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मोदी सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे आदिवासी, पदयात्रा कर पहुंचेंगे रायपुर

जिले के सैकड़ों आदिवासी वन अधिकार अधिनियम के तहत लाए जा रहे कानून और आदिवासी परिवारों को वन भूमि से बेदखल किए जाने के खिलाफ हल्ला बोलेंगे. और 200 किलोमीटर का सफर तय कर राजधानी की ओर कूच करेंगे.

वन अधिकार अधिनियम के खिलाफ उतरेंगे सैकड़ों आदिवासी
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Published : Nov 10, 2019, 6:18 PM IST

Updated : Nov 10, 2019, 7:53 PM IST

राजनांदगांव: वन अधिकार अधिनियम के तहत सैकड़ों आदिवासी परिवारों को वन भूमि से बेदखल किए जाने को लेकर आदिवासियों ने हल्ला बोल की तैयारी शुरू कर दी है. इसके तहत लाए जा रहे कानून के विरोध में अब आदिवासी सड़क पर उतरकर लड़ाई लड़ने को तैयार हैं.

वन अधिकार अधिनियम के खिलाफ सड़क पर उतरेंगे आदिवासी

जिले के सैकड़ों आदिवासी करीब 200 किलोमीटर का सफर तय कर रायपुर की ओर कूच करेंगे. जहां राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर इस मामले में वे अपना विरोध दर्ज कराएंगे.

जिले के वन क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी परिवार अब अपनी भूमि से बेदखल होने की खबर सुनते ही परेशान हैं. जिले के आदिवासी एकजुट होकर केंद्र सरकार के इस कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं. इसके तहत आदिवासी परिवार के लोग मानपुर से रायपुर तक पदयात्रा करने की तैयारी में है, जिसके लिए पूरी रूपरेखा तैयार कर ली गई है. करीब 8 पड़ाव के बीच हर गांव से 5 लोग राजधानी की तरफ रवाना होंगे.

पढ़ें- रंग लाई स्वास्थ्यकर्मियों की मेहनत, प्राथमिक केंद्र रघुनाथपुर में पहुंचने लगे मरीज

11 नवंबर से होंगे रवाना

किसान महासभा संघ के महामंत्री मोतीलाल सिन्हा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि वन स्वराज अधिकार रैली जिले के मानपुर ब्लॉक से निकलकर सीधे रायपुर की तरफ रवाना होगी, जिसके बाद 18 नवंबर को रायपुर पहुंचकर राजधानी में आदिवासी अपना विरोध प्रदर्शन करेंगे. आदिवासी परिवारों की मांग है कि सालों से वन भूमि पर निवासरत लोगों को अधिकार देने की बजाय उनकी बेदखली को लेकर कानून बनाया जा रहा है, जो कि गलत है.

राजनांदगांव: वन अधिकार अधिनियम के तहत सैकड़ों आदिवासी परिवारों को वन भूमि से बेदखल किए जाने को लेकर आदिवासियों ने हल्ला बोल की तैयारी शुरू कर दी है. इसके तहत लाए जा रहे कानून के विरोध में अब आदिवासी सड़क पर उतरकर लड़ाई लड़ने को तैयार हैं.

वन अधिकार अधिनियम के खिलाफ सड़क पर उतरेंगे आदिवासी

जिले के सैकड़ों आदिवासी करीब 200 किलोमीटर का सफर तय कर रायपुर की ओर कूच करेंगे. जहां राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर इस मामले में वे अपना विरोध दर्ज कराएंगे.

जिले के वन क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी परिवार अब अपनी भूमि से बेदखल होने की खबर सुनते ही परेशान हैं. जिले के आदिवासी एकजुट होकर केंद्र सरकार के इस कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं. इसके तहत आदिवासी परिवार के लोग मानपुर से रायपुर तक पदयात्रा करने की तैयारी में है, जिसके लिए पूरी रूपरेखा तैयार कर ली गई है. करीब 8 पड़ाव के बीच हर गांव से 5 लोग राजधानी की तरफ रवाना होंगे.

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11 नवंबर से होंगे रवाना

किसान महासभा संघ के महामंत्री मोतीलाल सिन्हा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि वन स्वराज अधिकार रैली जिले के मानपुर ब्लॉक से निकलकर सीधे रायपुर की तरफ रवाना होगी, जिसके बाद 18 नवंबर को रायपुर पहुंचकर राजधानी में आदिवासी अपना विरोध प्रदर्शन करेंगे. आदिवासी परिवारों की मांग है कि सालों से वन भूमि पर निवासरत लोगों को अधिकार देने की बजाय उनकी बेदखली को लेकर कानून बनाया जा रहा है, जो कि गलत है.

Intro:राजनांदगांव वन अधिकार अधिनियम के तहत सैकड़ों आदिवासी परिवारों को वन भूमि से बेदखल किए जाने को लेकर लाए जा रहे कानून के विरोध में अब आदिवासी सड़क की लड़ाई लड़ने को तैयार हो रहे हैं जिले के सैकड़ों आदिवासी तकरीबन 200 किलोमीटर का सफर तय कर राजधानी की ओर कूच करेंगे जहां राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर इस मामले में वे अपना विरोध दर्ज कराएंगे.

Body:जिले के वन क्षेत्रों में निवासरत आदिवासी परिवार अब अपनी भूमि से बेदखल होने की खबर सुनते ही परेशान है जिले के आदिवासी एकजुट होकर केंद्र सरकार के इस कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं इसके तहत आदिवासी परिवार के लोग मानपुर से राजधानी तक पदयात्रा करने की तैयारी में है इसके लिए पूरी रूपरेखा तैयार कर ली गई है तकरीबन 8 पड़ाव के बीच हर गांव से 5 लोग राजधानी की ओर रवाना होंगे.

11 से होंगे रवाना 18 को पहुंचेंगे रायपुर

Conclusion:वन स्वराज अधिकार रैली जिले के मानपुर ब्लॉक से निकलकर सीधे रायपुर की ओर रवाना होगी 18 तारीख को रायपुर पहुंचकर राजधानी में आदिवासी अपना विरोध प्रदर्शन करेंगे आदिवासी परिवारों की मांग है कि सालों से वन भूमि पर निवासरत लोगों को अधिकार देने की बजाय उनकी बेदखली को लेकर के कानून बनाया जा रहा है जो कि गलत है आदिवासी इसके विरोध में है और अब विरोध प्रदर्शन बड़ा रूप ले चुका है.

बाइट मोतीलाल सिन्हा
Last Updated : Nov 10, 2019, 7:53 PM IST
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