राजनांदगांव : जिला किसान संघ ने 4 सूत्रीय मांगों को लेकर जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने फ्लाईओवर के नीचे प्रदर्शन (Farmers demonstrated in Rajnandgaon) किया. किसानों ने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. किसानों ने बीच सड़क पर धान फेंक कर विरोध जताया और कहा कि राज्य सरकार किसानों को जबरदस्ती गुणवत्तापूर्ण वर्मी कंपोस्ट खाद दे रही है. समय पर खाद नहीं मिल रहा है.किसानों ने बड़ी संख्या में पैदल मार्च करते हुए कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे.
क्यों किसान कर रहे विरोध : किसान डीएपी खाद,पोटाश यूरिया और अन्य उर्वरकों की कमी को दूर करने,सहकारी समितियों में किसानों को कम्पोस्ट खाद लेने की अनिवार्यता को खत्म करने,सहकारी समिति में दी जाने वाली गुणवत्ताहीन वर्मी कंपोस्ट खाद में रोक लगाने और अच्छी खाद देने की मांग के साथ गर्मी की धान का उचित मूल्य देने की मांग कर रहे (Farmers adamant on fulfilling the four point demands) हैं.
कैसे किया किसानों ने विरोध : प्रदर्शन के दौरान किसानों ने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. किसानों ने कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने धान फेंककर विरोध प्रदर्शन किया है. साफ तौर पर किसानों का कहना है कि ''उनकी चार सूत्रीय मांगों को राज्य सरकार को पूरा करना होगा.पूरे जिले में पोटाश, यूरिया और उर्वरक खाद की किल्लत है. जबकि मानसून नजदीक है. ऐसे में किसान बिना खाद के कैसे खेती करेंगे.किसानों को बढ़े हुए दाम में बाहर से खाद लेना पड़ रहा है. वहीं सहकारी समितियों के माध्यम से राज्य सरकार वर्मी कंपोस्ट खाद लेने के लिए मजबूर कर रही है जबकि वर्षों से किसान घर की गोबर से खाद बनाकर अपने खेतों में डाल रहे (
How did the farmers protest) हैं''
किसानों का क्या है आरोप : किसानों ने साफ तौर पर कहा कि ''वर्मी कंपोस्ट पूरी तरीके से गुणवत्ताहीन (Allegations of giving quality vermi compost) है. वर्मी कंपोस्ट के नाम पर किसानों को मिट्टी और कंकड़ मिला हुआ खाद दिया जा रहा है. ऐसे में किसानों की फसल कैसे अच्छी होगी. वहीं जिला प्रशासन का कहना है कि ''किसानों ने अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन दिया है. जिसे कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री तक पहुंचाया जाएगा.
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विपक्ष भी सरकार पर लगा रहा आरोप : इस मामले में विपक्ष भी कई बार सरकार को घेर चुका है. विपक्ष का आरोप है कि सरकार किसानों को वर्मी कंपोस्ट खाद खरीदने के लिए विवश कर रही है. जिससे उनकी खेती पर बड़ा असर पड़ा है.