राजनांदगांव/डोंगरगांव: बम्हनीभांठा के जंगल में आकाशीय बिजली गिरने से 39 मवेशियों की मौत हो गई है. घटना मंगलवार की दोपहर 2 बजे की है, जब गांव के चरवाहे मवेशियों को सूखानाला बैराज के डूब क्षेत्र के ऊपरी भाग में चरा रहे थे. तभी क्षेत्र में अचानक मौसम बदला और झमाझम बारिश के साथ तेज गर्जना हुई. इसी दौरान वज्रपात की चपेट में आने से गांव के 39 पशुओं की मौत हो गई.
पहाड़ी के बीच जंगल में हुई इस दुर्घटना में बाल-बाल बचे दो चरवाहों तोरण कुमार यादव और पिन्टू यादव ने अपने सामने मवेशियों को दम तोड़ते हुए देखा. उन्होंने बताया कि गाज गिरने के कारण चारों ओर धुंआ छा गया था और मवेशी तड़प रहे थे. जिसके बाद उन्होंने तुरंत मोबाइल के माध्यम से गांव में सूचना दी और बाकी बचे मवेशियों को गांव में वापस लाया.
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सरपंच देवसिंग साहू ने बताया कि बम्हनीभांठा गांव सूखानाला बैराज के डूब क्षेत्र में आने के कारण यहां चारागाह की समस्या है. जिसकी वजह से गांव के सभी मवेशियों को लगभग तीन किलोमीटर दूर चराई के लिए जंगल भेजा जाता है. पहाड़ी के काफी ऊपर हुई इस दुर्घटना की सूचना मिलते ही वे खुद और गांव के जनपद सदस्य बीरेन्द्र साहू मौके पर पहुंचे. प्रशासनिक अधिकारियों को सूचित किया.
मौके पर पहुंचे अधिकारी
घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर तहसीलदार शिवकंवर, टीआई केपी मरकाम और पशु विभाग की टीम पहुंंची थी और खबर लिखे जाने तक पंचनामा की कार्रवाई जारी थी. वहीं सबसे बड़ी समस्या मवेशियों के शवों के कफन-दफन की है. बीच जंगल और खड़ी चढ़ाई के बीच स्थित पहाड़ी से शवों को लाना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है.
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मुआवजे की मांग
ग्रामीणों ने बताया कि वन विभाग की योजन की तहत झाड़ियों की कटाई और सफाई का काम जारी था. सोमवार को भी मजदूर घटना स्थल पर काम के लिए पहुंचे थे. लेकिन घटना के दिन काम बंद होने के चलते मजदूर उस जगह काम के लिए नहीं गए थे.जनपद सदस्य बीरेन्द्र साहू ने शासन-प्रशासन से पशु मालिकों को उचित मुआवजा दिए जाने की मांग की है.