रायपुर: भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के बेहतरीन हरफनमौला खिलाड़ियों में शुमार युवराज सिंह ने सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी. युवी के संन्यास लेने से क्रिकेट प्रेमी और खिलाड़ियों में निराशा है. क्रिकेट प्रेमियों और युवराज के चाहने वालों का कहना है कि उन्होंने क्रिकेट टीम को एक नया आयाम दिया है और भारतीय क्रिकेट टीम को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है.
क्या कहते हैं लोग
क्रिकेट प्रेमी और क्रिकेट खिलाड़ी ने अजय रामनानी ने कहा युवराज सिंह को कुछ दिनों तक भारतीय क्रिकेट टीम में बने रहना था. इसी के साथ क्रिकेट प्रेमी दुर्गेश जंघेल ने कहा कि इतने कम समय में संन्यास लेना निराशा जनक है. इसी के साथ सुधीर तंबोली ने बताया युवराज सिंह को अभी संन्यास नहीं लेना था.
युवराज के सफर पर नजर
- युवराज सिंह ने अपने वनडे कैरियर की शुरुआत वर्ष 2000 में की थी. युवराज सिंह ने वर्ष 2007 में T20 विश्वकप और साल 2011 में विश्वकप के खिलाड़ी रहे हैं. उन्हीं की बदौलत इंडिया को जीत मिली थी.
- खिलाड़ी युवराज सिंह लगभग 2 सालों से कैंसर से भी पीड़ित रहे.
- कैंसर के बाद भी उन्होंने फिर से क्रिकेट में वापसी की जो कहीं ना कहीं क्रिकेट प्रेमियों और क्रिकेट के खिलाड़ियों के लिए एक शुभ संकेत रहा.
- युवराज ने अपना अंतिम टेस्ट साल 2012 में खेला था. सीमित ओवरों के क्रिकेट में वह अंतिम बार 2017 में दिखे थे. युवराज ने साल 2000 में पहला वनडे, 2003 में पहला टेस्ट और 2007 में पहला टी-20 मैच खेला था.
- चंडीगढ़ में साल 1981 में जन्में युवराज ने भारत के लिए 40 टेस्ट, 304 वनडे और 58 टी-20 मैच खेले. टेस्ट में युवराज ने तीन शतकों और 11 अर्धशतकों की मदद से कुल 1900 रन बनाए जबकि वनडे में उन्होंने 14 शतकों और 52 अर्धशतकों की मदद से 8701 रन जुटाए.
- टी-20 मैचों में युवराज ने कुल 1177 रन बनाए. इसमें आठ अर्धशतक शामिल हैं. युवराज ने टेस्ट मैचों में 9, वनडे में 111 और टी-20 मैचो में 28 विकेट भी लिए हैं. युवराज ने 2008 के बाद कुल 231 टी-20 मैच खेले हैं और 4857 रन बनाए हैं. उन्होंने टी-20 मैचों में 80 विकेट भी लिए हैं.
- भारत ने जब साल 2011 में महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में दूसरी बार आईसीसी विश्व कप जीता था, तब 37 साल के युवराज एक लड़ाके के रूप में सामने आए थे. युवराज ने उस विश्व कप में 362 रन (एक शतक और चार अर्धशतक) बनाने के अलावा 15 विकेट भी हासिल किए थे और चार बार मैन ऑफ द मैच के अलावा प्लेअर ऑफ द टूर्नामेंट चुने गए थे.