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किसान संगठनों ने खोला सरकार के खिलाफ मोर्चा, जानें क्या है केंद्र और राज्य सरकार से मांग

राजनांदगांव में किसानों को मक्के की खरीदी में समर्थन मूल्य नहीं मिल पाया जिसे लेकर किसान आक्रोशित है. इसके साथ ही कई मांगों को लेकर किसान संगठनों ने राज्य और केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया है.

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किसान संगठनों ने किया प्रदर्शन
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Published : Jun 11, 2020, 5:18 PM IST

Updated : Jun 11, 2020, 5:24 PM IST

राजनांदगांव: किसान विरोधी नीतियों को लेकर किसान संगठन ने आज राज्य और केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए प्रदर्शन किया है. जिला किसान संघ के नेतृत्व में किसानों ने आज कलेक्ट्रेट के सामने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए प्रदर्शन किया. उसके बाद किसानों ने राज्यपाल के नाम अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.

किसान संगठनों ने केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन

किसानों का कहना है कि लगातार केंद्र और राज्य सरकार किसानों के साथ छल कर रही है. समर्थन मूल्य में अब तक बढ़ोतरी नहीं की गई है इसके कारण किसान को उसकी फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है. दूसरी ओर राज्य सरकार ने भी समर्थन मूल्य की राशि एकमुश्त किसानों को देने की बात कही थी लेकिन अब किसानों के साथ छल किया जा रहा है. अब तक किसानों को समर्थन मूल्य के अंतर की राशि नहीं मिल पाई है.

जमीन अधिग्रहण में मिले नौकरी और चार गुना मुआवजा

किसानों ने मांग की है कि तीसरी रेलवे लाइन प्रभावित किसान परिवार के एक सदस्य को नौकरी और चार गुना मुआवजा दिया जाए ताकि किसानों का भविष्य सुरक्षित हो सके. किसानों का कहना है कि लगातार तीसरी रेल लाइन के निर्माण में किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है इसके चलते किसानों की रोजी-रोटी का जरिया भी खत्म हो रहा है बावजूद इसके रेलवे मुआवजा देने से भी पीछे हट रहा है.

मक्के का भी नहीं मिल पाया उचित मूल्य

प्रदर्शन के दौरान किसान संघ के जिला अध्यक्ष सुदेश टीकम का कहना है कि मक्के की खेती करने वाले किसानों को भी सरकार उचित मूल्य देने में नाकाम रही है. यही कारण है कि किसान आज मक्के की खेती करके पछता रहा है. कर्ज लेकर खेती करने वाले किसान आज कर्ज के तले दब चुके हैं और राज्य सरकार उन्हें राहत देने की दिशा में कोई भी प्रयास नहीं कर रहा है.

पढ़ें - बिना परमिशन रिश्तेदार के अंतिम संस्कार में शामिल होने नागपुर से आए संबंधी, प्रशासन ने लौटाया

ये हैं किसानों की मांगें-


1. इस सीजन के लिए धान और अन्य खरीफ फसलों के लिए घोषित समर्थन मूल्य को नकारते हुए स्वामीनाथन आयोग के सी-2 फार्मूले के अनुसार फसल के लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य देने और धान का समर्थन मूल्य 3465 रूपए घोषित किया जाए.
2. केंद्र सरकार मंडी कानून और आवश्यक वस्तु अधिनियम के अध्यादेश के जरिए बदलने और ठेका कृषि को कानूनी दर्जा देने के मंत्रिमंडल के फैसले को निरस्त करे.
3. बिजली क्षेत्र के निजीकरण का फैसला वापस लिया जाए.
4. तीसरी रेलवे लाइन और डोंगरगढ़ वाया मुंगेली, कवर्धा, खैरागढ़ 255 किमी रेलवे लाइन में प्रभावित कृषकों के परिवार के एक सदस्य को योग्यतानुसार नौकरी और चार गुना मुआवजा दिया जाए.
5. मनरेगा को कृषि कार्य से जोड़ा जाए.

ये है राज्य सरकार से किसानों की मांगें-


1. सभी उत्पादक किसानों का मक्का समर्थन मूल्य पर लिया जाए.
2. सहकारी बैंक 2017 का ऋण माफ किया जाए और राष्ट्रीयकृत बैंकों को ऋण माफी की पूरी राशि तत्काल दी जाए. इसके अलावा निजी बैंक के केसीसी धारकों को भी ऋण माफी योजना का लाभ दिया जाए.
3. धान खरीदी अंतर की राशि एक मुश्त दी जाए.
4. छत्तीसगढ़ के प्रवासी मजदूरों को उनके गांव घरों तक मुफ्त पहुंचाने उनके भरण-पोषण के लिए मुफ्त खाद्यान्न, मनरेगा रोजगार और नकद आर्थिक सहायता दी जाए.
5. रेलवे लाइन प्रभावितों (तीसरी लाइन + डोंगरगढ़-कवर्धा रेलवे लाइन) के परिवार के एक सदस्य को नौकरी और चार गुना मुआवजा के लिए सूची रेलवे को दी जाए.
6. रबी फसल की क्षतिपूर्ति राशि प्रति हेक्टर 25 हजार दिया जाए.

