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सड़क दुर्घटना मामला: गांव में एक साथ जली चार चिताएं, घंटों चली बैठक के बाद सुलझा विवाद

राजनांदगांव के अर्जुनी में (accident in Rajnandgaon) महिला मजदूरों से भरी गाड़ी पेड़ से टकरा गई थी. इस हादसे में 4 महिला मजदूरों (four laborers died in accident) की मौत हो गई थी. जिनका अंतिम संस्कार शुक्रवार को किया गया. घंटों चली बैठक के बाद नाराज ग्रामीणों ने मृतकों का अंतिम संस्कार किया.

funeral of laborers
एक साथ जलीं चार चिताएं
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Published : Jun 12, 2021, 10:23 AM IST

राजनांदगांव: बीते गुरुवार को अर्जुनी में हुए सड़क हादसे (road accident) को लेकर रातापायली गांव में सुबह से ही तनाव का माहौल रहा. मामले को सुलझाने और मृतक के परिजनों को मनाने के लिए पुलिस और प्रशासन को घंटों बैठक करनी पड़ी. तब कहीं जाकर सुलह-समझौता हो पाया. तब जाकर मृतकों के परिजन और ग्रामवासी पंचनामा कार्रवाई और अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए.

राजनांदगांव सड़क हादसा मामला

क्या है मामला ?

मजदूरों से भरी मालवाहक गाड़ी अर्जुनी-रातापायली मार्ग पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. जिसमें दो महिला मजदूरों की मौके पर मौत (death of women laborers) हो गई थी, जबकि एक ने डोंगरगांव अस्पताल में दम तोड़ा और चौथी महिला ने राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Rajnandgaon Medical College Hospital) में अंतिम सांस ली थी. वहीं दो अन्य मजदूरों को गंभीर हालत में बेहतर इलाज के लिए मेकाहारा अस्पताल रायपुर (Raipur Mekahara Hospital) रेफर किया गया था. जहां उनकी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है.

घर जा रहे थे मजदूर

इस गंभीर घटना के बाद से ही गांव में लगातार तनाव की स्थिति बनी हुई थी. पुलिस के मुताबिक मालवाहक गाड़ी में कुल 15 महिला मजदूरों सहित एक वाहन चालक भी शामिल था. जो एबीस कंपनी के केशला प्लांट से बारदाना सिलाई का काम कर अपने घर लौट रहे थे.

rajnandgaon road accident
राजनांदगांव में दुर्घटना

बैठक के बाद राजी हुए ग्रामीण

गुरुवार शाम को दुर्घटना के बाद से ही रातापायली गांव, रीवागहन और अर्जुनी में तनाव की स्थिति थी. देर शाम मृतकों के परिजन और ग्रामीण गुस्से में अपने घरों को लौट गए थे. 11 जून शुक्रवार सुबह स्थिति को भांपते हुए पुलिस और प्रशासन रातापायली गांव पहुंचे. यहां सामुदायिक भवन में घंटों चली बैठक में ग्रामीणों को मनाने में पुलिस और प्रशासन के पसीने छूट गए. आखिरकार एबीस प्रबंधन के मृतक के परिजनों को 5 लाख और घायलों को दो-दो लाख देने की बात पर सहमति बनी.

राजनांदगांव में सड़क हादसे में 4 लोगों की मौत, 11 घायल

एबीस प्रबंधन ने मृतक के परिजनों को राहत राशि के रूप में 1-1 लाख रुपये नकद दिए. तब जाकर ग्रामीण और मृतक के परिजन डोंगरगांव और राजनांदगांव अस्पताल पहुंचे. जिसके बाद पंचनामा और पोस्टमार्टम की कार्रवाई पूरी की गई.

एक साथ जली चार चिताएं

समझौता बैठक के बाद ग्रामीणों ने मृतकों के अंतिम संस्कार की तैयारी की. पोस्टमार्टम के बाद पहुंचे शवों का अंतिम संस्कार किया गया. परिजनों ने एक साथ मृतकों को मुखाग्रि दी. ग्रामीणों ने बताया कि एक लापरवाही के चलते गांव में एक साथ चार चिताएं जल रही हैं और गांव में चारों ओर मातम पसर गया है.

rajnandgaon road accident
पुलिस- प्रशासन और ग्रामीणों की बैठक

हादसे में 4 मृत और 12 घायल

सड़क हादसे में मृतक महिला मजदूरों में सरोज बाई, (पति बहादुर निषाद), शिवकुमारी साहू, (पति भूषण साहू), जंत्रीबाई, (पति शिव कौशिक) और सुमित्रा ठाकुर (पति लखन ठाकुर) शामिल हैं. सभी रातापायली गांव के रहने वाले थे. ड्राइवर जितेंद्र साहू जो कि सुखरी का रहने वाला है, उसके सहित अन्य 11 लोग भी थे.

