रायपुर : सनातन धर्म में सूर्य देव प्रमुख देवताओं में से एक हैं. वैदिक काल से सूर्य भगवान की पूजा चली आ रही है.माना जाता है कि जो भक्त सच्चे मन से सूर्य देव की पूजा उपासना करता है उसकी सभी इच्छाएं सूर्यदेव अवश्य पूरी करते हैं. सूर्य देव एक ऐसे देवता हैं जिनके हम हर दिन साक्षात दर्शन करते हैं. ऐसे में सूर्य देव को रोजाना अर्घ्य देना लाभदायक माना गया है. लेकिन रविवार के दिन विशेष रूप से सूर्यदेव को अर्घ्य देना चाहिए. सूर्य देव की पूजा करने से सुख-समृद्धि धन-संपत्ति बनी रहती है और सूर्य देव भक्तों को दुश्मनों से दूर रखते हैं. मान्यताओं के अनुसार, रविवार के दिन व्रत रखने से तथा कथा का पाठ करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. अगर आप भी रविवार का व्रत रख रहे हैं तो यहां जानें रविवार व्रत की पूजा विधि, आरती और महत्व.
रविवार व्रत पूजा विधि (Ravivar Vrat Puja Vidhi)
रविवार के दिन स्नान करके भक्तों को साफ कपड़े पहन लेना चाहिए फिर सूर्य देव को स्मरण करके व्रत का संकल्प लेना चाहिए. संकल्प लेने के बाद मंदिर में भगवान सूर्य की मूर्ति की स्थापना करनी चाहिए. इसके बाद भगवान सूर्य को स्नान करवाएं और उन्हें सुगंध, पुष्प अर्पित करें. इसके बाद कथा का पाठ करें और धूप-दीप के साथ सूर्य देव की आरती करें. एक तांबे के कलश में जल ले लें और उसमें फूल और चावल डाल दें. इतना करने के बाद सूर्य देव के मंत्रों का उच्चारण करें और सूर्य देव को जल अर्पित करने के बाद भोजन ग्रहण करें.
रविवार व्रत महत्व (Ravivar Vrat Importance)
मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा-आराधना करता है उसका स्वास्थ्य हमेशा ठीक रहता है. रविवार का व्रत करने से आयु लंबी होती है और सौभाग्य में वृद्धि होती है. सूर्यदेव अपने भक्तों के शारीरिक कष्ट दूर करते हैं और उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. रविवार का व्रत रखने से मान, सम्मान, बुद्धि और विद्या भी बढ़ती है.
रविवार पूजा के नियम (Ravivar Puja Rules)
- सूर्योदय से पहले ही बिस्तर छोड़ देना चाहिए.
- रविवार का व्रत रख रहे हैं तो इस दिन नमक का सेवन का करें.
- रविवार के दिन मांस-मंदिरा का सेवन भी नहीं करना चाहिए.
- रविवार व्रत के दिन सुबह और संध्या सूर्य देव को अर्घ्य देकर प्रणाम करें.