राजनांदगांव: आमतौर पर सरकारी दफ्तरों में निराश्रितों को पेंशन के लिए अक्सर भटकते देखा जा सकता है, लेकिन जिले के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां पिछले 18 महीनों से एक डॉक्टर अपने पेंशन के लिए भटक रहा है.
मामला है राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज अस्पताल का जहां पर असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर पदस्थ डॉक्टर आरके सकलेचा मार्च 2018 में रिटायर हुए थे. रिटायर होने के बाद उन्होंने अपनी पेंशन के लिए आवेदन किया, लेकिन संचालनालय से अब तक उनके रिटायरमेंट की कोई भी दस्तावेज मेडिकल कॉलेज अस्पताल को नहीं सौंपी गई.
इसकी वजह से उनका पेंशन अब तक नहीं बन पाया है. पेंशन की रकम नहीं मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति पर काफी असर पड़ रहा है. हालात यह है कि अब थक हार कर डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस कर अपना परिवार चला रहा है.
करीब एक दर्जन बार किया पत्राचार
पेंशन प्रकरण में पेंशन को शुरू कराने के लिए करीब एक दर्जन से ज्यादा पत्राचार मेडिकल कॉलेज के डीन ने संचालनालय स्वास्थ्य सेवाओं को किया है, लेकिन अब तक डॉक्टर सकलेचा के प्रकरण में कोई भी आदेश जारी नहीं किए गए हैं. इसकी वजह से उन्हें 18 महीने बीत जाने के बाद भी पेंशन नहीं मिली है.
पीएम-सीएम सहित स्वास्थ्य मंत्री को शिकायत
डॉक्टर सकलेचा ने इस मामले की पूरी शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय और सीएम हाउस सहित स्वास्थ्य मंत्री को भी कर दी. हैरानी की बात तो यह है कि स्वास्थ्य मंत्री के लिखित पत्र आने के बाद भी इस मामले में कोई भी कार्रवाई नहीं की गई. इस वजह से अब डॉक्टर सकलेचा इस मामले की जांच की मांग कर रहे हैं.
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कोर्ट जाने की तैयारी
मामले को लेकर डॉक्टर आरके सकलेचा का कहना है कि 18 महीने से पेंशन नहीं मिलने से वे परेशान हैं. लगातार प्रशासनिक और संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को शिकायत करने के बाद भी मामले में कार्रवाई नहीं की गई. इस कारण वे अब कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. पूरे मामले को लेकर के उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर करने की बात भी कही है.