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राजनांदगांव: नक्सल प्रभावित ग्राम कटेमा पहुंची स्वास्थ्य टीम, ग्रामीणों ने उठाया लाभ

खैरागढ़ ब्लॉक का कटेमा गांव 2 राज्यों की सीमा पर बसा है. नक्सल प्रभावित इस गांव में स्वास्थ्य विभाग ने शिविर का आयोजन किया है, जिसका ग्रामीणों ने लाभ उठाया है.

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ग्राम कटेमा पहुंची स्वास्थ्य टीम
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Published : Jun 21, 2020, 6:23 PM IST

राजनांदगांव: खैरागढ़ के नक्सल प्रभावित इलाके में बसे गांव में रविवार को स्वास्थ्य विभाग ने शिविर आयोजित किया. इस दौरान ग्रामीणों के स्वास्थ्य चेकअप किए गए. ग्रामीणों को ये सुविधा साल में एक से 2 बार ही मिला पाती है. ऐसे में बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने इसका लाभ उठाया है. गांव में 2 लोग मलेरिया से पीडित पाए गए हैं. साथ ही कुष्ट रोग और मधुमेह के मरीजों की पहचान हुई है.

नक्सल प्रभावित ग्राम कटेमा पहुंची स्वास्थ्य टीम

बता दें कि, खैरागढ़ ब्लॉक का कटेमा गांव 2 राज्यों की सीमा पर बसा है. गांव में न सड़क है, न बिजली और न ही पानी. इसके साथ ही यह इलाका घोर नक्सल प्रभावित माना जाता है. स्वास्थ्य सुविधाएं भी साल में एक-दो बार ही पहुंच पाती हैं. बारिश के दिनों में गांव में पहुंचना मुश्किल हो जाता है. यही वजह है कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से बारिश से पहले ही स्वास्थ्य शिविर लगाया गया है.

ग्रामीणों को लगाताकर चेकअप कराने की सलाह दी गई है. इसके साथ ही लाेगों को कोरोना संक्रमण से बचाव की भी जानकारी दी गई है. विभाग ग्रामीणों को वायरस के प्रति जागरूक कर रहा है. बचाव के उपाय बतातें हुए विभाग ने ग्रामीणों को मास्क का निशुल्क वितरण भी किया है. शिविर में BMO डॉ विवेक बिसेन के साथ ही बड़ी संख्या में स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे.

पढ़ें: आत्महत्या पर कैसे लगे लगाम, मनोचिकित्सक डॉ. आशुतोष तिवारी से ETV भारत की खास बातचीत

छोटा सा गांव
कटेमा मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र सीमा पर छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के खैरागढ़ ब्लॉक के अंतिम छोर पर बसा हुआ है. यह धुर नक्सल प्रभावित इलाका है. कटेमा गांव में लगभग 22 परिवार रहते हैं. कटेमा में स्वास्थ्य शिविर के दौरान 75 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया. इस दौरान मलेरिया रोधी अभियान के तहत आरडी किट से जांच के बाद 2 लोग मलेरिया से ग्रस्त पाए गए हैं, जिन्हें मलेरिया की नियमित दवाई दी गई है. इस दौरान गांव के दो गर्भवती महिलाओं की जांच भी की गई.

कुष्ट रोग और मधुमेह के मरीज
कटेमा में जांच के दौरान एक कुष्ट रोग का मरीज पाया गया है. मरीज को प्रारंभिक दवाई दी गई है. वहीं बेहतर इलाज के लिए खैरागढ़ सिविल अस्पताल आकर इलाज कराने की हिदायत दी गई है. ग्रामीणों की जांच के दौरान चार ग्रामीण उच्च रक्तचाप और एक मरीज मधुमेह से पीड़ित पाया गया है.

राजनांदगांव: खैरागढ़ के नक्सल प्रभावित इलाके में बसे गांव में रविवार को स्वास्थ्य विभाग ने शिविर आयोजित किया. इस दौरान ग्रामीणों के स्वास्थ्य चेकअप किए गए. ग्रामीणों को ये सुविधा साल में एक से 2 बार ही मिला पाती है. ऐसे में बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने इसका लाभ उठाया है. गांव में 2 लोग मलेरिया से पीडित पाए गए हैं. साथ ही कुष्ट रोग और मधुमेह के मरीजों की पहचान हुई है.

नक्सल प्रभावित ग्राम कटेमा पहुंची स्वास्थ्य टीम

बता दें कि, खैरागढ़ ब्लॉक का कटेमा गांव 2 राज्यों की सीमा पर बसा है. गांव में न सड़क है, न बिजली और न ही पानी. इसके साथ ही यह इलाका घोर नक्सल प्रभावित माना जाता है. स्वास्थ्य सुविधाएं भी साल में एक-दो बार ही पहुंच पाती हैं. बारिश के दिनों में गांव में पहुंचना मुश्किल हो जाता है. यही वजह है कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से बारिश से पहले ही स्वास्थ्य शिविर लगाया गया है.

ग्रामीणों को लगाताकर चेकअप कराने की सलाह दी गई है. इसके साथ ही लाेगों को कोरोना संक्रमण से बचाव की भी जानकारी दी गई है. विभाग ग्रामीणों को वायरस के प्रति जागरूक कर रहा है. बचाव के उपाय बतातें हुए विभाग ने ग्रामीणों को मास्क का निशुल्क वितरण भी किया है. शिविर में BMO डॉ विवेक बिसेन के साथ ही बड़ी संख्या में स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे.

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छोटा सा गांव
कटेमा मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र सीमा पर छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के खैरागढ़ ब्लॉक के अंतिम छोर पर बसा हुआ है. यह धुर नक्सल प्रभावित इलाका है. कटेमा गांव में लगभग 22 परिवार रहते हैं. कटेमा में स्वास्थ्य शिविर के दौरान 75 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया. इस दौरान मलेरिया रोधी अभियान के तहत आरडी किट से जांच के बाद 2 लोग मलेरिया से ग्रस्त पाए गए हैं, जिन्हें मलेरिया की नियमित दवाई दी गई है. इस दौरान गांव के दो गर्भवती महिलाओं की जांच भी की गई.

कुष्ट रोग और मधुमेह के मरीज
कटेमा में जांच के दौरान एक कुष्ट रोग का मरीज पाया गया है. मरीज को प्रारंभिक दवाई दी गई है. वहीं बेहतर इलाज के लिए खैरागढ़ सिविल अस्पताल आकर इलाज कराने की हिदायत दी गई है. ग्रामीणों की जांच के दौरान चार ग्रामीण उच्च रक्तचाप और एक मरीज मधुमेह से पीड़ित पाया गया है.

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