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बंद होने के कगार पर दाल-भात केंद्र, सरकार ने रोकी चावल की सप्लाई - राजनंदगांव

छत्तीसगढ़ में गरीबों को सस्ते दर पर भोजन उपलब्ध कराने के लिए अन्नपूर्णा दाल भात केंद्र खोले गए थे, लेकिन अब इन केंद्रों पर केंद्र सरकार द्वारा दिए जाने वाले चावल की सप्लाई बंद कर दिया गया है.

बंद होने के कगार पर दाल-भात केंद्र
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Published : May 8, 2019, 11:45 AM IST

Updated : May 8, 2019, 8:51 PM IST

राजनांदगांव: जिले में संचालित चार अन्नपूर्णा दाल-भात केंद्र बंद होने के कगार पर है. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह केंद्र सरकार द्वारा दाल-भात केंद्रों को दी जाने वाली मदद बंद होना बताया जा रहा है. केंद्र सरकार से मिलने वाली मदद बंद होने से प्रदेश में संचालित अन्नपूर्णा दाल-भात केंद्र को चलाने में राज्य सरकार ने हाथ खड़े कर दिए हैं.

बंद होने के कगार पर दाल-भात केंद्र

छत्तीसगढ़ में गरीबों को सस्ते दर पर भोजन उपलब्ध कराने के लिए अन्नपूर्णा दाल भात केंद्र खोले गए थे, लेकिन अब इन केंद्रों पर केंद्र सरकार द्वारा दिए जाने वाले चावल की सप्लाई बंद कर दी गई है. ऐसी स्थिति में अन्नपूर्णा दाल-भात केंद्र को बंद करना संचालकों की मजबूरी हो गई है. दाल-भात केंद्र में गरीबों को 10 रुपये में भरपेट भोजन दिया जाता था.

मुख्यालय पहुंचने वाले लोग होते हैं परेशान
ग्रामीण अपनी अलग-अलग परेशानियां लेकर दूर-दराज के इलाके से जिला मुख्यालय पहुंचते हैं. यहां पर उन्हें बेहद ही सस्ते दर पर थाली के हिसाब से भरपेट भोजन मिलता है, लेकिन अब इसे बंद होने से लोगों को परेशानियों के साथ आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है. कलेक्ट्रेट परिसर में संचालित होने के चलते दाल भात केंद्र में ग्रामीणों का जमावड़ा रहता है. अधिकांश लोग यहीं पर भोजन करते थे. इस केंद्र के बंद हो जाने के बाद दूरदराज से आने वाले ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

रेट बढ़ाकर चला रहे केंद्र
अन्नपूर्णा दाल भात केंद्र में शुरुआत में गरीबों को सस्ते दर पर महज 10 रुपए थाली के हिसाब से दाल-भात और एक सब्जी परोसी जाती थी. इसके तहत दाल भात केंद्र को हर महीने 12 क्विंटल चावल की आवश्यकता होती थी, लेकिन अब चावल की सप्लाई बंद होने के बाद से खुले बाजार से चावल खरीद कर केंद्र का संचालन किया जा रहा है, जिससे प्रति थाली की कीमत बढ़ गई है.

संचालन में हो रही कठिनाई
मामले में दाल भात केंद्र के संचालक सुमन साहू का कहना है कि चावल की सप्लाई बंद होने से केंद्र का संचालन करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. काम करने वाले कर्मचारियों का वेतन भी देने में काफी दिक्कतें आ रही है.

आदेश के तहत बंद किया
मामले में कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य का कहना है कि दाल भात केंद्र को बंद करने का आदेश है. इसके चलते केंद्रों में चावल की सप्लाई रोक दी गई है. जिले में चार दाल-भात केंद्र संचालित हैं, इनमें राजनांदगांव, डोंगरगढ़ ब्लॉक शामिल हैं. यहां पर महिला समूह के माध्यम से इन दाल भात केंद्रों का संचालन किया जाता है.

