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राजनांदगांव में शव वाहन नहीं मिला तो ट्रैक्टर से ले गए कोरोना संक्रमित की लाश

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Published : Apr 17, 2021, 4:06 PM IST

कोरोना संक्रमित मरीज की मौत के बाद शव को ट्रैक्टर पर ले जाने का मामला सामने आया है. वहीं प्रशासन भी मामले में पर लीपापोती करता नजर आ रहा है.

deadbody of corona infected person taken in tractor
टैक्टर से शव ले जाते कर्मचारी

राजनांदगांव: डोंगरगांव में कोरोना संक्रमित मरीज की मौत के बाद शव को ट्रैक्टर पर ले जाने का मामला सामने आया है. इस पर प्रशासन पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. मामले में प्रशासन का कहना है कि शव को कचरा उठाने वाले वाहन में नहीं बल्कि मुनादी के लिए उपयोग किए जाने वाले वाहन में ले जाया गया है.

deadbody of corona infected person taken in tractor
टैक्टर से शव ले जाते कर्मचारी

मामले को लेकर ETV भारत ने राजनांदगांव कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा से बात की. उनका कहना है कि:

सवाल: कचरा गाड़ी में शव ले जाया गया, दूसरे दिन ट्रैक्टर में लादकर खुले में शव ले जाया गया, क्या इस व्यवस्था में कोई सुधार किया गया ?

जवाब: सभी जगह गाड़ियां लगाई गई है. 1 दिन ऐसा हुआ था ये जानकारी मिली थी. लेकिन अब व्यवस्था में सुधार किया गया है.

सवाल: ट्रैक्टर में लादकर शव ले जाए जा रहे हैं, ऐसा क्यों ? व्यवस्था में ऐसी खामियां क्यों आ रही है ?

जवाब: आसरा गांव में कोई भी सहयोग करने को तैयार नहीं था. सरपंच ने जैसे-तैसे ट्रैक्टर उपलब्ध कराया. तब जाकर शव मुक्तिधाम पहुंच सका. प्रशासन को कोई गाड़ी देने को भी तैयार नहीं है.

सवाल: वाहन उपलब्ध नहीं होने की दशा में आप अधिग्रहण भी कर सकते हैं आपको अधिकार है ?

जवाब: अधिग्रहण कर सकते हैं, लेकिन ड्राइवर कहां से लाएंगे.

सवाल: दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी रख सकते हैं, डीएमएफ मद से भी ड्राइवर रखे जा सकते हैं ?

जवाब: वाहन चलाने के लिए ड्राइवर मिल ही नहीं रहे हैं. कोई आना नहीं चाहता.

राजनांदगांव: शव ले जाने के लिए नहीं मिली एंबुलेंस तो कचरा गाड़ी में ले गए मुक्तिधाम

सवाल: ऐसी स्थिति में तो व्यवस्था में कोई सुधार नहीं आ सकता, पहले दिन कचरा गाड़ी में दूसरे दिन ट्रैक्टर में कब तक खुले में शव भेजे जाते रहेंगे ?

जवाब: मैंने जांच कराई है. पिछले 3 महीने में उस गाड़ी में कचरा उठाने का काम नहीं हो रहा था. मुनादी का काम किया जा रहा था. व्यवस्था में सुधार किया जाएगा. इससे ज्यादा कुछ नहीं कर पाऊंगा.

जनसंपर्क विभाग ने जारी किया प्रेस नोट

डोंगरगांव SDM हितेश पिस्दा ने अपने प्रतिवेदन में कलेक्टर को ये बातें लिखित में दी हैं. जनसंपर्क विभाग ने पूरे मामले में प्रेस नोट जारी कर सफाई दी है. लेकिन इस सफाई में भी लीपापोती साफ झलक रही है. जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि जिस वाहन का उपयोग किया गया है, उसे साफ धुलाकर सैनिटाइज कराया गया है. अब सवाल ये उठता है कि जब टिपर का उपयोग मुनादी में कराया जाता रहा है, तो उसे धुलाई की क्या जरूरत आन पड़ी. उसे आखिर सैनिटाइज क्यों करना पड़ गया. शव ले जाने के बाद उस वाहन को सैनिटाइज करते तो अलग बात होती. लेकिन यहां तो उल्टी गंगा ही बह रही है.

क्या कहते हैं SDM

SDM का कहना है कि मानवीय दृष्टिकोण से नगर पंचायत में शव वाहन उपलब्ध नहीं होने, 1099 मुक्तांजलि शव वाहन प्राप्त नहीं होने और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी शव वाहन नहीं होने पर मुनादी के लिए आरक्षित टीपर क्रमांक 1 को फायर बिग्रेड से धुलाकर, सैनिटाइज करने के बाद वाहन पहली बार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र वाहन चालक सहित 4 कर्मचारी के साथ गाड़ी भेजी गई. SDM का कहना है कि टिपर का इस्तेमाल पिछले 3 महीने से मुनादी के लिए हो रहा था. इससे पहले इस गाड़ी का इस्तेमाल शव डिस्पोज करने के लिए नहीं किया गया है. इस संबंध में निकाय के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और पार्षदों की ओर से तैयार पंचनामा भी लिया गया है.

