अब देखना ये होगा की सरकार पानी की आपूर्ति के लिए क्या ठोस कदम उठाती है.