राजनांदगांव : खैरागढ़ में किसानों के उपज बेचने के लिए लाखों रुपयों की लागत से बने कृषि उपज मंडी का लाभ क्षेत्र के किसानों को नहीं मिल रहा है. अमलीपारा में बनें कृषि उपज मंडी में खरीदी के लिए पर्याप्त सुविधा शासन ने उपलब्ध कराई है, लेकिन मंड़ी प्रांगण में कभी खरीदी नहीं हो पाई है. 2 साल पहले शासन ने किसानों और व्यापारियों के बीच सामंजस्य बनाकर खरीदी की प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन किसानों ने घाटे की बात कहकर हाथ पीछे खींच लिया.
मंडी प्रांगण में खरीदी नहीं होने की वजह से किसानों को उपज की सही कीमत नहीं मिल पाती है. जिसका खामियाजा किसानों और अन्नदाताओं को उठाना पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि बड़े व्यापारियों की वजह से उन्हे उपज की सही कीमत नहीं मिल पाती है.
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इलाके में 300 से ज्यादा व्यापारियों का पंजीयन हो चुका है, इसमें शहर के साथ गातापार जंगल, पाडादाह, देवरी, गाडाघाट, मुढीपार, जालबांधा, बाजार अतरिया, ढिमरीनकुआं, बढ़इटोला जैसे इलाकों में भी छोटे व्यापारी सक्रिय हैं.