ETV Bharat / state

कलेक्टर की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहा दिव्यांग, 6 महीने से लगा रहा कलेक्ट्रेट का चक्कर - दिव्यांग परेशान

राजनांदगांव: सिस्टम की लापरवाही किसी को कितना लाचार कर सकता है, इसकी बानगी राजनांदगांव में देखने को मिला. जहां कलेक्टर की हड़बड़ी ने एक दिव्यांग को दाने-दाने के लिए मोहताज कर दिया है. यहां कलेक्टर के एक आदेश ने रोजगार सहायक के लिए चयनित दिव्यांग को दर-दर भटकने को मजबूर कर दिया है.

जिला पंचायत भवन से निकलता दिव्यांग
author img

By

Published : Feb 15, 2019, 6:39 PM IST

Updated : Mar 2, 2019, 3:17 PM IST

दरअसल, 6 महीने पहले जनपद पंचायत राजनांदगांव से रोजगार सहायक के पद पर पंचायतों में नियुक्ति के लिए बेरोजगारों से आवेदन मंगाए गए थे. आवेदन पत्रों की छंटनी के बाद मेरिट सूची जारी की गई. जिसमें बम्हनी ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक के पद के लिए हितेश कुमार का चयन किया गया, लेकिन उसे अबतक नियुक्ति नहीं दी गई है.

बताते हैं कि जनपद पंचायत राजनांदगांव में कार्यरत तीन रोजगार सहायकों को पूर्व कलेक्टर भीम सिंह ने बर्खास्त कर दिया था. इसके बाद बर्खास्त रोजगार सहायकों ने कोर्ट की शरण ली जिसपर हाईकोर्ट ने सभी को फिर से बहाल करने के आदेश जारी कर दिये. जिसपर आनन-फानन में पूर्व कलेक्टर भीम सिंह ने तीनों रोजगार सहायकों को फिर से नियुक्ति दे दी. जिसमें बम्हनी ग्राम पंचायत के लिए रोजगार सहायक को नियुक्त कर दिया गया.

जबकि जनपद पंचायत राजनांदगांव ने इस पद के लिए अलग से वैकेंसी निकाल दी थी और चयन प्रक्रिया भी लगभग पूरी हो चुकी थी, लेकिन कलेक्टर के आदेश के चलते बाकी रोजगार सहायक को बम्हनी ग्राम पंचायत में नियुक्ति दे दी गई. इधर, रोजगार सहायक के लिए चयनित हितेश कुमार साहू की नियुक्ति वहां पर संभव नहीं है, क्योंकि पंचायत में एक ही रोजगार सहायक का पद रिक्त था.

undefined

अब हितेश कुमार ने जनदर्शन के माध्यम से नए कलेक्टर जय प्रकाश मौर्य से गुहार लगाई है, लेकिन अभी तक उसे नियुक्ति के लिए कोई आश्वासन नहीं मिला है. वहीं दूसरी ओर जनपद पंचायत विभाग में जहां उसकी नियुक्ति होनी है. वहां भी अधिकारी इस मसले में पल्ला झाड़ने में लगे हैं. मामले में सीईओ डीके चंद्राकर मामले में कुछ भी नहीं बोल रहे हैं.

6 माह से भटक रहा है हितेश
हितेश कुमार दिव्यांग है और बीते 6 महीने से जनपद पंचायत राजनांदगांव और जिला पंचायत सहित कलेक्टर के दफ्तर का चक्कर काट रहा है, लेकिन अधिकारियों का टालमटोल रवैया अब तक नहीं सुधरा है. इसके चलते हितेश को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

दरअसल, 6 महीने पहले जनपद पंचायत राजनांदगांव से रोजगार सहायक के पद पर पंचायतों में नियुक्ति के लिए बेरोजगारों से आवेदन मंगाए गए थे. आवेदन पत्रों की छंटनी के बाद मेरिट सूची जारी की गई. जिसमें बम्हनी ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक के पद के लिए हितेश कुमार का चयन किया गया, लेकिन उसे अबतक नियुक्ति नहीं दी गई है.

बताते हैं कि जनपद पंचायत राजनांदगांव में कार्यरत तीन रोजगार सहायकों को पूर्व कलेक्टर भीम सिंह ने बर्खास्त कर दिया था. इसके बाद बर्खास्त रोजगार सहायकों ने कोर्ट की शरण ली जिसपर हाईकोर्ट ने सभी को फिर से बहाल करने के आदेश जारी कर दिये. जिसपर आनन-फानन में पूर्व कलेक्टर भीम सिंह ने तीनों रोजगार सहायकों को फिर से नियुक्ति दे दी. जिसमें बम्हनी ग्राम पंचायत के लिए रोजगार सहायक को नियुक्त कर दिया गया.

जबकि जनपद पंचायत राजनांदगांव ने इस पद के लिए अलग से वैकेंसी निकाल दी थी और चयन प्रक्रिया भी लगभग पूरी हो चुकी थी, लेकिन कलेक्टर के आदेश के चलते बाकी रोजगार सहायक को बम्हनी ग्राम पंचायत में नियुक्ति दे दी गई. इधर, रोजगार सहायक के लिए चयनित हितेश कुमार साहू की नियुक्ति वहां पर संभव नहीं है, क्योंकि पंचायत में एक ही रोजगार सहायक का पद रिक्त था.

undefined

अब हितेश कुमार ने जनदर्शन के माध्यम से नए कलेक्टर जय प्रकाश मौर्य से गुहार लगाई है, लेकिन अभी तक उसे नियुक्ति के लिए कोई आश्वासन नहीं मिला है. वहीं दूसरी ओर जनपद पंचायत विभाग में जहां उसकी नियुक्ति होनी है. वहां भी अधिकारी इस मसले में पल्ला झाड़ने में लगे हैं. मामले में सीईओ डीके चंद्राकर मामले में कुछ भी नहीं बोल रहे हैं.

