राजनांदगांव: डोंगरगढ़ ब्लॉक के कृषि फार्म हॉउस के किसानों को खराब क्वॉलिटी का मलचिंग शीट (झिल्ली) बेचा जा रहा है, जिसके कारण किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. किसानों को कृषि कंपनी और बीज निगम के जरिए मलचिंग शीट (झिल्ली) की सप्लाई की गई है. किसानों ने बताया कि शीट एक बार लेने से दो साल तक चलती है, लेकिन इस बार जो शीट उन्हें दी गई है, वो दो महीने में ही फट गया है.
किसानों का कहना है, कोरोना संकट के कारण सब्जियां बाहर सप्लाई नहीं हो रही है, जिससे उन्हें पहले ही काफी नुकसान उठाना पड़ा है. अब उनके साथ इस तरह की धोखा-धड़ी भी की जा रही है. किसानों ने बताया कि बाजार में झिल्ली 1800 से 2000 रुपये में मिल जाती है जो 5 से 6 बार सीजन तक चलती है. लेकिन इस बार उद्यानिकी विभाग डोंगरगढ़ ने उन्हें सब्सिडी के नाम पर 1144 रुपये की झिल्ली 1150 रुपये में दिया गया है, जो एक ही सीजन में खराब हो गई है.
पढ़ें- किसानों पर दोहरी मार, बर्बाद हुई चने की फसल का मुआवजा आते ही सहकारी बैंक ने बंद किए खाते
किसानों को पड़ी दोहरी मार
किसानों का कहना है कि इस कोरोना के संकट से वे उबरे भी नहीं हैं कि फिर से उन्हें उद्यानिकी विभाग ने चूना लगा दिया. मल्चिंग शीट (झिल्ली) फटने की वजह से किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है. किसानों ने बताया, पौधों में फल-फूल लगे ही थे कि झिल्ली फटने से वे पौधे अब धीरे-धीरे मरने लगे हैं.
अधिकारियों पर ठगी का आरोप
इस संबंध में किसानों ने उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों पर ठगी करने का आरोप लगाया है. वहीं जब उद्यानिकी विभाग के अधिकारी से बात करना चाह तो वो कैमरे के सामने कुछ भी कहने से इंकार कर दिए, लेकिन गलती स्वीकार करते हुए मौखिक बोल दिए हैं कि किसानों को नई मलचिंग शीट (झिल्ली) दिया जाएगा. कृषि विकास निगम के जिला प्रबंधक आरके श्रीवास्तव का कहना है कि किसान अगर चाहें तो उन्हें नई मलचिंग शीट (झिल्ली) का पैसा लौटा दिया जाएगा.