रायपुर: सड़कों पर आप अगर तेज स्पीड से बाइक चलाने का शौक रखते हैं, तो सावधान हो जाइए. क्योंकि अब आप ट्रैफिक पुलिस के रडार पर हैं.
यातायात पुलिस को पुलिस मुख्यालय से दो स्पीड रडार दिए गए हैं, जो एक किलोमीटर के दायरे में तेज बाइक चलाने वालों को खोज निकालेंगे. तेलीबांधा और पचपेड़ी नाका यातायात विभाग को स्पीड रडार मिल चुके हैं. स्पीड रडार यातायात व्यवस्था को नियंत्रित करने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं. अब तक यातायात विभाग द्वारा 75 ऐसे वाहनों पर कार्रवाई की गई है, जो तेज रफ्तार गाड़ी चलाते पाए गए थे.
इस तरह से काम करता है रडार
- पुलिस तेज रफ्तार में बाइक और गाड़ी चलाने वालों को उसी समय पकड़ सकती है. क्योंकि रडार की स्क्रीन पर गाड़ी नंबर और वाहन मालिका का नाम डिस्पले हो जाता है
- पुलिस को दो ही स्पीड राडार मशीन मिली है. मशीन में हाईटेक कैमरा और लेजर सिस्टम लगा हुआ है. रडार करीब एक किलोमीटर के दायरे में हाई स्पीड वाहनों का पता लगाता है.
- इसमें वीडियो रिकॉर्डिंग सुविधा के साथ फोटो खींचने का भी विकल्प है. साथ ही इस स्पीड रडार में जीपीएस सिस्टम भी लगा हुआ है, जो गाड़ियों का लोकेशन भी बताता है.
- मशीन से आटोमेटिक प्रिंट निकलता है. जिसमें गाड़ी की रफ्तार लोकेशन नंबर मालिक का नाम तारीख और समय लिखा होता है.
- पुलिस मुख्यालय से दो मशीनें मिलने के बाद इसे इंटरसेप्टर व्हीकल में लगाकर ट्रायल भी शुरू कर दिया गया है. इसके लिए ट्रैफिक के जवानों को मशीन चलाने की ट्रेनिंग भी दी गई है.
- पुलिस अधिकारियों ने बताया कि स्पीड राडार मशीन में नाइट विजन कैमरा की लगा हुआ है, जो रात में हल्की रोशनी में भी गाड़ी की रफ्तार बताता है.
रडार हाई स्पीड बाइकर्स के लिए है खतरा
सड़क पर हाई स्पीड बाइकर्स अपने साथ साथ दूसरों के लिए खतरा पैदा करते हैं. अफसरों के अनुसार इसके अलावा कुछ अन्य इलाकों में हाई स्पीड बाइकर्स लोगों को परेशान करते हैं. लेकिन पुलिस ने कुछ खास इलाके तय कर लिए हैं. पहले चरण में उन्हीं इलाकों में इंटरसेप्टर वाहन तैनात कर हाई स्पीड वाहन चालकों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि 40 फीसदी हादसे हाई स्पीड की वजह से होते हैं.