राजनांदगांव: डोंगरगांव में कोरोना संक्रमित मरीज की मौत के बाद शव को ट्रैक्टर पर ले जाने का मामला सामने आया है. इस पर प्रशासन पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. मामले में प्रशासन का कहना है कि शव को कचरा उठाने वाले वाहन में नहीं बल्कि मुनादी के लिए उपयोग किए जाने वाले वाहन में ले जाया गया है.

deadbody of corona infected person taken in tractor
टैक्टर से शव ले जाते कर्मचारी

मामले को लेकर ETV भारत ने राजनांदगांव कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा से बात की. उनका कहना है कि:

सवाल: कचरा गाड़ी में शव ले जाया गया, दूसरे दिन ट्रैक्टर में लादकर खुले में शव ले जाया गया, क्या इस व्यवस्था में कोई सुधार किया गया ?

जवाब: सभी जगह गाड़ियां लगाई गई है. 1 दिन ऐसा हुआ था ये जानकारी मिली थी. लेकिन अब व्यवस्था में सुधार किया गया है.

सवाल: ट्रैक्टर में लादकर शव ले जाए जा रहे हैं, ऐसा क्यों ? व्यवस्था में ऐसी खामियां क्यों आ रही है ?

जवाब: आसरा गांव में कोई भी सहयोग करने को तैयार नहीं था. सरपंच ने जैसे-तैसे ट्रैक्टर उपलब्ध कराया. तब जाकर शव मुक्तिधाम पहुंच सका. प्रशासन को कोई गाड़ी देने को भी तैयार नहीं है.

सवाल: वाहन उपलब्ध नहीं होने की दशा में आप अधिग्रहण भी कर सकते हैं आपको अधिकार है ?

जवाब: अधिग्रहण कर सकते हैं, लेकिन ड्राइवर कहां से लाएंगे.

सवाल: दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी रख सकते हैं, डीएमएफ मद से भी ड्राइवर रखे जा सकते हैं ?

जवाब: वाहन चलाने के लिए ड्राइवर मिल ही नहीं रहे हैं. कोई आना नहीं चाहता.

राजनांदगांव: शव ले जाने के लिए नहीं मिली एंबुलेंस तो कचरा गाड़ी में ले गए मुक्तिधाम

सवाल: ऐसी स्थिति में तो व्यवस्था में कोई सुधार नहीं आ सकता, पहले दिन कचरा गाड़ी में दूसरे दिन ट्रैक्टर में कब तक खुले में शव भेजे जाते रहेंगे ?

जवाब: मैंने जांच कराई है. पिछले 3 महीने में उस गाड़ी में कचरा उठाने का काम नहीं हो रहा था. मुनादी का काम किया जा रहा था. व्यवस्था में सुधार किया जाएगा. इससे ज्यादा कुछ नहीं कर पाऊंगा.

जनसंपर्क विभाग ने जारी किया प्रेस नोट

डोंगरगांव SDM हितेश पिस्दा ने अपने प्रतिवेदन में कलेक्टर को ये बातें लिखित में दी हैं. जनसंपर्क विभाग ने पूरे मामले में प्रेस नोट जारी कर सफाई दी है. लेकिन इस सफाई में भी लीपापोती साफ झलक रही है. जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि जिस वाहन का उपयोग किया गया है, उसे साफ धुलाकर सैनिटाइज कराया गया है. अब सवाल ये उठता है कि जब टिपर का उपयोग मुनादी में कराया जाता रहा है, तो उसे धुलाई की क्या जरूरत आन पड़ी. उसे आखिर सैनिटाइज क्यों करना पड़ गया. शव ले जाने के बाद उस वाहन को सैनिटाइज करते तो अलग बात होती. लेकिन यहां तो उल्टी गंगा ही बह रही है.

क्या कहते हैं SDM

SDM का कहना है कि मानवीय दृष्टिकोण से नगर पंचायत में शव वाहन उपलब्ध नहीं होने, 1099 मुक्तांजलि शव वाहन प्राप्त नहीं होने और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी शव वाहन नहीं होने पर मुनादी के लिए आरक्षित टीपर क्रमांक 1 को फायर बिग्रेड से धुलाकर, सैनिटाइज करने के बाद वाहन पहली बार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र वाहन चालक सहित 4 कर्मचारी के साथ गाड़ी भेजी गई. SDM का कहना है कि टिपर का इस्तेमाल पिछले 3 महीने से मुनादी के लिए हो रहा था. इससे पहले इस गाड़ी का इस्तेमाल शव डिस्पोज करने के लिए नहीं किया गया है. इस संबंध में निकाय के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और पार्षदों की ओर से तैयार पंचनामा भी लिया गया है.

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