राजनांदगांव: जिले में संचालित चार अन्नपूर्णा दाल-भात केंद्र बंद होने के कगार पर है. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह केंद्र सरकार द्वारा दाल-भात केंद्रों को दी जाने वाली मदद बंद होना बताया जा रहा है. केंद्र सरकार से मिलने वाली मदद बंद होने से प्रदेश में संचालित अन्नपूर्णा दाल-भात केंद्र को चलाने में राज्य सरकार ने हाथ खड़े कर दिए हैं.

बंद होने के कगार पर दाल-भात केंद्र

छत्तीसगढ़ में गरीबों को सस्ते दर पर भोजन उपलब्ध कराने के लिए अन्नपूर्णा दाल भात केंद्र खोले गए थे, लेकिन अब इन केंद्रों पर केंद्र सरकार द्वारा दिए जाने वाले चावल की सप्लाई बंद कर दी गई है. ऐसी स्थिति में अन्नपूर्णा दाल-भात केंद्र को बंद करना संचालकों की मजबूरी हो गई है. दाल-भात केंद्र में गरीबों को 10 रुपये में भरपेट भोजन दिया जाता था.

मुख्यालय पहुंचने वाले लोग होते हैं परेशान
ग्रामीण अपनी अलग-अलग परेशानियां लेकर दूर-दराज के इलाके से जिला मुख्यालय पहुंचते हैं. यहां पर उन्हें बेहद ही सस्ते दर पर थाली के हिसाब से भरपेट भोजन मिलता है, लेकिन अब इसे बंद होने से लोगों को परेशानियों के साथ आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है. कलेक्ट्रेट परिसर में संचालित होने के चलते दाल भात केंद्र में ग्रामीणों का जमावड़ा रहता है. अधिकांश लोग यहीं पर भोजन करते थे. इस केंद्र के बंद हो जाने के बाद दूरदराज से आने वाले ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

रेट बढ़ाकर चला रहे केंद्र
अन्नपूर्णा दाल भात केंद्र में शुरुआत में गरीबों को सस्ते दर पर महज 10 रुपए थाली के हिसाब से दाल-भात और एक सब्जी परोसी जाती थी. इसके तहत दाल भात केंद्र को हर महीने 12 क्विंटल चावल की आवश्यकता होती थी, लेकिन अब चावल की सप्लाई बंद होने के बाद से खुले बाजार से चावल खरीद कर केंद्र का संचालन किया जा रहा है, जिससे प्रति थाली की कीमत बढ़ गई है.

संचालन में हो रही कठिनाई
मामले में दाल भात केंद्र के संचालक सुमन साहू का कहना है कि चावल की सप्लाई बंद होने से केंद्र का संचालन करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. काम करने वाले कर्मचारियों का वेतन भी देने में काफी दिक्कतें आ रही है.

आदेश के तहत बंद किया
मामले में कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य का कहना है कि दाल भात केंद्र को बंद करने का आदेश है. इसके चलते केंद्रों में चावल की सप्लाई रोक दी गई है. जिले में चार दाल-भात केंद्र संचालित हैं, इनमें राजनांदगांव, डोंगरगढ़ ब्लॉक शामिल हैं. यहां पर महिला समूह के माध्यम से इन दाल भात केंद्रों का संचालन किया जाता है.

Intro:राजनांदगांव जिले के गरीबों को आप सस्ते दर पर भोजन उपलब्ध नहीं हो पाएगा क्योंकि जिले में संचालित हो रहे चार अन्नपूर्णा दाल भात केंद्र अब बंद होने के कगार पर आ गए हैं इसके पीछे सबसे बड़ी वजह सामने यह आई है कि केंद्र सरकार ने इन दाल भात केंद्रों को दी जाने वाले चावल के कोटे को पूरी तरीके से बंद कर दिया है इसके चलते अब अन्नपूर्णा दाल भात केंद्र को चला पाना संभव नहीं है.


