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राजनांदगांव के कोविड अस्पताल की याचिका पर सुनवाई बढ़ी

राजनांदगांव के सुंदरा मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल ने कोविड-19 मरीजों के इलाज की अनुमति वापस देने की याचिका हाईकोर्ट में दायर की थी. हालांकि हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई की तारीख को बढ़ा दिया है.

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Published : May 22, 2021, 8:56 AM IST

Updated : May 22, 2021, 5:14 PM IST

राजनांदगांव: जिले के सुंदरा मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल को कोविड-19 मरीजों के इलाज की अनुमति दी गई थी. राजनांदगांव सीएमएचओ ने सुंदरा हॉस्पिटल से इस अनुमति को वापस ले लिया था, जिसके खिलाफ हॉस्पिटल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इस मामले में फिलहाल सुनवाई की समय सीमा को बढ़ाते हुए हाईकोर्ट ने राज्य शासन को अतिरिक्त दस्तावेज पेश करने का एक बार फिर से समय दिया है.

पाठ्य पुस्तक निगम को झटका, ब्लैक लिस्टेड तीन कंपनियों को हाईकोर्ट ने दी राहत

सुंदरा मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल ने कहा कि उन्हें पहले से ही कोविड-19 के मरीजों का इलाज करने की अनुमति थी. अचानक सीएमएचओ ने अनुमति वापस ले ली. जिसके खिलाफ हॉस्पिटल ने याचिका दायर की है. दायर याचिका में कहा गया है कि इस तरह की कार्रवाई बिना किसी सूचना और सुनवाई का मौका दिए बिना किया गया है, जो नियम के खिलाफ है. हॉस्पिटल का कहना है कि उन्हें दोबारा कोविड 19 मरीजों के इलाज की अनुमति दी जाए. जिसके बाद शासन की ओर से बुधवार को हाईकोर्ट में जवाब पेश किया गया. हालांकि इसमें संबंधित दस्तावेज पूरे नहीं थे. अब मामले में सोमवार 24 मई को फिर से सुनवाई होगी. जिसमें अतिरिक्त दस्तावेज पेश करने के लिए हाईकोर्ट ने शासन को थोड़ा और समय दिया है.

टीकाकरण को लेकर राज्य सरकार को मिला शपथपत्र, पेश करने के लिए 4 जून तक का समय

वहीं 18 से 44 साल के उम्र के लोगों के टीकाकरण के मामले में भी छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय से शपथ पत्र पेश करने के लिए अतिरिक्त समय की मांग की है. जिसे स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने स्टेट गवर्नमेंट को 4 जून तक का समय शपथ पत्र पेश करने के लिए दिया है.

18+ वैक्सीनेशन मामला: हाईकोर्ट ने शपथ पत्र पेश करने के लिए सरकार को 4 जून तक का समय दिया

पिछली सुनवाई में 18+ टीकाकरण को लेकर सरकार की ओर से पेश किए गए शपथ पत्र पर हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई थी. उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को शुक्रवार तक दोबारा शपथ पत्र प्रस्तुत करने का आदेश जारी किया था. छत्तीसगढ़ सरकार ने हाईकोर्ट में जो अपना पिछला शपथ पत्र पेश किया था, उसमें सरकार की ओर से कहा गया था कि उन्होंने टीकाकरण अभियान में कभी भी वर्गीकरण नहीं किया. जिस पर कोर्ट ने राज्य सरकार को उन्हें गुमराह ना करने की बात कही थी.

राजनांदगांव: जिले के सुंदरा मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल को कोविड-19 मरीजों के इलाज की अनुमति दी गई थी. राजनांदगांव सीएमएचओ ने सुंदरा हॉस्पिटल से इस अनुमति को वापस ले लिया था, जिसके खिलाफ हॉस्पिटल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इस मामले में फिलहाल सुनवाई की समय सीमा को बढ़ाते हुए हाईकोर्ट ने राज्य शासन को अतिरिक्त दस्तावेज पेश करने का एक बार फिर से समय दिया है.

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सुंदरा मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल ने कहा कि उन्हें पहले से ही कोविड-19 के मरीजों का इलाज करने की अनुमति थी. अचानक सीएमएचओ ने अनुमति वापस ले ली. जिसके खिलाफ हॉस्पिटल ने याचिका दायर की है. दायर याचिका में कहा गया है कि इस तरह की कार्रवाई बिना किसी सूचना और सुनवाई का मौका दिए बिना किया गया है, जो नियम के खिलाफ है. हॉस्पिटल का कहना है कि उन्हें दोबारा कोविड 19 मरीजों के इलाज की अनुमति दी जाए. जिसके बाद शासन की ओर से बुधवार को हाईकोर्ट में जवाब पेश किया गया. हालांकि इसमें संबंधित दस्तावेज पूरे नहीं थे. अब मामले में सोमवार 24 मई को फिर से सुनवाई होगी. जिसमें अतिरिक्त दस्तावेज पेश करने के लिए हाईकोर्ट ने शासन को थोड़ा और समय दिया है.

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वहीं 18 से 44 साल के उम्र के लोगों के टीकाकरण के मामले में भी छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय से शपथ पत्र पेश करने के लिए अतिरिक्त समय की मांग की है. जिसे स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने स्टेट गवर्नमेंट को 4 जून तक का समय शपथ पत्र पेश करने के लिए दिया है.

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पिछली सुनवाई में 18+ टीकाकरण को लेकर सरकार की ओर से पेश किए गए शपथ पत्र पर हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई थी. उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को शुक्रवार तक दोबारा शपथ पत्र प्रस्तुत करने का आदेश जारी किया था. छत्तीसगढ़ सरकार ने हाईकोर्ट में जो अपना पिछला शपथ पत्र पेश किया था, उसमें सरकार की ओर से कहा गया था कि उन्होंने टीकाकरण अभियान में कभी भी वर्गीकरण नहीं किया. जिस पर कोर्ट ने राज्य सरकार को उन्हें गुमराह ना करने की बात कही थी.

Last Updated : May 22, 2021, 5:14 PM IST
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