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किसानों पर दोहरी मार, बर्बाद हुई चने की फसल का मुआवजा आते ही सहकारी बैंक ने बंद किए खाते

राजनांदगांव के किसानों की बर्बाद हुई चने की फसल का मुआवजा आते ही सहकारी बैंक ने उनके खाते बंद कर दिए हैं. ऐसी स्थिति में किसानों को अपने खाते से फसल बीमा की राशि निकालने के लिए बैंक के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. इस मामले में बैंक के सीईओ ने उचित जांच की बात कही है.

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सहकारी बैंक ने किसानों के खाते किए बंद
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Published : Sep 1, 2020, 11:16 AM IST

राजनांदगांव: जिले के किसानों पर इस बार दोहरी मार पड़ी है. पहले तो मूसलाधार बारिश ने किसानों की चने की फसलों को बर्बाद कर दिया. अब जब किसानों को राज्य सरकार की ओर से मुआवजा मिल रहा है, तो सहकारी बैंक ने उनके खाते ही बंद कर दिए हैं. ऐसी स्थिति में किसानों को अपने खाते से फसल बीमा की राशि निकालने के लिए बैंक के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.

सहकारी बैंक ने किसानों के खाते किए बंद

किसानों ने बताया कि उन्होंने 2019-20 में चने की फसल का बीमा कराया था. मौसम में आए बदलाव की वजह से फसलें बर्बाद हो गई, तो किसानों ने राज्य सरकार से मुआवजे की मांग की. इसके बाद बीमा कंपनी ने फसल बीमा की राशि किसानों के खाते में ट्रांसफर की. इन सब के बाद भी किसानों के सामने नई मुसीबत खड़ी हो गई है. जिला सहकारी केंद्रीय बैंक ने सैकड़ों किसानों के खाते बंद कर दिए हैं. अब हालात ये हैं कि फसल बीमा की राहत राशि खाते से निकालने के लिए किसान लगातार बैंक के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है.

खाते से राशि निकालने का आरोप

किसानों का ये भी कहना है कि चने की फसल का मुआवजा खाते में आने के बाद उनके खाते से राशि निकाली गई है. इस बात की पूरी जानकारी लेने जब किसान बैंक पहुंच रहे हैं, तो कर्मचारी उन्हें कुछ भी बताने से मना कर रहे हैं. अब इस पूरे मामले में किसानों ने जांच की मांग की है.

बैंक कर्मचारियों का जवाब गोलमोल

इस मामले में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में पदस्थ कर्मचारियों का जवाब गोलमोल है. किसानों ने इसे लेकर बैंक के सीईओ सुनील वर्मा से शिकायत की, जिसपर उनका कहना है कि मामले की उचित जांच कराई जाएगी और किसानों के खाते किस वजह से बंद किए गए हैं इसका भी पता लगाया जाएगा.

राजनांदगांव: जिले के किसानों पर इस बार दोहरी मार पड़ी है. पहले तो मूसलाधार बारिश ने किसानों की चने की फसलों को बर्बाद कर दिया. अब जब किसानों को राज्य सरकार की ओर से मुआवजा मिल रहा है, तो सहकारी बैंक ने उनके खाते ही बंद कर दिए हैं. ऐसी स्थिति में किसानों को अपने खाते से फसल बीमा की राशि निकालने के लिए बैंक के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.

सहकारी बैंक ने किसानों के खाते किए बंद

किसानों ने बताया कि उन्होंने 2019-20 में चने की फसल का बीमा कराया था. मौसम में आए बदलाव की वजह से फसलें बर्बाद हो गई, तो किसानों ने राज्य सरकार से मुआवजे की मांग की. इसके बाद बीमा कंपनी ने फसल बीमा की राशि किसानों के खाते में ट्रांसफर की. इन सब के बाद भी किसानों के सामने नई मुसीबत खड़ी हो गई है. जिला सहकारी केंद्रीय बैंक ने सैकड़ों किसानों के खाते बंद कर दिए हैं. अब हालात ये हैं कि फसल बीमा की राहत राशि खाते से निकालने के लिए किसान लगातार बैंक के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है.

खाते से राशि निकालने का आरोप

किसानों का ये भी कहना है कि चने की फसल का मुआवजा खाते में आने के बाद उनके खाते से राशि निकाली गई है. इस बात की पूरी जानकारी लेने जब किसान बैंक पहुंच रहे हैं, तो कर्मचारी उन्हें कुछ भी बताने से मना कर रहे हैं. अब इस पूरे मामले में किसानों ने जांच की मांग की है.

बैंक कर्मचारियों का जवाब गोलमोल

इस मामले में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में पदस्थ कर्मचारियों का जवाब गोलमोल है. किसानों ने इसे लेकर बैंक के सीईओ सुनील वर्मा से शिकायत की, जिसपर उनका कहना है कि मामले की उचित जांच कराई जाएगी और किसानों के खाते किस वजह से बंद किए गए हैं इसका भी पता लगाया जाएगा.

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