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सरपंच-मजदूरों की फीकी दिवाली, नहीं हुआ बकाया राशि का भुगतान

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Published : Oct 21, 2019, 6:06 PM IST

जिला पंचायत से ग्राम पंचायतों को मिलने वाले 14 वित्त आयोग की राशि अब तक नहीं मिल पाई है 32 करोड़ 95 लाख की राशि अब तक नहीं मिली है.

14 वित्त आयोग की राशि अब तक नहीं मिली

राजनांदगांव: इस दिवाली से जिले के सरपंच और मनरेगा मजदूरों के लिए काली होने वाली है. जिला पंचायत को 14वें वित्त आयोग की 32 करोड़ 95 लाख रुपये का अबतक भुगतान नहीं हुआ है. वहीं मनरेगा मजदूरों को 2019-20 का 19 करोड़ रुपये का भुगतान भी अटका है. ऐसे में न तो सरपंचों के पास पैसे हैं और न ही मनरेगा मजदूरों को मजदूरी मिली है.

जिला पंचायत से ग्राम पंचायतों को मिलने वाली 14वें वित्त आयोग की राशि अब तक नहीं मिल पाई है. पहला किस्त 32 करोड़ 95 लाख रुपये मई माह में जारी किए गए थे, इसके बाद पंचायतों को कोई फंड नहीं दिया गया है.

मनरेगा मजदूरों को भी नहीं मिली मजदूरी
जिला पंचायत से 16 करोड़ रुपये की राशि मनरेगा के तहत मजदूरी भुगतान और मटेरियल भुगतान के लिए दी जानी है. इसमें 6 करोड रुपये मजदूरों का बकाया है, लेकिन यह राशि अब तक नहीं मिल पाई है. इसके चलते मजदूरों को इस बार दिवाली मनाने के लिए भी सोचना पड़ रहा है.

जिलेभर में 14वें वित्त आयोग और मनरेगा के तहत ही ग्राम पंचायतों में सबसे ज्यादा काम कराये गए हैं, लेकिन अबतक के 49 करोड़ रुपये का भुगतान जिला पंचायत में अटका पड़ा है. इस कारण सरपंचों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है.

राजनांदगांव: इस दिवाली से जिले के सरपंच और मनरेगा मजदूरों के लिए काली होने वाली है. जिला पंचायत को 14वें वित्त आयोग की 32 करोड़ 95 लाख रुपये का अबतक भुगतान नहीं हुआ है. वहीं मनरेगा मजदूरों को 2019-20 का 19 करोड़ रुपये का भुगतान भी अटका है. ऐसे में न तो सरपंचों के पास पैसे हैं और न ही मनरेगा मजदूरों को मजदूरी मिली है.

जिला पंचायत से ग्राम पंचायतों को मिलने वाली 14वें वित्त आयोग की राशि अब तक नहीं मिल पाई है. पहला किस्त 32 करोड़ 95 लाख रुपये मई माह में जारी किए गए थे, इसके बाद पंचायतों को कोई फंड नहीं दिया गया है.

मनरेगा मजदूरों को भी नहीं मिली मजदूरी
जिला पंचायत से 16 करोड़ रुपये की राशि मनरेगा के तहत मजदूरी भुगतान और मटेरियल भुगतान के लिए दी जानी है. इसमें 6 करोड रुपये मजदूरों का बकाया है, लेकिन यह राशि अब तक नहीं मिल पाई है. इसके चलते मजदूरों को इस बार दिवाली मनाने के लिए भी सोचना पड़ रहा है.

जिलेभर में 14वें वित्त आयोग और मनरेगा के तहत ही ग्राम पंचायतों में सबसे ज्यादा काम कराये गए हैं, लेकिन अबतक के 49 करोड़ रुपये का भुगतान जिला पंचायत में अटका पड़ा है. इस कारण सरपंचों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है.

Intro:राजनांदगांव जिलेभर के सरपंच ठन ठन गोपाल हो चुके हैं जिला पंचायत से 14वें वित्त आयोग की ₹32 करोड़ 95 लाख की राशि अब तक नहीं मिली है वहीं मनरेगा के तहत वर्ष 2019-20 का 19 करोड़ रुपए का भुगतान अटका पड़ा है. ऐसे में ना तो सरपंचों के पास पैसे हैं और ना ही वह मनरेगा के तहत मजदूरी करवाने के बाद भुगतान देने की स्थिति में है इसके चलते सरपंच तो कर्ज में लदे हुए हैं वही मजदूरों की दिवाली पर भी इस बार संकट मंडरा रहा है.


Body:जिला पंचायत से ग्राम पंचायतों को मिलने वाले 14 वित्त आयोग की राशि अब तक के नहीं मिल पाई है प्रथम कृष्ण ₹32 करोड़ 95 लाख मई माह में रिलीज किए गए थे इसके बाद से अब तक के सेकंड किस्त का अता पता नहीं है इसके चलते सरपंच अब कर्ज लेकर ग्राम पंचायत के काम निपटा रहे हैं लंबे समय से सरपंच जिला पंचायत के चक्कर काटकर थक चुके हैं इसके चलते अब वे कभी भी आंदोलन कर सकते हैं.
मनरेगा की मजदूरी भी नहीं मिली
जिला पंचायत से 16 करोड रुपए की राशि मनरेगा के तहत मजदूरी भुगतान और मटेरियल भुगतान के लिए दी जानी है इनमें अकेले 6 करोड रुपए की राशि मजदूरों को उनकी मजदूरी दी जानी है लेकिन यह राशि अब तक के नहीं मिल पाई है इसके चलते मजदूरों को इस बार दिवाली मनाने के लिए भी सोचना पड़ रहा है.


Conclusion:मिली जानकारी के अनुसार जिलेभर में 14 वित्त आयोग और मनरेगा के तहत ही ग्राम पंचायतों में सबसे ज्यादा कार्य कराए गए हैं लेकिन अब तक के ₹49 करोड़ का भुगतान जिला पंचायत में अटका पड़ा है इस कारण सरपंचों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो चुकी है लगातार सरपंच प्रशासन से इस मामले में हल निकालने के लिए गुहार लगा रहा है इसके पूर्व भी सरपंच संघ के अध्यक्ष चंद्र कुमार साहू ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए भुगतान की मांग की थी.
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