राजनांदगांव: किसान विरोधी नीतियों को लेकर किसान संगठन ने आज राज्य और केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए प्रदर्शन किया है. जिला किसान संघ के नेतृत्व में किसानों ने आज कलेक्ट्रेट के सामने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए प्रदर्शन किया. उसके बाद किसानों ने राज्यपाल के नाम अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.

किसान संगठनों ने केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन

किसानों का कहना है कि लगातार केंद्र और राज्य सरकार किसानों के साथ छल कर रही है. समर्थन मूल्य में अब तक बढ़ोतरी नहीं की गई है इसके कारण किसान को उसकी फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है. दूसरी ओर राज्य सरकार ने भी समर्थन मूल्य की राशि एकमुश्त किसानों को देने की बात कही थी लेकिन अब किसानों के साथ छल किया जा रहा है. अब तक किसानों को समर्थन मूल्य के अंतर की राशि नहीं मिल पाई है.

जमीन अधिग्रहण में मिले नौकरी और चार गुना मुआवजा

किसानों ने मांग की है कि तीसरी रेलवे लाइन प्रभावित किसान परिवार के एक सदस्य को नौकरी और चार गुना मुआवजा दिया जाए ताकि किसानों का भविष्य सुरक्षित हो सके. किसानों का कहना है कि लगातार तीसरी रेल लाइन के निर्माण में किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है इसके चलते किसानों की रोजी-रोटी का जरिया भी खत्म हो रहा है बावजूद इसके रेलवे मुआवजा देने से भी पीछे हट रहा है.

मक्के का भी नहीं मिल पाया उचित मूल्य

प्रदर्शन के दौरान किसान संघ के जिला अध्यक्ष सुदेश टीकम का कहना है कि मक्के की खेती करने वाले किसानों को भी सरकार उचित मूल्य देने में नाकाम रही है. यही कारण है कि किसान आज मक्के की खेती करके पछता रहा है. कर्ज लेकर खेती करने वाले किसान आज कर्ज के तले दब चुके हैं और राज्य सरकार उन्हें राहत देने की दिशा में कोई भी प्रयास नहीं कर रहा है.

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ये हैं किसानों की मांगें-


1. इस सीजन के लिए धान और अन्य खरीफ फसलों के लिए घोषित समर्थन मूल्य को नकारते हुए स्वामीनाथन आयोग के सी-2 फार्मूले के अनुसार फसल के लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य देने और धान का समर्थन मूल्य 3465 रूपए घोषित किया जाए.
2. केंद्र सरकार मंडी कानून और आवश्यक वस्तु अधिनियम के अध्यादेश के जरिए बदलने और ठेका कृषि को कानूनी दर्जा देने के मंत्रिमंडल के फैसले को निरस्त करे.
3. बिजली क्षेत्र के निजीकरण का फैसला वापस लिया जाए.
4. तीसरी रेलवे लाइन और डोंगरगढ़ वाया मुंगेली, कवर्धा, खैरागढ़ 255 किमी रेलवे लाइन में प्रभावित कृषकों के परिवार के एक सदस्य को योग्यतानुसार नौकरी और चार गुना मुआवजा दिया जाए.
5. मनरेगा को कृषि कार्य से जोड़ा जाए.

ये है राज्य सरकार से किसानों की मांगें-


1. सभी उत्पादक किसानों का मक्का समर्थन मूल्य पर लिया जाए.
2. सहकारी बैंक 2017 का ऋण माफ किया जाए और राष्ट्रीयकृत बैंकों को ऋण माफी की पूरी राशि तत्काल दी जाए. इसके अलावा निजी बैंक के केसीसी धारकों को भी ऋण माफी योजना का लाभ दिया जाए.
3. धान खरीदी अंतर की राशि एक मुश्त दी जाए.
4. छत्तीसगढ़ के प्रवासी मजदूरों को उनके गांव घरों तक मुफ्त पहुंचाने उनके भरण-पोषण के लिए मुफ्त खाद्यान्न, मनरेगा रोजगार और नकद आर्थिक सहायता दी जाए.
5. रेलवे लाइन प्रभावितों (तीसरी लाइन + डोंगरगढ़-कवर्धा रेलवे लाइन) के परिवार के एक सदस्य को नौकरी और चार गुना मुआवजा के लिए सूची रेलवे को दी जाए.
6. रबी फसल की क्षतिपूर्ति राशि प्रति हेक्टर 25 हजार दिया जाए.

Last Updated : Jun 11, 2020, 5:24 PM IST
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