Patal Bhairavi Temple: पाताल भैरवी मंदिर की महिमा, माता के नौ रुपों के साथ बारह ज्योर्तिंलिंग स्थापित, यहां दर्शन से सारे दुख होते हैं दूर ! - patal bhairavi temple rajnandgaon
Patal Bhairavi Temple छत्तीसगढ़ की संस्कारधानी के नाम से मशहूर राजनांदगांव में धार्मिक स्थलों की कोई कमी नहीं है.जिले में डोंगरगढ़ की मां बमलेश्वरी मंदिर तो विश्व विख्यात हैं ही, साथ ही साथ राजनांदगांव शहर का प्रसिद्ध पाताल भैरवी मंदिर लोगों को अपनी ओर खींचता है. इस मंदिर के दर्शन के लिए सिर्फ छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि आसपास के राज्यों से भी श्रद्धालु आते हैं. इस मंदिर की खास बात ये है कि ये तीन खंडों में बना हुआ है.
राजनांदगांव : छत्तीसगढ़ की संस्कारधानी का पाताल भैरवी मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र बन चुका है. माता का ये मंदिर 28 साल पहले बनकर तैयार हुआ.तब से लेकर आज तक इस मंदिर की ख्याति बढ़ती ही गई. सावन और नवरात्रि के अवसर पर इस मंदिर में भक्तों की भीड़ देखते ही बनती है.यहां होने वाले अनुष्ठानों में लाखों की संख्या में भक्त शामिल होते हैं.
खास तरीके से बना है मंदिर : इस मंदिर की बनावट खास तरीके से की गई है. शिवलिंग के आकार में मंदिर का प्रांगण बनाया गया है. जिसमें तीन खंड बने हैं.सबसे ऊपर के खंड में भगवान शिव के 12 शिवलिंगों के दर्शन भक्त करते हैं. इसके बाद बीच के खंड में मां राजराजेश्वरी भव्य नौ रुपों में विराजित की गईं हैं.वहीं आखिरी खंड में पाताल भैरवी मां काली के रुप के दर्शन होते हैं.मां पाताल भैरवी मंदिर जमीन के भीतर 15 फीट नीचे बनाया गया है.प्रतिमा की ऊंचाई लगभग 15 फीट है. मंदिर के सिर पर एक बड़ा शिवलिंग दिखाई देता है.जिसके सामने बड़ी नंदी की प्रतिमा लगाई गई है. हाल ही में मंदिर में स्फटिक शिवलिंग की स्थापना की गई है.
मंदिर में दूर-दूर से जुटते हैं श्रद्धालु : इस मंदिर में छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों से श्रद्धालु आते हैं.जो मंदिर में आकर मनोकामना मांगते हैं.मनोकामना पूरी होने के बाद वो मंदिर में आकर देवी देवताओं का आशीर्वाद लेते हैं.
'' यहां माता से मुराद मांगने पर हर मनोकामना पूर्ण होती है. इसी कारण हर बार नवरात्र पर्व के अलावा अन्य मौकों पर भी माता के दर्शन के लिए यहां पहुंचते हैं .मनोकामना पूर्ण होने पर नारियल और अन्य चीजें अर्पित कर विधि विधान से पूजा अर्चना करते हैं." दीपक साहू,श्रद्धालु
शरद पूर्णिमा में बंटती है विशेष खीर : नवरात्र पर्व पर विशेष तौर पर भक्तों की भीड़ उमड़ती है. इसके साथ ही शरद पूर्णिमा के दिन मंदिर समिति औषधि युक्त खीर का मुफ्त वितरण करती है.ऐसा माना जाता है कि जड़ी बूटियों से मिश्रित इस खीर से कई तरह की बीमारियों का इलाज होता है.खासकर दमा,अस्थमा और सांस से संबंधित मरीज यदि इस खीर का सेवन कर ले तो उनकी तकलीफ कम हो जाती है.इसलिए शरद पूर्णिमा वाले दिन इस मंदिर में पैर रखने की भी जगह नहीं होती.