राजनांदगांव: दुनिया इस समय कोरोना महामारी के संकट के दौर से गुजर रही है, लॉकडाउन की वजह से देश की कई बड़ी औद्योगिक इकाईयां बंद हो गई है. इसके अलावा कई छोटी-मोटी कंपनियों में भी ताला लग चुका है. जिससे लोगों के सामने रोजगार की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. ऐसे समय में भी महेश यादव ने कमाई का जरिया ढूंढ निकाला है. महेश अपने काम से साबित कर दिया है कि दुनिया में कोई काम मुश्किल नहीं है.
डोंगरगांव ब्लॉक मुख्यालय के रहने वाले महेश बस स्टॉप पर चाय का ठेला लगाया करते थे, लेकिन लॉकडाउन की वजह से होटल में ताला लग गया है. ऐसी स्थिति में महेश तकरीबन बेरोजगार हो चुके थे. उनके लिए घर चलाना भी मुश्किल हो गया था, लेकिन महेश ने हार नहीं मानी और अपनी सूझबूझ से कमाई का नया रास्ता निकाल लिया.
फोन पर मिलते हैं ऑर्डर
महेश ने अपनी चलती-फीरती चाय की दुकान खोल ली है और अब वो चाय बेचकर अपनी आजीविका चला रहे हैं. महेश सुबह से ही चाय की केटली लेकर निकल पड़ते हैं. शुरुआत बस स्टैंड से होती है, जहां अक्सर चाय के शौकीन पहुंचते हैं फिर शहर की दुकानें खुलने के बाद महेश का फोन बजना शुरू हो जाता है और फोन पर ही उन्हें ऑर्डर मिलने लगते हैं. इस काम से वे रोजाना पांच सौ रुपये से जयादा कमा लेते है.
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काफी मुश्किल हो गए थे हालात
ETV भारत से चर्चा करते हुए महेश ने बताया कि लॉकडाउन के बाद व्यापार करना बहुत मुश्किल हो गया था. सरकार आम दिनों की तरह व्यापार करने नहीं दे रही थी और लगातार प्रतिबंध की वजह से लोगों का दुकान पर आना भी बंद हो चुका था. ऐसी स्थिति में हालात बहुत मुश्किल हो गए थे, आर्थिक स्थिति पर लगातार असर पड़ रहा था. अगर जल्द से जल्द कोई इंतजाम नहीं होता तो पता नहीं घर कैसे चलता.
चाय की होम डिलीवरी
वे बताते हैं कि वह घर पर चाय बनाते हैं और फिर हॉट-पॉट में रखकर उसकी डिलीवरी के लिए निकल पड़ते हैं. शुरुआती दिनों में उन्होंने दुकान-दुकान जा कर लोगों से संपर्क किया और अपना मोबाइल नंबर नोट कराया. जिसके बाद लोग फोन पर चाय के आर्डर देने लेगे.
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सोच लें तो कोई काम मुश्किल नहीं
महेश का कहना है कि इस काम को शुरू करने से पहले कई लोगों ने कहा कि छोटे से शहर में यह संभव नहीं हो पाएगा. कुछ लोगों ने कहा कि आखिर कहां-कहां पैदल जाकर डिलीवरी करोगे, लेकिन उन्होंने अपने मजबूत मंसूबों के साथ इस काम को शुरू किया और आज वे सफलतापूर्वक अपनी चाय की चलती-फिरती दुकान चला रहे हैं.
लोग कर रहे तारीफ
डोंगरगांव शहर के डॉक्टर अतुल कुमार गुप्ता का कहना है कि यह बहुत अच्छी सुविधा है. लॉकडाउन होने के बाद चाय की दुकानें बंद हो चुकी थी तब महेश ने घर पहुंच चाय की सुविधा दी यह बड़ी बात है. आदमी दिन भर व्यापार करते हुए कम से कम दो टाइम चाय की चुस्की लेना पसंद करता है और ऐसे में उसे घर पहुंच सेवा मिले तो क्या कहना.
युवाओं के लिए प्रेरणा
महेश के इस कारनामे को देखकर भारतीय जनता युवा मोर्चा के नेता कमलेश सूर्यवंशी का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी को आपदा में भी अवसर तलाशने की बात कही थी और महेश ने इस बात को सच करके दिखा दिया है. महेश जैसे लोग युवाओं के लिए प्रेरणा है.