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राजनांदगांव में कांवड़ियों और आदिवासियों के बीच पानी को लेकर हुआ विवाद, ऐसे सुलझा मामला - tribals

राजनांदगांव में आदिवासियों और कांवड़ियों के बीच मंदिर के लिए जल लेने को लेकर विवाद हुआ. फिर प्रशासन के हस्तक्षेप से यह मामला शांत हुआ.

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कांवड़ियों और आदिवासियों के बीच पानी विवाद
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Published : Aug 22, 2021, 8:08 PM IST

राजनांदगांव: सावन के अवसर पर भगवान भोलेनाथ के भक्त शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिए अलग- अलग जगहों से जल लेकर मंदिर पहुंचते हैं. भगवान भोलेनाथ पर जल चढ़ाते हैं. लेकिन पाटेश्वर धाम के लिए जल लेकर जा रहे कांवड़ियों और आदिवासी ग्रामीणों में विवाद की स्थिति पैदा हो गई. यह विवाद अंबागढ़ चौकी के पास गोटाटोला गांव के पास हुई. जब कांवड़िए नहर से जल लेकर जा रहे थे. तब आदिवासियों ने कहा कि पांचवी अनुसूची के तहत जल लेकर जाने वालों को पहले पंचायत से अनुमति लेना जरूरी है. इस वजह से दोनों पक्षों में विवाद की स्थिति पैदा हो गई.


घंटों तक अंबागढ़ में तनाव की स्थिति बनी रही. उसके बाद पुलिस के समझाने पर दोनों पक्ष माने फिर श्रद्धालुओं और कांवड़ियों को वहां से जल लेने दिया गया. जिसके बाद वह जल लेकर भगवान भोलेनाथ को जल चढ़ाने के लिए चले गए. पुलिस ने यहां आदिवासी समुदाय और कांवड़ियों को समझाया तब जाकर बात बनी. उधर आदिवासी समुदाय के स्थानीय नेता सुरजू टेकाम ने इस मामले में आदिवासियों के हितों की अनदेखी का आरोप लगाया है. जबकि प्रशासन ने ऐसी किसी भी बात से इंकार किया है.

कोरबा में खाद की किल्लत से किसान परेशान, ज्यादा कीमत में खाद खरीदने को मजबूर


राजनांदगांव सांसद संतोष पांडेय से जब ईटीवी भारत ने फोन पर बात कि, तो उन्होंने इस सारे विवाद में राज्य सरकार के हाथ की बात कही है. उन्होंने कहा कि सुरजू टेकाम को सरकार की तरफ से संरक्षण प्राप्त है. प्रशासन की सूझ बूझ से मामला सुलझ गया है. सावन के अंतिम दिन श्रद्धालुओं ने विधि विधान से पूजा अर्चना की है

राजनांदगांव: सावन के अवसर पर भगवान भोलेनाथ के भक्त शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिए अलग- अलग जगहों से जल लेकर मंदिर पहुंचते हैं. भगवान भोलेनाथ पर जल चढ़ाते हैं. लेकिन पाटेश्वर धाम के लिए जल लेकर जा रहे कांवड़ियों और आदिवासी ग्रामीणों में विवाद की स्थिति पैदा हो गई. यह विवाद अंबागढ़ चौकी के पास गोटाटोला गांव के पास हुई. जब कांवड़िए नहर से जल लेकर जा रहे थे. तब आदिवासियों ने कहा कि पांचवी अनुसूची के तहत जल लेकर जाने वालों को पहले पंचायत से अनुमति लेना जरूरी है. इस वजह से दोनों पक्षों में विवाद की स्थिति पैदा हो गई.


घंटों तक अंबागढ़ में तनाव की स्थिति बनी रही. उसके बाद पुलिस के समझाने पर दोनों पक्ष माने फिर श्रद्धालुओं और कांवड़ियों को वहां से जल लेने दिया गया. जिसके बाद वह जल लेकर भगवान भोलेनाथ को जल चढ़ाने के लिए चले गए. पुलिस ने यहां आदिवासी समुदाय और कांवड़ियों को समझाया तब जाकर बात बनी. उधर आदिवासी समुदाय के स्थानीय नेता सुरजू टेकाम ने इस मामले में आदिवासियों के हितों की अनदेखी का आरोप लगाया है. जबकि प्रशासन ने ऐसी किसी भी बात से इंकार किया है.

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राजनांदगांव सांसद संतोष पांडेय से जब ईटीवी भारत ने फोन पर बात कि, तो उन्होंने इस सारे विवाद में राज्य सरकार के हाथ की बात कही है. उन्होंने कहा कि सुरजू टेकाम को सरकार की तरफ से संरक्षण प्राप्त है. प्रशासन की सूझ बूझ से मामला सुलझ गया है. सावन के अंतिम दिन श्रद्धालुओं ने विधि विधान से पूजा अर्चना की है

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