पुलिस व प्रशासन का दोहरा रवैया

लॉकडाउन के दौरान आम जनता के लिए प्रशासन और पुलिस ने काफी सख्ती बरती है. एक तरफ छोटी सी गलती पर भारी जुर्माना वसूला जाता. वहीं दूसरी ओर बड़ी और नामी कंपनी के मजदूरों को मालवाहक सहित अन्य वाहनों में जानवरों की तरह ढोया जाता है, जिन पर अब तक कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं की गई है. फिलहाल इन घटना में डोंगरगांव पुलिस ने आरोपी चालक के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर लिया है.

राजनांदगांव: बीते गुरुवार को अर्जुनी में हुए सड़क हादसे (road accident) को लेकर रातापायली गांव में सुबह से ही तनाव का माहौल रहा. मामले को सुलझाने और मृतक के परिजनों को मनाने के लिए पुलिस और प्रशासन को घंटों बैठक करनी पड़ी. तब कहीं जाकर सुलह-समझौता हो पाया. तब जाकर मृतकों के परिजन और ग्रामवासी पंचनामा कार्रवाई और अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए.

राजनांदगांव सड़क हादसा मामला

क्या है मामला ?

मजदूरों से भरी मालवाहक गाड़ी अर्जुनी-रातापायली मार्ग पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. जिसमें दो महिला मजदूरों की मौके पर मौत (death of women laborers) हो गई थी, जबकि एक ने डोंगरगांव अस्पताल में दम तोड़ा और चौथी महिला ने राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Rajnandgaon Medical College Hospital) में अंतिम सांस ली थी. वहीं दो अन्य मजदूरों को गंभीर हालत में बेहतर इलाज के लिए मेकाहारा अस्पताल रायपुर (Raipur Mekahara Hospital) रेफर किया गया था. जहां उनकी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है.

घर जा रहे थे मजदूर

इस गंभीर घटना के बाद से ही गांव में लगातार तनाव की स्थिति बनी हुई थी. पुलिस के मुताबिक मालवाहक गाड़ी में कुल 15 महिला मजदूरों सहित एक वाहन चालक भी शामिल था. जो एबीस कंपनी के केशला प्लांट से बारदाना सिलाई का काम कर अपने घर लौट रहे थे.

rajnandgaon road accident
राजनांदगांव में दुर्घटना

बैठक के बाद राजी हुए ग्रामीण

गुरुवार शाम को दुर्घटना के बाद से ही रातापायली गांव, रीवागहन और अर्जुनी में तनाव की स्थिति थी. देर शाम मृतकों के परिजन और ग्रामीण गुस्से में अपने घरों को लौट गए थे. 11 जून शुक्रवार सुबह स्थिति को भांपते हुए पुलिस और प्रशासन रातापायली गांव पहुंचे. यहां सामुदायिक भवन में घंटों चली बैठक में ग्रामीणों को मनाने में पुलिस और प्रशासन के पसीने छूट गए. आखिरकार एबीस प्रबंधन के मृतक के परिजनों को 5 लाख और घायलों को दो-दो लाख देने की बात पर सहमति बनी.

राजनांदगांव में सड़क हादसे में 4 लोगों की मौत, 11 घायल

एबीस प्रबंधन ने मृतक के परिजनों को राहत राशि के रूप में 1-1 लाख रुपये नकद दिए. तब जाकर ग्रामीण और मृतक के परिजन डोंगरगांव और राजनांदगांव अस्पताल पहुंचे. जिसके बाद पंचनामा और पोस्टमार्टम की कार्रवाई पूरी की गई.

एक साथ जली चार चिताएं

समझौता बैठक के बाद ग्रामीणों ने मृतकों के अंतिम संस्कार की तैयारी की. पोस्टमार्टम के बाद पहुंचे शवों का अंतिम संस्कार किया गया. परिजनों ने एक साथ मृतकों को मुखाग्रि दी. ग्रामीणों ने बताया कि एक लापरवाही के चलते गांव में एक साथ चार चिताएं जल रही हैं और गांव में चारों ओर मातम पसर गया है.

rajnandgaon road accident
पुलिस- प्रशासन और ग्रामीणों की बैठक

हादसे में 4 मृत और 12 घायल

सड़क हादसे में मृतक महिला मजदूरों में सरोज बाई, (पति बहादुर निषाद), शिवकुमारी साहू, (पति भूषण साहू), जंत्रीबाई, (पति शिव कौशिक) और सुमित्रा ठाकुर (पति लखन ठाकुर) शामिल हैं. सभी रातापायली गांव के रहने वाले थे. ड्राइवर जितेंद्र साहू जो कि सुखरी का रहने वाला है, उसके सहित अन्य 11 लोग भी थे.

पुलिस व प्रशासन का दोहरा रवैया

लॉकडाउन के दौरान आम जनता के लिए प्रशासन और पुलिस ने काफी सख्ती बरती है. एक तरफ छोटी सी गलती पर भारी जुर्माना वसूला जाता. वहीं दूसरी ओर बड़ी और नामी कंपनी के मजदूरों को मालवाहक सहित अन्य वाहनों में जानवरों की तरह ढोया जाता है, जिन पर अब तक कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं की गई है. फिलहाल इन घटना में डोंगरगांव पुलिस ने आरोपी चालक के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर लिया है.

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