राजनांदगांव: लॉकडाउन में शासन से छूट मिलने के बाद गांवों में मनरेगा के तहत विकास कार्य शुरू कराए जाएंगे. इस दौरान मजदूरों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा और सैनिटाइजर और साबुन का उपयोग भी करना अनिवार्य होगा. इसके अलावा मास्क पहनकर ही काम करने की अनुमति दी जाएगी.
कोरोना वायरस के कारण देश के सामने आर्थिक संकट बड़ी चुनौती बन गई है. इस समस्या के निपटने के लिए राज्य सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की मंशा से मनरेगा के तहत विभिन्न कार्यों को मंजूरी दे दी है. इसी कड़ी में राजनांदगांव जिले में भी ग्रामीणों को मनरेगा के तहत रोजगार मुहैया कराने का काम शुरू करने की तैयारी है. कुल 812 ग्राम पंचायतों में 1 लाख 4 हजार 115 श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा.
अर्थव्यवस्था मजबूत करने की दिशा में काम
जिला पंचायत सीईओ तनूजा सलाम ने बताया कि जिले में मनरेगा के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा देने के लिए काम शुरू कर दिया गया है. रोजगार के साथ कोरोना वायरस से बचाव संबंधित उपायों का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है.
निर्देशों के पालन पर निगरानी के लिए मॉनिटरिंग टीम
श्रमिकों को सख्त निर्देश है कि उन्हें कार्यस्थल पर मास्क पहनकर ही आना है. इसके लिए मॉनिटरिंग टीम भी बनाई गई है, साथ ही एक कर्मचारी की ड्यूटी अलग से केवल श्रमिकों का हाथ धुलवाने के लिए लगाई जाएगी. इसके अलावा ऐसे मजदूरों पर भी नजर रखी जाएगी, जो बाहर से आए हैं. उनके क्वॉरेंटाइन की अवधि पूरी होने के बाद ही उन्हें काम दिया जाएगा.