राजनांदगांव: कोरोना वायरस संक्रमण से राजनांदगांव जिला पिछले 1 साल से जूझ रहा है. 17 मार्च को राजनांदगांव में कोरोना वायरस का सबसे पहला मामला सामने आया था. शहर के भरका पारा इलाके में 25 साल का युवक संक्रमित पाया गया था. इसके बाद से अबतक जिले में कोरोना वायरस से जंग जारी है. इस जंग में मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सेंट्रल लैब की भूमिका अहम है. क्योंकि जिले में अब तक 2 लाख 75 हजार आरटीपीसीआर टेस्ट इसी लैब में किया गया है.
बता दें कि कोरोना महामारी की रोकथाम के लिये शासकीय मेडिकल कॉलेज पेण्ड्री राजनांदगांव में वीआरडीएल (वायरल रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लैबोरेट्री) लैब ने पूरे समर्पण भाव के साथ काम किया है. उपलब्ध संसाधनों के बीच कोविड-19 के 2 लाख 75 हजार सैम्पल की जांच पूर्ण कर ली है. यह उपलब्धि लैब ने मात्र 9 माह में हासिल की है.
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7 अगस्त 2020 से सेवा दे रहा लैब
कोविड लैब 7 अगस्त 2020 से निरंतर कार्यरत है. वीआरडीएल लैब में काम कर रहे लैब इन्चार्ज डॉ. सिध्दार्थ पिंपलकर ने बताया कि लैब में कार्यरत अधिकारी, वैज्ञानिक, टेक्निशियन, लैब सहायक व डाटा एन्ट्री आपरेटर के अथक परिश्रम और समर्पण से यह कार्य संभव हो सका. लैब का काम सुचारू रूप से चलने में डॉ. विजय अंबादे, डॉ. सुरेंदर कौर, इ. नवीन और नेहा कुमारी का विशेष योगदान रहा.
5 जिलों के सैंपल यहां पहुंचते हैं
राजनांदगांव स्थित वीआरडीएल लैब में राजनांदगांव, बालोद, बेमेतरा और कबीरधाम से आने वाले कोविड-19 आरटीपीसीआर सैंपल की जांच की जा रही है. इसके अलावा भी समय-समय पर राज्य की जरूरतों के अनुसार अन्य जगह के सैम्पल का भी यहां जांच किया गया है. आसपास के 5 जिलों के सैंपल लगातार मेडिकल कॉलेज अस्पताल स्थित लैब में आ रहे हैं.