राजनांदगांव: बुधवार को अपनी 24 सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिले भर के सदस्यों ने एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल किया. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. उन्होंने स्वास्थ्य कर्मचारी प्रस्तावित वेतनमान, पेट्रोल भत्ता, मोबाइल भत्ता वेतन वृद्धि, 5 लाख का स्वास्थ्य बीमा जैसी मांग रखी है. इस दौरान शासकीय अस्पतालों में काम बंद होने के कारण मरीजों को इलाज नहीं हो सका. कई मरीज इलाज के लिए यहां वहां भटकते नजर आए.
हड़ताल के चलते मरीजों को हुई परेशानी: छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले लगभग 1 हजार स्वास्थ्य कमर्चारी आज काम पर नहीं पहुंचे. जिसकी वजह से जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में मरीजों को इलाज नहीं मिल पाया. नर्सिंग स्टाफ के अभाव के चलते ब्लड सैंपल कलेक्शन, दवाइयों का वितरण, एक्स-रे, ड्रेसिंग और ऑपरेशन थिएटर में मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा.
क्या कहते हैं कर्मचारी: छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सत्यम कुमार हुमने का कहना है कि "कई सालों से हमारी 24 सूत्रीय मांगें पूरी नहीं हुई है. जिसने वेतन विसंगति एचआरडीए दैनिक वेतन भोगियों की मांग हैं. कोविड के समय हमने भी अपनी जान की बाजी लगाई है, जिस प्रकार से पुलिस यह कर्मचारियों को 13 माह का वेतन दिया गया है. वैसे ही हमें भी तेरह माह का वेतन दिया जाना चाहिए. प्रदेश स्तर पर एक दिन के लिए अवकाश रखा गया है और हड़ताल किया जा रहा है. यदि हमारी मांगे पूरी नहीं किए जाएगी, तो प्रदेश के पदाधिकारियों के आदेश पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी जा सकते हैं."
कर्मचारियों ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी: स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. हालांकि अधिकारियों का कहना है कि वैकल्पिक व्यवस्था की गई है. हड़ताल में नर्सिंग स्टाफ गया है, उसके विकल्प के रूप में एनएचएम स्टाफ से सेवाएं ली जा रही है. अपने एक दिवसीय हड़ताल पर अपनी मांगों को लेकर स्वास्थ्य कर्मचारी गए हुए थे. आने वाले समय में मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की भी चेतावनी स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा दी गई है.