राजनांदगांव: प्रदेश से देश के अलग-अलग राज्यों में रोजी-रोटी की तलाश में गए मजदूर लगातार स्पेशल ट्रेनों के जरिए लौट रहे हैं. कोरोना संकट को देखते हुए किए गए लॉकडाउन में छत्तीसगढ़ के हजारों मजदूर अन्य राज्यों में फंस गए थे. जिसके बाद उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया था. लगातार मुश्किलों से भरे दिन काटने के बाद मजदूर अपने घर पहुंचकर राहत की सांस ले रहे हैं.
अन्य राज्यों से लौटे छत्तीसगढ़ के मजदूरों से ETV भारत ने बात की. मजदूरों ने बताया कि वे लगातार इतने दिनों के लॉकडाउन के कारण भारी परेशानी उठा रहे थे. मजदूरों का कहना है कि वे भूखे रहकर दिन काट रहे थे. ना तो वहां की राज्य सरकार ध्यान दे रही थी और ना ही काम करने वाले संस्थान के ठेकेदार ध्यान दे रहे थे. इसके चलते उनके पास अपने घर वापस लौटने के अलावा कोई चारा नहीं था.
बता दें कि अलग-अलग राज्यों से प्रवासी मजदूर लगातार बड़ी संख्या में जिले में लौट रहे हैं. करीब 102 श्रमिक शुक्रवार को जिले में वापस लौटे हैं . इन्हें क्वॉरेंटाइन की अवधि पूरी करने के बाद अपने घर जाने की इजाजत दी जाएगी.
स्टेशन में मेडिकल चेकअप
प्रशासन ने लौट रहे मजदूरों के लिए रेलवे स्टेशन पर ही मेडिकल चेकअप की व्यवस्था की है. यहां कई संदिग्ध मजदूरों की रैपिड टेस्ट किट से भी जांच की गई है. क्वॉरेंटाइन की अवधि पूरी करने के बाद मजदूरों को उनके घर भेजने की तैयारी की जाएगी. फिलहाल रैन बसेरा में प्रशासन ने मजदूरों के रुकने की व्यवस्था की है.
पैदल चलने का सिलसिला बरकरार
राजनांदगांव के कई मजदूर महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना सहित अन्य राज्यों में काम करते हैं, ये वहां से बड़ी संख्या में पैदल भी लौट रहे हैं. इसे देखते हुए मजदूरों को बाघ नदी बॉर्डर पर रोका जा रहा है.