राजनांदगांव: लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर मजदूरों और किसानों पर ही हुआ है. लॉकडाउन के कारण बहुत से मजदूर अलग-अलग राज्यों में फंस गए थे, जो अब अपने राज्यों की ओर लौट रहे हैं. मंगलवार को छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र बॉर्डर पर करीब 20 हजार मजदूरों की भीड़ जमा हो गई. राजनांदगांव जिले के महाराष्ट्र सीमा से लगे बागनदी बॉर्डर पर तकरीबन 20 हजार से अधिक मजदूर एक ही जगह जमा हो गए.
बता दें कि राजनांदगांव से लगे महाराष्ट्र सीमा के बागनदी बॉर्डर में मजदूरों की भीड़ जुट गई थी. इतने लोगों को देख प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए, इसके बाद पुलिस-प्रशासन ने उन्हें उनके घरों के लिए रवाना किया.
मजदूरों को घर रवाना किया गया
बताया जा रहा है कि मजदूरों को महाराष्ट्र से 40-50 बसों में लाकर बागनदी की सीमा पर उतारा गया है. इनमें छत्तीसगढ़ के अलावा पश्चिम बंगाल, झारखंड और ओडिशा के भी मजदूर हैं. मजदूरों की अचानक भीड़ उमड़ने से प्रशासन हरकत में आ गया. मजदूरों ने सोशल डिस्टेंसिंग की भी धज्जियां उड़ाईं, जिसके बाद पुलिस की टीम ने ट्रक और अन्य मालवाहक गाड़ियों में बिठाकर मजदूरों को उनके गृह जिले और राज्यों के लिए रवाना कर दिया.
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स्वास्थ्य सुविधाएं फेल
मजदूरों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि बागनदी में स्वास्थ्य सुविधा भी फेल हो गई. भीड़ इतनी थी कि स्वास्थ्य विभाग की टीम मजदूरों की जांच नहीं कर पाई, अधिकांश मजदूरों को बिना स्वास्थ्य परीक्षण के ही ट्रकों और मालवाहक गाड़ियों में बिठाकर भेज दिया गया. प्रशासन की इस अव्यवस्था को लेकर मजदूरों में भी जमकर नाराजगी दिखने को मिली.
मजदूरों की भीड़ जमा
बता दें कि सभी मजदूर महाराष्ट्र के नहीं हैं. लॉकडाउन के चलते मजदूर अलग-अलग राज्यों में फंस गए थे. इन मजदूरों को महाराष्ट्र सरकार ने राज्य परिवहन की बसों में बिठाकर राजनांदगांव की सीमा पर छोड़ दिया, इसके कारण जिले के बागनदी में अचानक मजदूरों की भीड़ जमा हो गई.