रायपुर: जन्माष्टमी के दिन को खास बनाने के लिए लोगों ने पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं. कान्हा को भोग लगाने के लिए अलग-अलग तरह के पकवान बनाए जाते हैं. कुछ लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं. जन्माष्टमी का व्रत अन्य व्रतों से कुछ अलग होता है. इस दिन भगवान कृष्ण के साथ मां लक्ष्मी की पूजा कर विशेष लाभ पाया जा सकता है.
लक्ष्मी जी को प्रसन्न करना: जन्माष्टमी के दिन श्री हरि विष्णु के साथ ही मां लक्ष्मी की भी पूजा करनी चाहिए. इस दिन देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए अपने घर के दरवाजे को कमल के फूलों से सजाएं. कमल का फूल श्री हरि को अतिप्रिय है, क्योंकि इसमें मां लक्ष्मी का वास माना जाता है.
दिन में खीरा न काटे:जन्माष्टमी के दिन इस व्रत में आप सभी तरह के फलों का सेवन कर सकते हैं, लेकिन इस दिन कान्हा के जन्म से पहले खीरा काटना सही नहीं माना जाता है. दरअसल, खीरे की स्टेम कट करके ही श्री कृष्ण का जन्म होता है. ऐसा कहा जाता है कि खीरे को बच्चे की नाल समझकर कान्हा के जन्म के समय काटा जाता है. इस दिन सुबह से रात की पूजा के पहले तक आप फलों का सेवन कर सकते हैं. रात में साधारण भोजन कर व्रत खोल सकते हैं. हालांकि, जो लोग पूरे दिन व्रत रहना चाहते हैं वह रात के भोजन में फल, दही, दूध और श्रीकृष्ण को लगाए गए भोग का सेवन करें.
इस जन्माष्टमी पर कान्हा को इन भजनों से करें प्रसन्न
कब है जन्माष्टमी? (Shri Krishna Janmashtami 2022): ज्योतिषविदों का कहना है कि इस साल भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 18 अगस्त को रात 9 बजकर 20 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी 19 अगस्त को रात 10 बजकर 59 मिनट तक रहेगा. इसी बीच कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार गुरुवार 18 अगस्त को मनाया जाएगा. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के भक्त उपवास रखते हैं और मंदिर में जाकर उनकी पूजा करते हैं.
जन्माष्टमी पर शुभ मुहूर्त और योग (Janmashtami 2022 muhurt): इस बार अभिजीत मुहूर्त 18 अगस्त को रात 12 बजकर 05 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 56 मिनट तक है. वृद्धि योग भी इस साल 17 अगस्त को शाम 08 बजकर 56 मिनट से लेकर 18 अगस्त को शाम 08 बजकर 41 मिनट तक है. बात करें धुव्र योग की तो इस साल धुव्र योग 18 अगस्त को शाम 08 बजकर 41 मिनट से लेकर 19 अगस्त को शाम 08 बजकर 59 मिनट तक है.