राजनांदगांव: खनिज संस्थान न्यास DMF के शासी निकाय की पहली बैठक संपन्न हुई. मीटिंग की अध्यक्षता प्रदेश के वन और राजनांदगांव जिले के प्रभारी मोहम्मद अकबर ने की. बैठक में वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए 29 करोड़ 48 लाख रूपए के 350 कार्यों का अनुमोदन किया गया.
इस बैठक में मंत्री मोहम्मद अकबर ने सभी कार्यों के विषय में अधिकारियों से विचार-विमर्श किया. इसमें प्रत्यक्ष खनन प्रभावित क्षेत्र के लिए 22 करोड़ रूपए के 151 कार्य और अप्रत्यक्ष खनन प्रभावित क्षेत्र के लिए 7 करोड़ 47 लाख रूपए के 199 कार्य शामिल हैं. राज्य सरकार की नई नीति के आधार पर स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल, कुपोषण एवं एनीमिया निवारण, स्वच्छता, अधोसंरचना विकास, जनकल्याण और सतत जीविकोपार्जन से संबंधित कार्यों का अनुमोदन किया गया.
प्रत्यक्ष खनन प्रभावित क्षेत्र में अनुमोदन
प्रत्यक्ष खनन प्रभावित क्षेत्र में पेयजल के लिए 5 करोड़ 41 लाख 87 हजार रूपए के 58 कार्य, स्वास्थ्य के लिए 4 करोड़ 86 लाख 50 हजार रूपए के 39 कार्य, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के लिए 2 करोड़ 75 लाख रूपए के 4 कार्य, शिक्षा के लिए 8 करोड़ 26 लाख 65 हजार रूपए के 44 कार्य, स्वच्छता के लिए 10 लाख रूपए के दो कार्य, अधोसंरचना विकास के लिए 60 लाख रूपए के 4 कार्यों का अनुमोदन किया गया.
अप्रत्यक्ष खनन प्रभावित क्षेत्र के लिए अनुमोदन
अप्रत्यक्ष खनन प्रभावित क्षेत्र में पेयजल के लिए 81 लाख रूपए के 23 कार्य, स्वास्थ्य के लिए 17 लाख 50 हजार रूपए के 6 कार्य, कृषि के लिए 1 करोड़ 86 लाख रूपए के 4 कार्य, सतत जीविकोपार्जन के लिए 1 करोड़ 80 लाख रूपए के 3 कार्य, जनकल्याण के एक कार्य के लिए 35 लाख रूपए, अधोसंरचना विकास के लिए 2 करोड़ 33 लाख रूपए के 158 कार्यों और ऊर्जा के लिए 14 लाख 20 हजार रूपए के 4 कार्यों का अनुमोदन किया गया है.
तैयार की गई वार्षिक कार्य योजना
कलेक्टर एवं सदस्य सचिव जयप्रकाश मौर्य ने बैठक में जिला खनिज न्यास संस्थान के नए नियमों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 'न्यास में उपलब्ध कुल राशि के 60 प्रतिशत काम उच्च प्राथमिकता के और 40 प्रतिशत काम अन्य प्राथमिकता के कार्यों में व्यय किया जाना है'.
- कुल व्यय के 20 प्रतिशत से ज्यादा राशि निर्माण संबंधी कार्यों में खर्च नहीं की जा सकेगी.
- राज्य सरकार की नई नीति के अनुसार ही वार्षिक कार्य योजना तैयार की गई.
- पहली बार सोशल ऑडिट भी किया जाना है.
- मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत गंभीर कुपोषित बच्चों और एनीमिया पीड़ित गर्भवती महिलाओं को अतिरिक्त पोषण आहार देने के लिए प्रावधान किया गया है.
- सुपोषण अभियान के तहत गंभीर कुपोषित बच्चों और एनीमिक गर्भवती माताओं को दिए जा रहे अतिरिक्त पोषण आहार की समुचित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए गए.
- मॉनिटरिंग के लिए बनाई गई हर महतारी समिति में बच्चों के 5-5 पालकों भी शामिल करने के निर्देश दिए.