6 माह से भटक रहा है हितेश
हितेश कुमार दिव्यांग है और बीते 6 महीने से जनपद पंचायत राजनांदगांव और जिला पंचायत सहित कलेक्टर के दफ्तर का चक्कर काट रहा है, लेकिन अधिकारियों का टालमटोल रवैया अब तक नहीं सुधरा है. इसके चलते हितेश को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

Intro:राजनांदगांव. कोर्ट का आदेश मारने के लिए पूर्व कलेक्टर भीम सिंह की हड़बड़ी का खामियाजा आज विकलांग हितेश कुमार को उठाना पड़ रहा है सिस्टम की खामियों के चलते वह पिछले 6 माह से अपनी नौकरी के लिए दर-दर भटक रहा है हाल ही में उसने जनदर्शन के माध्यम से फिर से नए कलेक्टर जय प्रकाश मौर्य से गुहार लगाई है लेकिन अब तक उसे न्याय नहीं मिला है वहीं दूसरी ओर जनपद पंचायत विभाग में जहां उसकी नियुक्ति सुनिश्चित होनी है वहां भी अधिकारी इस मसले पर पल्ला झाड़ रहे हैं हद तो यहां तक है कि इस मामले में सीईओ डीके चंद्राकर मीडिया से भी कोई बातचीत करने को तैयार नहीं है


Body:बता दें कि राजनांदगांव ब्लॉक के ग्राम पंचायत बम्हनी में रोजगार सहायक के पद पर आवेदन करने वाला हितेश कुमार पिता विशाल कुमार साहू जनपद पंचायत राजनांदगांव में रोजाना अपनी नियुक्ति के लिए चक्कर काटने को मजबूर है लेकिन इसके बाद भी अधिकारियों ने उसकी समस्या का कोई हल नहीं निकाला है बल्कि अधिकारी इस मामले में यह कहकर पल्ला झाड़ रहे है कि नियुक्ति की फाइल अनुमोदन के लिए जिला पंचायत भेजी गई है लेकिन जिला पंचायत के सूत्र बताते हैं कि अब तक इस मामले में कोई भी दस्तावेज जिला पंचायत को उपलब्ध नहीं कराए गए हैं.
ऐसा है पूरा मामला
तकरीबन 6 माह पूर्व जनपद पंचायत राजनांदगांव से रोजगार सहायक के पद पर विभिन्न ग्राम पंचायतों में नियुक्ति किए जाने के लिए बेरोजगारों से आवेदन मंगाए गए थे इन आवेदनों की छटनी के बाद मेरिट सूची जारी की गई इस मेरिट सूची में हितेश कुमार साहू के नाम का चयन किया गया लेकिन इस बीच जनपद पंचायत राजनांदगांव में कार्यरत रहे तीन रोजगार सहायकों को पूर्व कलेक्टर भीम सिंह ने बर्खास्त कर दिया था इस मामले में बर्खास्त रोजगार सहायकों ने कोर्ट की शरण ली और हाई कोर्ट से अपनी बहाली के लिए आदेश कराया इसके बाद आनन-फानन में पूर्व कलेक्टर भीम सिंह ने तीनों रोजगार सहायकों को पुनः नियुक्ति दी इस बीच ग्राम पंचायत बम्हनी में भी रोजगार सहायक के रिक्त पद पर बर्खास्त रोजगार सहायक को नियुक्ति दे दी जबकि जनपद पंचायत राजनांदगांव ने इस पद के लिए अलग से वैकेंसी निकाली थी और इस की चयन प्रक्रिया भी लगभग पूरी हो चुकी थी लेकिन कलेक्टर के आदेश के चलते अन्य रोजगार सहायक को बम्हनी ग्राम पंचायत में नियुक्ति दे दी गई इस बीच पात्र हितेश कुमार साहू की नियुक्ति वहां पर संभव नहीं है क्योंकि पंचायत में एक ही रोजगार सहायक का पद रिक्त था.
6 माह से भटक रहा
हितेश विकलांग है और वह पिछले 6 माह से जनपद पंचायत राजनांदगांव और जिला पंचायत सहित कलेक्टर के दफ्तर का चक्कर काट कर थक चुका है लेकिन अधिकारियों का टालमटोल करने का रवैया अब तक नहीं सुधरा है इसके चलते हितेश को अब तक उसके हक की नौकरी नहीं मिल पाई है.
मुझे मीडिया में बोलने का अधिकार नहीं
इस मामले में जनपद पंचायत के सीईओ चंद्राकर का कहना है कि वह इस मामले में मीडिया में कुछ भी नहीं कह सकते उच्च अधिकारियों से उन्हें आदेश है कि मीडिया में कुछ भी ना कहा जाए इसके चलते जब ईटीवी भारत की टीम जनपद पंचायत पहुंची जहां उन्होंने सीईओ चंद्राकर से चर्चा करने की कोशिश की तो उन्होंने साफ मना कर दिया इस बात से स्पष्ट हो रहा है कि मामले में लीपापोती करने की पूरी कोशिश की जा रही है वही अधिकारी हितेश की नियुक्ति कब तक होगी इस मामले में कुछ भी कहने से साफ इंकार कर रहे हैं.


Conclusion:पीटीसी
Last Updated : Mar 2, 2019, 3:17 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.