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राजनांदगांव: कहीं टापू बना गांव तो कहीं प्यासे तड़प रहे लोग, यहां पूरे गांव में एक ही हैंडपंप - बेलगांव के लोग पानी की समस्या से जूझ रहे है

पानी की समस्या से जूझ रहे लोग कलेक्टर ऑफिस पहुंचे. वहां पहुंच उन्होंने पानी की समस्या की जानकारी कलेक्टर को दी.

बेलगांव के ग्रामीण पहुंचे कलेक्टोरेट
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Published : Aug 6, 2019, 8:35 PM IST

Updated : Aug 6, 2019, 9:40 PM IST

राजनांदगांव: लगातार हो रही बारिश के कारण कई गांव टापू बन गए हैं. वहीं दूसरी तरफ कई गांव ऐसे भी हैं जो पानी के लिए तरस रहे हैं. ये कहानी बेलगांव की है, जहां बारिश के न होने से हैंडपंप भी सूख गए हैं.

बेलगांव के ग्रामीण पहुंचे कलेक्टोरेट

ग्रामीण बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं. पानी की समस्या को लेकर ग्रामीण 100 किलोमीटर का सफर तय कर कलेक्टर ऑफिस पहुंचे और कलेक्टर से पेयजल की समस्या दूर करने की गुहार लगाई.

दरअसल, जिला मुख्यालय से तकरीबन 100 किलोमीटर दूर खैरागढ़ ब्लॉक के बेलगांव के ग्रामीण पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. इस पूरे गांव में सिर्फ एक हैंडपंप है, जिसके पानी से ग्रामीण अपनी प्यास बूझाते थे जो अब सूख गया है.

पढ़ें : ETV भारत की खबर का असर, मातृछाया सदन होगा बच्चे का नया आशियाना

एक ही बोर चालू
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में एक ही बोर चालू है, जो गांव में लगे ट्रांसफार्मर के भरोसे चलता है. साथ ही इस ट्रांसफार्मर के जरिए दूसरे गांव को भी बोर का कनेक्शन दिया गया है. इसके कारण बार-बार ट्रांसफार्मर में खराबी आ रही है. इससे गांववालों को पानी नहीं मिल पाता है वहीं बोर सूखने के कगार पर भी आ चुका है. पीने के पानी और निस्तारी को लेकर के गांव में काफी समस्या आ रही है.

शिकायत कर थक चुके ग्रामीण
ग्रामीणों ने बताया कि वे इस मामले को लेकर लगातार अधिकारियों से शिकायत करके थक चुके हैं, इसलिए आज भी 100 किलोमीटर का सफर तय कर वे कलेक्टर से गुहार लगाने राजनांदगांव पहुंचे हुए हैं. उन्होंने बताया कि कलेक्टर से मिलकर उन्होंने इस मामले की शिकायत की है. ग्रामीणों ने यह भी बताया कि पीएचई विभाग इस मामले में ध्यान ही नहीं दे रहा है.

राजनांदगांव: लगातार हो रही बारिश के कारण कई गांव टापू बन गए हैं. वहीं दूसरी तरफ कई गांव ऐसे भी हैं जो पानी के लिए तरस रहे हैं. ये कहानी बेलगांव की है, जहां बारिश के न होने से हैंडपंप भी सूख गए हैं.

बेलगांव के ग्रामीण पहुंचे कलेक्टोरेट

ग्रामीण बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं. पानी की समस्या को लेकर ग्रामीण 100 किलोमीटर का सफर तय कर कलेक्टर ऑफिस पहुंचे और कलेक्टर से पेयजल की समस्या दूर करने की गुहार लगाई.

दरअसल, जिला मुख्यालय से तकरीबन 100 किलोमीटर दूर खैरागढ़ ब्लॉक के बेलगांव के ग्रामीण पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. इस पूरे गांव में सिर्फ एक हैंडपंप है, जिसके पानी से ग्रामीण अपनी प्यास बूझाते थे जो अब सूख गया है.

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एक ही बोर चालू
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में एक ही बोर चालू है, जो गांव में लगे ट्रांसफार्मर के भरोसे चलता है. साथ ही इस ट्रांसफार्मर के जरिए दूसरे गांव को भी बोर का कनेक्शन दिया गया है. इसके कारण बार-बार ट्रांसफार्मर में खराबी आ रही है. इससे गांववालों को पानी नहीं मिल पाता है वहीं बोर सूखने के कगार पर भी आ चुका है. पीने के पानी और निस्तारी को लेकर के गांव में काफी समस्या आ रही है.

शिकायत कर थक चुके ग्रामीण
ग्रामीणों ने बताया कि वे इस मामले को लेकर लगातार अधिकारियों से शिकायत करके थक चुके हैं, इसलिए आज भी 100 किलोमीटर का सफर तय कर वे कलेक्टर से गुहार लगाने राजनांदगांव पहुंचे हुए हैं. उन्होंने बताया कि कलेक्टर से मिलकर उन्होंने इस मामले की शिकायत की है. ग्रामीणों ने यह भी बताया कि पीएचई विभाग इस मामले में ध्यान ही नहीं दे रहा है.

Intro:राजनांदगांव जिला मुख्यालय से तकरीबन 100 किलोमीटर दूर खैरागढ़ ब्लॉक के बेलगांव के ग्रामीण प्यास से जूझ रहे हैं गांव में ना तो पीने को पानी मिल रहा है और ना ही निस्तारी के लिए गांव में केवल एक ही हैंडपंप था जिसके भरोसे पूरा गांव प्यास बुझाता था लेकिन वह भी अब सूख चुका है ग्रामीणों को पीने के लिए एक बूंद पानी भी नसीब नहीं हो पा रहा है इस समस्या को लेकर के आज ग्रामीणों ने 100 किलोमीटर दूर तक का सफर तय कर कलेक्टर से पेयजल की समस्या दूर करने के लिए गुहार लगाई है.


Body:ग्रामीणों ने बताया कि गांव में एक ही बार चालू है जो गांव में लगे ट्रांसफार्मर के भरोसे चलता है लेकिन इस ट्रांसफार्मर के जरिए दूसरे गांव को भी बोर का कनेक्शन दिया गया है इसके चलते बार-बार ट्रांसफार्मर में खराबी आ रही है इससे गांव वालों को पानी नहीं मिल पाता है वही बोर सूखने के कगार पर भी आ चुका है पीने के पानी और निस्तारी को लेकर के गांव में काफी समस्या आ रही है।
शिकायत कर थक चुके
ग्रामीणों ने बताया कि वे इस मामले को लेकर लगातार अधिकारियों से शिकायत कर थक चुके हैं इसलिए आज भी 100 किलोमीटर का सफर तय कर कलेक्टर से गुहार लगाने राजनांदगांव पहुंचे हुए हैं उन्होंने बताया कि कलेक्टर से मिलकर उन्होंने इस मामले की शिकायत की है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि पीएचई विभाग इस मामले में ध्यान ही नहीं दे रहा है।


Conclusion:कम बारिश ने बढ़ाई चिंता
सावन में भी गांव के बोर सूख चुके हैं वहीं इस साल अपेक्षा से कम बारिश ने ग्रामीणों की चिंता और भी बढ़ा दी है इस साल बारिश अगर ठीक से नहीं होती तो गांव में पेयजल की बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है।
Last Updated : Aug 6, 2019, 9:40 PM IST
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