राजनंदगांव: जिले में स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि सर्दी-खांसी, बुखार या कोरोना से संबंधित अन्य लक्षण वाले मरीजों से बिना किसी डर के कोरोना जांच अनिवार्य रूप से करवाएं. 24 घंटे के भीतर ही जांच करा लें जिससे स्थितियां खराब ना हो और लोगों की जान बचाई जा सके. जिले में अब तक लगभग 1 लाख 55 हजार 908 लोगों की जांच की जा चुकी है. 133 लोगों की मृत्यु हो चुकी है और रिकवरी रेट भी लगभग 90 प्रतिशत है.
लक्षण दिखने पर 24 घंटे के भीतर जांच कराएं
सीएमएचओ डॉ. मिथलेश चौधरी ने बताया कि, कोरोना के लक्षण सर्दी, खांसी, बुखार, स्वाद नहीं आना, गंध नहीं आन, दस्त की शिकायत होना है. लक्षण आने पर 24 घंटे के भीतर जांच करवाना स्वास्थ्य के लिए काफी बेहतर होगा. जिले में जितनी भी मृत्यु कोरोना संक्रमण वालों की होती है, उनमें से 95 प्रतिशत लोगों लक्षण होने पर देरी से करोने जांच करवाया है. कई लोग यह कहने लगते हैं कि कोरोना जांच कराने पर रिपोर्ट पॉजिटिव ही आती है, जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है और यह सिर्फ अफवाह है.
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रिपोर्ट आने पर क्या करें
डॉ. चौधरी ने बताया कि होम आइसोलेशन उनको दिया जाता है. जिनके पास पॉजिटिव मरीज के लिए पृथक से अटैच टॉयलेट वाला कमरा हो, 60 साल के नीचे जिन्हें कोई अन्य बीमारी न हो और किसी भी प्रकार का कोरोना का लक्षण न हो ऐसे मरीज घर पर 17 दिन के लिए आईसोलेट रहेगा. न घर पर कोई आयेगा और न ही कोई घर से बाहर जायेगा. कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए एक पल्स आक्सीमीटर व थर्मामीटर का उपयोग भी किया जा सकता है. पल्स आक्सीमीटर से प्रतिदिन 3 टाइम ऑक्सीजन लेवल की जांच करना चाहिए और यदि संबंधित का आक्सीजन लेवल 95 से कम हो तो तत्काल डॉक्टर की सलाह की सलाह लेनी चाहिए.
रोकथाम के लिए करें ये काम
कोरोना संक्रमण की रोकथाम और इससे बचाव हेतु जन-जागरूकता के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से मॉस्क पहनने और सैनेटाइजर के सही तरीकों का भी प्रचार किया जा रहा है. जिसमें लोगों को इस बात के लिए प्रेरित करने का प्रयास किया जा रहा है कि मॉस्क पहनने पर नाक और मुंह ढककर ही रखें. सार्वजनिक जगह पर थूकना भी खतरनाक है. इसी तरह समय-समय पर हाथों को सावधानी से सैनेटाइज करना चाहिए, जिससे संक्रमण का खतरा न बढ़े.