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Eight day of navratri : उपवास रखकर महागौरी के रूप का करें पूजन - महाष्टमी के दिन उपवास का महत्व

नवरात्रि के आठवें दिन दुर्गा के महागौरी रूप की पूजा होती है. इस दिन माता का रूप अति शोभनीय होता है. ऐसी मान्यता है कि महागौरी साक्षात् मां पार्वती का रूप हैं. इसलिए महागौरी को प्रसन्न करने पर शिव की कृपा भी बरसती है.

Eight day of navratri
माता महागौरी को करें प्रसन्न
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Published : Mar 25, 2023, 8:27 PM IST

माता महागौरी को करें प्रसन्न

रायपुर : नवरात्रि का आठवां दिन माता के महागौरी रूप के लिए जाना जाता है. इस दिन भक्तगण हवन पूजन करते हैं. इस वर्ष महागौरी का पूजन बुधवार के दिन पड़ रहा है. इसलिए मिथुन राशि वालों के लिए ये दिन काफी सुख और समृद्धि लाएगा. इस दिन को महाअष्टमी, दुर्गा अष्टमी, अशोक अष्टमी के नामों से भी जाना जाता है.


हवन करते समय किन बातों का रखें विशेष ध्यान : महाष्टमी के पूजन के समय कई जरुरी बातें ध्यान में रखनी चाहिए. जैसे महागौरी के पूजन में आप माता के सिद्ध मंत्रों के साथ गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र और देवी मंत्रों का उच्चारण करें. हवन के लिए शुद्ध आम और पीपल की लकड़ियों का इस्तेमाल होना चाहिए. लकड़ियां पूरी तरह से सूखी होनी चाहिए. गीली लकड़ियों का इस्तेमाल करना हवन में वर्जित माना गया है.

महाष्टमी के दिन उपवास का महत्व : यदि आपने महाष्टमी का उपवास रखा है तो मानिए, आपके सारे कष्ट दूर हो जाएंगे. क्योंकि उपवास, व्रत और साधना करने पर सिद्धि मिलती है. इस दिन निराहार, एकासना या फलाहारी उपवास करना चाहिए. जो लोग उपवास नहीं करते हैं.उन्हें सात्विक और सरल भोजन करना चाहिए. इस दिन ब्रम्हचर्य के व्रत का पालन करना श्रेष्ठकर माना जाता है.

ये भी पढ़ें- नवरात्रि के सातवें दिन कालरात्रि का करें पूजन



माता महागौरी को करें प्रसन्न : उपवास व्रत अनुष्ठान करने पर मां दुर्गा बहुत प्रसन्न होती है. सभी मनोरथों को पूरा करती है. यज्ञ की भस्म को छानकर यदि आप इसे सब्जी या पानी में मिलाकर उपभोग करते हैं तो शारीरिक कष्ट मिट जाते हैं. हवन के भस्म का नियमित रूप से सेवन करने पर पेट के विकार दूर होते हैं.

माता महागौरी को करें प्रसन्न

रायपुर : नवरात्रि का आठवां दिन माता के महागौरी रूप के लिए जाना जाता है. इस दिन भक्तगण हवन पूजन करते हैं. इस वर्ष महागौरी का पूजन बुधवार के दिन पड़ रहा है. इसलिए मिथुन राशि वालों के लिए ये दिन काफी सुख और समृद्धि लाएगा. इस दिन को महाअष्टमी, दुर्गा अष्टमी, अशोक अष्टमी के नामों से भी जाना जाता है.


हवन करते समय किन बातों का रखें विशेष ध्यान : महाष्टमी के पूजन के समय कई जरुरी बातें ध्यान में रखनी चाहिए. जैसे महागौरी के पूजन में आप माता के सिद्ध मंत्रों के साथ गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र और देवी मंत्रों का उच्चारण करें. हवन के लिए शुद्ध आम और पीपल की लकड़ियों का इस्तेमाल होना चाहिए. लकड़ियां पूरी तरह से सूखी होनी चाहिए. गीली लकड़ियों का इस्तेमाल करना हवन में वर्जित माना गया है.

महाष्टमी के दिन उपवास का महत्व : यदि आपने महाष्टमी का उपवास रखा है तो मानिए, आपके सारे कष्ट दूर हो जाएंगे. क्योंकि उपवास, व्रत और साधना करने पर सिद्धि मिलती है. इस दिन निराहार, एकासना या फलाहारी उपवास करना चाहिए. जो लोग उपवास नहीं करते हैं.उन्हें सात्विक और सरल भोजन करना चाहिए. इस दिन ब्रम्हचर्य के व्रत का पालन करना श्रेष्ठकर माना जाता है.

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माता महागौरी को करें प्रसन्न : उपवास व्रत अनुष्ठान करने पर मां दुर्गा बहुत प्रसन्न होती है. सभी मनोरथों को पूरा करती है. यज्ञ की भस्म को छानकर यदि आप इसे सब्जी या पानी में मिलाकर उपभोग करते हैं तो शारीरिक कष्ट मिट जाते हैं. हवन के भस्म का नियमित रूप से सेवन करने पर पेट के विकार दूर होते हैं.

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