Body:बता दें कि गरीबों को सस्ते दर पर भोजन उपलब्ध कराने के लिए अन्नपूर्णा दाल भात केंद्र पूरे प्रदेश में खोला गया था लेकिन अब इन केंद्रों पर केंद्र सरकार से दी जाने वाले चावल के कोठे की सप्लाई बंद करने के आदेश आ चुके हैं ऐसी स्थिति में अन्नपूर्णा दाल भात केंद्र को बंद करना संचालकों की मजबूरी है यहां पर यह बताना लाजमी है कि अन्नपूर्णा दाल भात केंद्र पर गरीबों को ₹10 में भरपेट भोजन दिया जाता था दाल भात केंद्र में दी जाने वाली थाली में चावल दाल और एक सब्जी परोसी जाती है वहीं यहां भोजन करने वाले लोगों को भर पेट भोजन दिया जाता है.
जिले में संचालित है चार केंद्र
राजनांदगांव जिले में चार दाल भात केंद्र संचालित है इनमें राजनांदगांव डोंगरगढ़ ब्लॉक शामिल है यहां पर महिला समूह के माध्यम से इन दाल भात केंद्रों का संचालन किया जाता है पहले ही परेशानी से जूझ रहे इन दाल भात केंद्रों पर अब केंद्र सरकार से चावल के कोटे की सप्लाई बंद किए जाने के आदेश आने के बाद से अब दाल भात केंद्र के पूरी तरीके से बंद होने की संभावना बन रही है.
मुख्यालय पहुंचने वाले लोग होते हैं परेशान
जिला मुख्यालय में करीब 100 किलोमीटर दूर से अपनी अलग अलग परेशानी लेकर ग्रामीण जिला मुख्यालय पहुंचते हैं यहां पर उन्हें बेहद ही सस्ते दर पर ₹10 थाली के हिसाब से भरपेट भोजन मिलता है वहीं उन्हें शहर में दूसरी जगह भटकना भी नहीं पड़ता कलेक्ट्रेट परिसर में संचालित होने के चलते दाल भात केंद्र में ग्रामीणों का जमावड़ा रहता है अधिकांश लोग यही पर भोजन करते हैं इस केंद्र के बंद हो जाने के बाद दूरदराज से आने वाले ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा.
रेट बढ़ाकर चला रहे
अन्नपूर्णा दाल भात केंद्र के शुरुआत में गरीबों को यहां पर सस्ते दर पर महज ₹10 थाली के हिसाब से दाल भात और एक सब्जी परोसी जाती थी इसके तहत दाल भात केंद्र को हर माह 12 क्विंटल चावल की आवश्यकता होती थी लेकिन अब चावल की सप्लाई बंद होने के बाद से खुले बाजार से चावल खरीद कर केंद्र का संचालन किया जा रहा है इसलिए प्रति थाली ₹10 की राशि अतिरिक्त बढ़ाई गई है.
कठिनाई आ रही
इस मामले में अन्नपूर्णा दाल भात केंद्र के संचालक सुमन साहू का कहना है कि चावल के कोटे की सप्लाई बंद होने से दाल भात केंद्र का संचालन करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है वही काम करने वाले कर्मचारियों का वेतन भी देने में काफी परेशानी हो रही है पहले 12 क्विंटल चावल की आवश्यकता माह भर में केंद्र को होती थी सप्लाई बंद होने के बाद बाजार में खुले दाम में खरीदना पड़ रहा है वहीं गैस के बढ़ते रेट से उन्हें काफी नुकसान हो रहा है.
आदेश के तहत बंद किया
इस मामले में कलेक्टर जय प्रकाश मौर्य का कहना है कि अन्नपूर्णा दाल भात केंद्र की स्कीम को बंद करने का आदेश आया है इसके चलते वहां पर चावल की सप्लाई रोक दी गई है जिलेभर के केंद्र इससे प्रभावित हो रहे हैं.


Conclusion:
Last Updated : May 8, 2019, 8:51 PM IST
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