राजनांदगांव: जिले में संचालित चार अन्नपूर्णा दाल-भात केंद्र बंद होने के कगार पर है. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह केंद्र सरकार द्वारा दाल-भात केंद्रों को दी जाने वाली मदद बंद होना बताया जा रहा है. केंद्र सरकार से मिलने वाली मदद बंद होने से प्रदेश में संचालित अन्नपूर्णा दाल-भात केंद्र को चलाने में राज्य सरकार ने हाथ खड़े कर दिए हैं.
छत्तीसगढ़ में गरीबों को सस्ते दर पर भोजन उपलब्ध कराने के लिए अन्नपूर्णा दाल भात केंद्र खोले गए थे, लेकिन अब इन केंद्रों पर केंद्र सरकार द्वारा दिए जाने वाले चावल की सप्लाई बंद कर दी गई है. ऐसी स्थिति में अन्नपूर्णा दाल-भात केंद्र को बंद करना संचालकों की मजबूरी हो गई है. दाल-भात केंद्र में गरीबों को 10 रुपये में भरपेट भोजन दिया जाता था.
मुख्यालय पहुंचने वाले लोग होते हैं परेशान
ग्रामीण अपनी अलग-अलग परेशानियां लेकर दूर-दराज के इलाके से जिला मुख्यालय पहुंचते हैं. यहां पर उन्हें बेहद ही सस्ते दर पर थाली के हिसाब से भरपेट भोजन मिलता है, लेकिन अब इसे बंद होने से लोगों को परेशानियों के साथ आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है. कलेक्ट्रेट परिसर में संचालित होने के चलते दाल भात केंद्र में ग्रामीणों का जमावड़ा रहता है. अधिकांश लोग यहीं पर भोजन करते थे. इस केंद्र के बंद हो जाने के बाद दूरदराज से आने वाले ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
रेट बढ़ाकर चला रहे केंद्र
अन्नपूर्णा दाल भात केंद्र में शुरुआत में गरीबों को सस्ते दर पर महज 10 रुपए थाली के हिसाब से दाल-भात और एक सब्जी परोसी जाती थी. इसके तहत दाल भात केंद्र को हर महीने 12 क्विंटल चावल की आवश्यकता होती थी, लेकिन अब चावल की सप्लाई बंद होने के बाद से खुले बाजार से चावल खरीद कर केंद्र का संचालन किया जा रहा है, जिससे प्रति थाली की कीमत बढ़ गई है.
संचालन में हो रही कठिनाई
मामले में दाल भात केंद्र के संचालक सुमन साहू का कहना है कि चावल की सप्लाई बंद होने से केंद्र का संचालन करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. काम करने वाले कर्मचारियों का वेतन भी देने में काफी दिक्कतें आ रही है.
आदेश के तहत बंद किया
मामले में कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य का कहना है कि दाल भात केंद्र को बंद करने का आदेश है. इसके चलते केंद्रों में चावल की सप्लाई रोक दी गई है. जिले में चार दाल-भात केंद्र संचालित हैं, इनमें राजनांदगांव, डोंगरगढ़ ब्लॉक शामिल हैं. यहां पर महिला समूह के माध्यम से इन दाल भात केंद्रों का संचालन किया जाता है.