राजनांदगांव/खैरागढ़: गांवाें में प्रवासी श्रमिकाें के लिए बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटराें में तरह-तरह की दिक्कतें सामने आ रही हैं. खैरझिटी गांव में सरकारी स्कूल में बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर में मजदूरों काे साेने के लिए अपने घराें से ही बिस्तर की व्यवस्था करनी पड़ रही है. इतना ही नहीं खाने-पीने आदि के लिए जरूरी बर्तन भी अपने-अपने घराें से मंगाने पड़े हैं. ग्राम पंचायत ने यह कहकर व्यवस्था करने से हाथ खड़ा कर दिया कि किराया भंडार वाले ने बिस्तर और बर्तन किराए पर देने से मना कर दिया है.
पढ़ें- केलो नदी में धड़ल्ले से चल रहा है रेत का अवैध उत्खनन, माफिया बेखौफ
39 मजदूर क्वॉरेंटाइन
ज्यादातर क्वॉरेंटाइन सेंटराें में मजदूर अपने घर से लाए गए बिस्तर का उपयोग कर रहे हैं. संक्रमण फैलने के डर से टेंट हाउस संचालक गद्दा और बिस्तर देने से मना कर रहा है. ग्राम पंचायताें के पास और काेई दूसरी व्यवस्था नहीं है. ग्राम पंचायत खैरझिटी में दूसरे राज्य जैसे गुजरात, हैदराबाद और अन्य जगह से आए 39 मजदूरों को क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया है. ग्राम पंचायत सचिव राधे लाल साहू ने बताया कि 14 दिन की अवधि पूरी होने के बाद 16 मजदूरों को होम आइसोलेशन में रखा गया है. 23 मजदूर अभी भी क्वॉरेंटाइन सेंटर में हैं.
किराया से देने तैयार नहीं
पंचायत सचिव राधे लाल साहू ने बताया कि पंचायत और ग्रामीणों के सहयोग से क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों को राशन सामग्रियां दी गई हैं. उनके देखरेख की उचित व्यवस्था रखी गई है. लेकिन बिस्तर और बर्तन की व्यवस्था नहीं हाे पायी. इस कारण मजदूरों ने लाए गए बिस्तर का उपयोग किया जा रहा है. टेंट हाउस वाला गद्दा वगैरह किराया से देने से मना कर दिया गया. इस कारण प्रवासी श्रमिकाें काे खुद अपनी व्यवस्था करनी पड़ी.
पढ़ें- रेलवे ने एक जून से चलने वाली ट्रेनों की लिस्ट जारी की, आज से बुकिंग शुरू
संक्रमण का खतरा रहेगा
जानकाराें के अनुसार क्वॉरेंटाइन सेंटर्स में रखे गए प्रवासी मजदूर के लिए अलग-अलग सभी व्यवस्थाएं हाेनी चाहिए. उनके उपयाेग किए जा रहे सामानाें काे काेई दूसरा यूज न करें. इसकी भी व्यवस्था जरूरी है. लेकिन क्वॉरेंटाइन सेंटर्स में ऐसा कुछ भी नहीं है. जिस बिस्तर पर वे साे रहे हैं, बाद में उसे वापस घर भी ले जा रहे हैं. बर्तनाें का भी घर के बाकी लाेग उपयाेग कर रहे हैं, इससे काेराेना का संक्रमण फैलने की आशंका बनी हुई है.